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शॉर्ट न्यूज़ : 02 जुलाई , 2024

शॉर्ट न्यूज़ : 02 जुलाई , 2024


ग्लोबल लिवेबिलिटी इंडेक्स, 2024

असम की गवाह संरक्षण योजना

अंतर्राष्ट्रीय स्टील स्लैग रोड सम्मेलन

रवि अग्रवाल बने केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के नए अध्यक्ष

प्रोजेक्ट-76

विश्व खेल पत्रकार दिवस

ग्लोबल इंडिया AI शिखर सम्मेलन 2024

ब्याज समानीकरण योजना

पर्यावरणनुकूल सुपर कैपेसिटर


ग्लोबल लिवेबिलिटी इंडेक्स, 2024

इकोनॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट (EIU) ने ‘ग्लोबल लिवेबिलिटी इंडेक्स, 2024’ जारी किया।

LIVEABLE

ग्लोबल लिवेबिलिटी इंडेक्स के बारे में 

  • यह सूचकांक प्रत्येक वर्ष जारी किया जाता है। यह सूचकांक पांच श्रेणियों के अंतर्गत 30 संकेतकों का उपयोग करके दुनिया भर के 173 शहरों का मूल्यांकन करता है जिसमें शामिल हैं : 
    • स्थिरता
    • स्वास्थ्य देखभाल
    • संस्कृति एवं पर्यावरण
    • शिक्षा 
    • बुनियादी ढांचा

सूचकांक के महत्वपूर्ण निष्कर्ष 

  • विएना (ऑस्ट्रिया) लगातार तीसरे वर्ष इस सूचकांक में शीर्ष स्थान पर बना हुआ है।
  • रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान का कराची और बांग्लादेश की राजधानी ढाका दुनिया के सबसे कम रहने योग्य शहरों में से हैं क्योंकि वे सूची में निचले 10 शहरों में शामिल हैं।
  • सूचकांक के शीर्ष 5 शहर 
    1. वियना, ऑस्ट्रिया
    2. कोपेनहेगन, डेनमार्क
    3. ज्यूरिख, स्विटजरलैंड
    4. मेलबर्न, ऑस्ट्रेलिया
    5. कैलगरी, कनाडा 

INDEX

  • इस वर्ष के सर्वेक्षण में विकासशील देशों में स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा में लाभ के कारण औसत स्कोर में वृद्धि देखी गई। हालांकि, यह कई शीर्ष-स्तरीय शहरों के स्कोर में गिरावट से काफी हद तक ऑफसेट हो गया है।
  • हमास के साथ इजरायल के संघर्ष के कारण तेल अवीव 20 स्थान नीचे खिसककर 112वें स्थान पर आ गया है। 
    • इस वर्ष के सूचकांक में यह सबसे अधिक गिरावट वाला शहर बन गया है।
  • पश्चिमी यूरोप सबसे अधिक रहने योग्य क्षेत्र बना हुआ है, लेकिन विरोध प्रदर्शनों की बढ़ती घटनाओं के कारण स्थिरता स्कोर में गिरावट देखी गई है।
  • सीरिया का दमिश्क अभी भी इस सूची में सबसे निचले पायदान पर है। इसके बाद त्रिपोली (लीबिया), अल्जीयर्स (अल्जीरिया) और लागोस (नाइजीरिया) का स्थान है।

इकोनॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट (ईआईयू) के बारे में

  • यह आर्थिक एवं व्यावसायिक शोध, पूर्वानुमान और विश्लेषण के लिए दुनिया का अग्रणी मंच  है। इसका मुख्यालय लंदन में है।
  • यह दुनिया भर की कंपनियों, सरकारी एजेंसियों, वित्तीय संस्थानों और शैक्षणिक संगठनों के लिए सटीक व निष्पक्ष जानकारी प्रदान करता है। 
  • यह द इकोनॉमिस्ट ग्रुप की बिज़नेस-टू-बिज़नेस शाखा के रूप में स्वतंत्र रूप से काम करता है, जो अंतरराष्ट्रीय व्यापार और विश्व मामलों पर विश्लेषण का प्रमुख स्रोत है।

असम की गवाह संरक्षण योजना

WITNESS

चर्चा में क्यों ?

  • हाल ही में बेहतर न्याय प्रदान करने के लिए असम द्वारा गवाह संरक्षण योजना शुरू की गई।
  • इस योजना के अनुसार, कोई भी गवाह किसी भी मामले में गवाह सुरक्षा आदेश प्राप्त करने के लिए सक्षम प्राधिकारी के सदस्य सचिव के माध्यम से निर्धारित प्रपत्र में गवाह सुरक्षा के लिए आवेदन कर सकता है।
  • सक्षम प्राधिकारी प्रत्येक जिले में जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली एक स्थायी समिति है। 
  • जिले में पुलिस प्रमुख और जिला मजिस्ट्रेट द्वारा नामित एडीसी के पद से नीचे का कोई अधिकारी इसके सदस्य होंगे और जिले में अभियोजन प्रमुख इसके सदस्य सचिव होंगे।
  • खतरे की आशंका के आधार पर गवाहों को ए, बी और सी श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाएगा।
  • इस उद्देश्य के लिए एक राज्य गवाह संरक्षण प्राधिकरण और एक गवाह संरक्षण कोष का भी गठन किया जाएगा।
  • इस योजना के तहत सुरक्षा उपायों में शामिल हैं – 
    • बंद कमरे में सुनवाई
    • गवाहों के घरों पर सुरक्षा उपकरण लगाना
    • उनके घरों के पास कड़ी सुरक्षा और गश्त
    • निवास का अस्थायी परिवर्तन
    • अदालत तक लाने-ले जाने के लिए अनुरक्षण
    • सुनवाई की तिथि पर सरकारी परिवहन का प्रावधान 

प्रश्न - हाल ही में किस राज्य द्वारा गवाह संरक्षण योजना शुरू की गई ?

(a) असम

(b) मध्य प्रदेश 

(c) उत्तर प्रदेश 

(d) तमिलनाडु 


अंतर्राष्ट्रीय स्टील स्लैग रोड सम्मेलन

SLAG

चर्चा में क्यों ?

  • हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय स्टील स्लैग रोड सम्मेलन का आयोजन नई दिल्ली में किया गया 
  • इस सम्मलेन में नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी.के. सारस्वत ने सड़क निर्माण में स्टील स्लैग के उपयोग और प्रसंस्करण के लिए दिशानिर्देश जारी किए। 
  • स्टील स्लैग का उपयोग करके सड़क नेटवर्क के निर्माण और रखरखाव के लिए इन दिशानिर्देशों को अपनाने से लागत बचत, पर्यावरणीय प्रभाव में कमी और सड़क के प्रदर्शन में सुधार सहित कई लाभ होंगे 
  • स्टील स्लैग, स्टील उत्पादन के दौरान उत्पन्न अपशिष्ट होता है 
  • भारत की पहली स्टील स्लैग रोड हजीरा सूरत में निर्मित की गई थी 
    • इसमें इंडिया हजीरा प्लांट में विकसित 100 हजार टन, प्रसंस्कृत ईएएफ स्टील स्लैग एग्रीगेट्स का उपयोग किया गया। 

रवि अग्रवाल बने केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के नए अध्यक्ष

INCOMETAX

चर्चा में क्यों ?

  • हाल ही में रवि अग्रवाल को केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड का अध्यक्ष चुना गया 
  • इन्होने नितिन गुप्ता का स्थान लिया 
  • रवि अग्रवाल जून 2025 तक केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के अध्यक्ष रहेंगे।

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड

  • यह केंद्रीय राजस्व बोर्ड अधिनियम, 1963 के तहत कार्य करता है
  • यह भारत के वित्त मंत्रालय में राजस्व विभाग का एक भाग है।
  • यह भारत में प्रत्यक्ष कर कानूनों को प्रशासित करने के लिए जिम्मेदार है।
  • CBDT में एक अध्यक्ष और छह सदस्य हो सकते हैं। 
  • इसके अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति भारतीय राजस्व सेवा (IRS) से की जाती है

प्रोजेक्ट-76

PROJECT-76

चर्चा में क्यों ?

  • रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने प्रोजेक्ट-76 के तहत स्वदेशी पारंपरिक पनडुब्बी के डिजाइन और विकास पर प्रारंभिक अध्ययन शुरू किया कर दिया है।

प्रोजेक्ट-76 

  • प्रोजेक्ट 76 के तहत, भारतीय नौसेना का युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो देश की पहली स्वदेशी पारंपरिक डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बी के डिजाइन और विकास पर काम कर रहा है । 
  • भारतीय नौसेना प्रोजेक्ट 76 के तहत 12 पनडुब्बियां बनाना चाहती है।
  • इन पनडुब्बियों में स्वदेशी हथियार नियंत्रण प्रणाली और लिथियम-आयन बैटरी  जैसी कुछ सबसे उन्नत विशेषताएं शामिल होंगी 
  • इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य पनडुब्बी डिजाइन के लिए विदेशी मूल उपकरण निर्माताओं  पर निर्भरता को कम करना है।

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन 

  • यह भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय की एक अनुसंधान एवं विकास विंग है।
  • इसका गठन वर्ष 1958 में भारतीय सेना के तकनीकी विकास प्रतिष्ठान और रक्षा विज्ञान संगठन के साथ तकनीकी विकास एवं उत्पादन निदेशालय को मिला कर किया गया था। 
  • इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है 
  • इसका उद्देश्य अत्याधुनिक रक्षा प्रौद्योगिकियों के साथ भारतीय सेना को सशक्त बनाना है  

विश्व खेल पत्रकार दिवस

PRESS

चर्चा में क्यों ?

  • प्रति वर्ष 2 जुलाई को विश्व खेल पत्रकार दिवस मनाया जाता है। 
  • विश्व खेल पत्रकार दिवस की शुरुआत वर्ष 1994 में इंटरनेशनल स्पोर्ट्स प्रेस एसोसिएशन (AIPS) द्वारा की गई थी। 
  • इस दिन को मनाने का उद्देश्य खेल पत्रकारिता के क्षेत्र में उत्कृष्टता को प्रोत्साहित करना और खेल पत्रकारों के सामने आने वाली चुनौतियों पर ध्यान आकर्षित करना है। 
  • खेल पत्रकारिता खेल की दुनिया में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, 
  • यह न केवल खेल के बारे में जानकारी प्रदान करती है, बल्कि खेल और खिलाड़ियों के बीच एक सेतु का काम भी करती है।
  • खेल पत्रकारिता का महत्व केवल खेलों की रिपोर्टिंग तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। 
  • यह खेलों की जानकारी, विश्लेषण और कहानियां प्रस्तुत करते हैं जो दर्शकों को खेल के बारे में जागरूक करते हैं और उन्हें प्रेरित करते हैं। 

ग्लोबल इंडिया AI शिखर सम्मेलन 2024

INDIAai

चर्चा में क्यों ?

  • भारत ‘ग्‍लोबल इंडिया AI शिखर सम्मेलन’ की मेजबानी करेगा।
  • यह 3 और 4 जुलाई को नई दिल्ली में आयोजित होगा।
  • इसका आयोजन इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा किया जाएगा।
  • इस सम्मेलन का उद्देश्य AI से संबंधित सहयोग और ज्ञान के आदान-प्रदान को बढ़ावा देना है। 
  • इस आयोजन के माध्यम से भारत खुद को AI नवाचार में एक वैश्विक नेता के रूप में स्थापित करना चाहता है।

ब्याज समानीकरण योजना

णिज्य विभाग ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम (MSMEs) निर्यातकों के लिए शिपमेंट से पूर्व एवं पश्चात रुपया निर्यात ऋण के लिए ब्याज समानीकरण योजना (Interest Equalisation Scheme) को 31 अगस्त तक बढ़ा दिया है।

क्या है ब्याज समानीकरण योजना

  • भारत सरकार ने पात्र निर्यातकों के लिए शिपमेंट के पहले एवं बाद में रुपया निर्यात ऋण पर ब्याज समानीकरण योजना की घोषणा की थी।
    • 1 अप्रैल, 2015 को शुरू हुई यह योजना शुरुआत में पाँच वर्षों के लिए वैध थी।
    • इसमें कोविड के दौरान एक वर्ष के विस्तार के साथ-साथ आगे भी विस्तार एवं फंड आवंटित किया गया है।
  • वर्तमान में यह योजना व्यापारी व निर्माता निर्यातकों को शिपमेंट से पहले एवं बाद में रुपया निर्यात ऋण पर 2% तथा सभी एम.एस.एम.ई. निर्माता निर्यातकों को 3% की दर से ब्याज समानीकरण लाभ प्रदान करती है।
  • यह योजना निधि की दृष्टि से सीमित नहीं थी और इसका लाभ सभी निर्यातकों को बिना किसी सीमा के दिया गया था।
    • इस योजना को अब निधि की दृष्टि से सीमित कर दिया गया है और निर्यातक को दिया जाने वाला लाभ प्रति आयात निर्यात कोड प्रतिवर्ष 10 करोड़ रुपये तक सीमित कर दिया गया है। 
  • इसके अलावा जो बैंक निर्यातकों को 4% से अधिक की औसत दर पर ऋण देते हैं, उन्हें इस योजना के तहत वर्जित कर दिया जाएगा।

योजना का कार्यान्वयन 

  • यह योजना भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा उन विभिन्न सार्वजनिक और गैर-सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के माध्यम से कार्यान्वित की जाएगी जो निर्यातकों को शिपमेंट से पहले एवं बाद में ऋण प्रदान करते हैं।
  • इस योजना की निगरानी एक परामर्शी तंत्र के माध्यम से विदेशी व्यापार महानिदेशालय (DGFT) और आर.बी.आई. द्वारा संयुक्त रूप से की जाती है।

ब्याज समानीकरण योजना का प्रभाव

  • अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए निर्यात क्षेत्र के लिए प्रतिस्पर्धी दरों पर शिपमेंट के पहले एवं बाद में पैकिंग क्रेडिट की उपलब्धता महत्वपूर्ण है।
  • इस योजना का प्रभाव देश के निर्यात वृद्धि के लिए लाभदायक रहा है। यह योजना मुख्यत: श्रम प्रधान क्षेत्रों के लिए है। इन सघन रोजगार वाले क्षेत्रों और एम.एस.एम.ई. की ओर से निर्यात बढ़ने से देश में रोजगार सृजन होगा।

पर्यावरणनुकूल सुपर कैपेसिटर

केरल के शोधकर्ताओं ने नारियल की भूसी (Coconut Husk) से उत्पादित सक्रिय कार्बन का उपयोग करके पर्यावरण के अनुकूल सुपर कैपेसिटर का विकास किया है।

हालिया शोध

  • पारंपरिक कैपेसिटर की तुलना में अत्यधिक कैपेसिटेंस एवं ऊर्जा भंडारण क्षमता वाले सुपर कैपेसिटर टिकाऊ ऊर्जा भंडारण समाधानों की खोज में एक महत्वपूर्ण घटक के रूप में उभरे हैं। 
    • हालाँकि, एक आदर्श सुपर कैपेसिटर इलेक्ट्रोड सामग्री की खोज महत्वपूर्ण चुनौती रही है।
  • शोधकर्ताओं के अनुसार, नारियल की भूसी से प्राप्त सक्रिय कार्बन से बने प्रोटोटाइप सुपर कैपेसिटर मौजूदा सुपर कैपेसिटर की तुलना में चार गुना अधिक दक्ष होते हैं।
  • माइक्रोवेव तकनीक के उपयोग से उत्पादित सक्रिय कार्बन अपेक्षाकृत सस्ता है और असाधारण सुपर कैपेसिटर क्षमता से युक्त है।
  • माइक्रोवेव-सहायता प्राप्त विधि ने सक्रिय कार्बन के उत्पादन के लिए नए रास्ते भी खोले हैं जो भारतीय पेटेंट के लिए विचाराधीन है।
  • यह विधि समय की बचत करने के साथ ही विशिष्ट सतह क्षेत्रफल (Specific Surface Area : SSA) और अत्यधिक छिद्रपूर्ण संरचनाओं के साथ सक्रिय कार्बन भी प्रदान करती है।
    • यह इसे विभिन्न अनुप्रयोगों के लिए एक आदर्श सामग्री बनाती है। 
  • नारियल की भूसी से प्राप्त सक्रिय कार्बन अपनी उपलब्धता, कम लागत एवं पर्यावरण अनुकूल प्रकृति के कारण उच्च प्रदर्शन वाले सुपर कैपेसिटर के लिए टिकाऊ व कुशल हरित समाधान उपलब्ध कराते हैं।

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