शॉर्ट न्यूज़ : 15 जुलाई , 2024
भारतीय मूल के डॉक्टर के नाम पर अबू धाबी में सड़क
के. चोकलिंगम को हंस वॉन हेंटिग पुरस्कार
स्टार्ट-अप और ग्रामीण उद्यमों के लिए कृषि कोष (एग्रीश्योर)
केपी शर्मा ओली बने नेपाल के प्रधानमंत्री
सरको पॉड : डेथ कैप्सूल
प्लैनेट ऑन द मूव रिपोर्ट
खर्ची पूजा
भारतीय मूल के डॉक्टर के नाम पर अबू धाबी में सड़क
चर्चा में क्यों?
![George-Mathew](https://www.sanskritiias.com/uploaded_files/images//George-Mathew.jpg)
- संयुक्त अरब अमीरात ने अबू धाबी में भारतीय मूल के डॉक्टर डॉ. जॉर्ज मैथ्यू के नाम पर एक सड़क का नाम रखा।
- यह सड़क अल मफराक में शेख शाकबूथ मेडिकल सिटी के पास स्थित है।
- यह सम्मान नगर पालिका और परिवहन विभाग द्वारा शुरू की गई "यूएई के दूरदर्शी लोगों का सम्मानः स्मारक सड़कें" परियोजना का हिस्सा है।
- जॉर्ज मैथ्यू ने संयुक्त अरब अमीरात के स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
- ये मूल रूप से केरल के रहने वाले हैं।
संयुक्त अरब अमीरात
![persian-gulf](https://www.sanskritiias.com/uploaded_files/images//persian-gulf1.jpg)
- यह पश्चिमी एशिया में अरब प्रायद्वीप पर स्थित देश है
- इसकी सीमा ओमान और सऊदी अरब से लगती है
- राजधानी - अबू धाबी
- मुद्रा - यूएई दिरहम (AED)
के. चोकलिंगम को हंस वॉन हेंटिग पुरस्कार
चर्चा में क्यों ?
![Hans-von-Hentig](https://www.sanskritiias.com/uploaded_files/images//Hans-von-Hentig.jpg)
- हाल ही में भारतीय विक्टिमोलॉजी विशेषज्ञ के. चोकलिंगम को हंस वॉन हेंटिग पुरस्कार के लिए चुना गया है।
- विक्टिमोलॉजी पीड़ित और अपराधी के बीच संबंधों का अध्ययन है।
- डॉ. चोकलिंगम बेंगलुरु में आर. वी. विश्वविद्यालय में विक्टिमोलॉजी में प्रोफेसर हैं।
हंस वॉन हेंटिंग पुरस्कार
- यह पुरस्कार वर्ल्ड सोसाइटी ऑफ विक्टिमोलॉजी द्वारा दिया जाता है।
- यह पुरस्कार प्रत्येक तीन वर्ष में एक बार उस व्यक्ति को दिया जाता है जिसने विक्टिमोलॉजी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया हो।
- यह वर्ल्ड सोसाइटी ऑफ विक्टिमोलॉजी द्वारा दिया जाने वाला सर्वोच्च पुरस्कार है।
- इसे विक्टिमोलॉजी के प्रसिद्ध अग्रदूत हंस वॉन हेंटिग की याद में दिया जाता है।
स्टार्ट-अप और ग्रामीण उद्यमों के लिए कृषि कोष (एग्रीश्योर)
चर्चा में क्यों ?
![Rural-Enterprises](https://www.sanskritiias.com/uploaded_files/images//Rural-Enterprises.jpg)
- केंद्र सरकार स्टार्ट-अप और कृषि उद्यमियों को सहयोग करने के लिए 'स्टार्ट-अप और ग्रामीण उद्यमों के लिए कृषि कोष' (एग्रीश्योर) शुरू करेगी।
- इसका उद्देश्य भारत के कृषि क्षेत्र में नवाचार और स्थिरता को बढ़ावा देना है।
- इस फंड की स्थापना 750 करोड़ रुपये की शुरुआती राशि से की जाएगी, जिसमें नाबार्ड और कृषि मंत्रालय से 250-250 करोड़ और अन्य संस्थानों से 250 करोड़ रुपये मिलेंगे।
- यह फंड इक्विटी और ऋण दोनों समर्थन प्रदान करेगा, विशेष रूप से कृषि मूल्य श्रृंखला में उच्च जोखिम, उच्च प्रभाव वाली गतिविधियों को लक्षित करेगा।
- यह फंड कृषि में नवाचार, कृषि उपज मूल्य श्रृंखला को बढ़ाने, ग्रामीण बुनियादी ढांचे का निर्माण, रोजगार सृजन और किसान उत्पादक संगठनों को समर्थन देने पर ध्यान केन्द्रित करेगा।
- यह फंड किसानों के लिए आईटी-आधारित समाधान और मशीनरी किराये की सेवाओं को भी प्रोत्साहित करेगा।
- नाबार्ड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी नैबवेंचर्स, एग्रीश्योर की फंड मैनेजर होगी
- इस फंड को 10 साल के लिए संचालित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिसे दो या अधिक वर्षों के लिए बढ़ाया जा सकता है।
केपी शर्मा ओली बने नेपाल के प्रधानमंत्री
चर्चा में क्यों ?
![KP-Sharma-Oli](https://www.sanskritiias.com/uploaded_files/images//KP-Sharma-Oli.jpg)
- हाल ही में खड्ग प्रसाद (केपी) शर्मा ओली को नेपाल के नए प्रधानमंत्री के तौर पर नियुक्त किया गया
- राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने नेपाल के संविधान के अनुच्छेद 76 (2) के अनुसार, ओली को प्रधानमंत्री नियुक्त किया.
- केपी शर्मा ओली चौथी बार नेपाल के प्रधानमंत्री बने हैं.
- ये 11 अक्टूबर 2015 को पहली बार देश के प्रधानमंत्री चुने गए थे
- ये कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (एकीकृत मार्क्सवादी-लेनिनवादी) के अध्यक्ष हैं
नेपाल
![nepal](https://www.sanskritiias.com/uploaded_files/images//nepal1.jpg)
- नेपाल, भारत की उत्तरी सीमा पर स्थित एक देश है
- इसकी सीमा भारत और चीन से लगती है
- राजधानी – काठमांडू
- मुद्रा - नेपाली रुपया
सरको पॉड : डेथ कैप्सूल
- स्विटजरलैंड में 'डेथ या सुसाइड कैप्सूल' पर प्रतिबंध लगा दिया गया है जिसे आत्महत्या में सहायता करने के लिए डिजाइन किया गया था। इसे ‘सरको पॉड’ (Sarco Pod) या ‘सार्को सुसाइड पॉड’ नाम दिया गया है।
- कुछ ही समय बाद पहली बार इसका प्रयोग किया जाना था। ‘सरको पॉड्स’ के उपयोग में यदि कोई व्यक्ति किसी भी प्रकार की सहायता करता हुआ पाया जाता है तो उसे लगभग पांच वर्ष की कारावास की सजा हो सकती है।
![Sarco-Pod](https://www.sanskritiias.com/uploaded_files/images//Sarco-Pod.jpg)
कैप्सूल की कार्यविधि
- ‘सरको’ नामक यह मशीन ‘सरकोफेगस’ (Sarcophagus) का संक्षिप्त रूप है। इस मशीन को ‘टेस्ला ऑफ यूथेनेशिया’ (इच्छामृत्यु का टेस्ला) कहा जा रहा है।
- इसका निर्माण ‘एक्ज़िट स्विट्जरलैंड’ नामक कंपनी ने किया है।
- इसे मूलत: इच्छामृत्यु के मरीज़ों को दर्द रहित मौत में सहायता के लिए डिजाइन किया गया है। इसके अंदर बैठे इच्छामृत्यु के मरीज़ों की मृत्यु एक बटन दबाने से तुरंत हो जाती है।
- सरको में चढ़ते समय ऑक्सीजन का स्तर 21% होता है और बटन दबाने के बाद 30 सेकंड में ऑक्सीजन का स्तर 1% से भी कम हो जाता है।
- इस मशीन (पॉड) में नाइट्रोजन भरा होता है जिसकी संतृप्ति के कारण व्यक्ति ऑक्सीजन की कमी से बेहोश हो जाता है। इसमें जहर या इंजेक्शन की आवश्यकता नहीं होती है।
- ‘सरको’ बायोडिग्रेडेबल सामग्रियों से बना होता है, इसलिए इसका प्रयोग ताबूत के रूप में भी किया जा सकता है।
प्लैनेट ऑन द मूव रिपोर्ट
हाल ही में, प्लैनेट ऑन द मूव रिपोर्ट जारी की गई।
प्लैनेट ऑन द मूव रिपोर्ट के बारे में
- क्या है : प्रवासन, पर्यावरण परिवर्तन एवं संघर्ष पर आधारित एक रिपोर्ट
- जारीकर्ता : अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) द्वारा
- यह आई.यू.सी.एन. सी.ई.ई.एस.पी. (IUCN CEESP) टास्क फोर्स का एक प्रकाशन है जो IUCN का पर्यावरणीय, आर्थिक एवं सामाजिक नीति आयोग (CEESP) है।
- उद्देश्य : प्रवास, संरक्षण, विकास, मानवीय सहायता, कानून एवं नीति, संघर्ष-संवेदनशील दृष्टिकोण और पर्यावरण शांति निर्माण से संबंधित विभिन हितधारकों को एक साथ लाना
- रिपोर्ट के फोकस क्षेत्र
- मानव व अन्य प्रजातियों के प्रवास एवं वैश्विक पर्यावरणीय परिवर्तन के संदर्भ में उनके परस्पर प्रभाव को समझने के लिए समग्र दृष्टिकोण
- प्रवासन, पर्यावरण परिवर्तन एवं संघर्ष पर संरक्षण की पुनःकल्पना
- संरक्षण समुदाय के लिए अपनी सहभागिता के दायरे को बढ़ाने के लिए कार्रवाई का आह्वान
- विस्थापन के प्रभाव
- मानव और अन्य सभी प्रजातियों के जबरन विस्थापन के परिणामस्वरूप पूरे प्रवास क्षेत्र अर्थात उत्पत्ति, पारगमन एवं गंतव्य स्थान पर पर्यावरणीय व सामाजिक प्रभाव होते है जो निम्नलिखित हैं :
- हिंसक संघर्ष को बढ़ावा
- गरीबी का बढ़ना
- पर्यावरण परिवर्तन में वृद्धि बढ़ावा
- मानव-वन्यजीव संघर्ष में वृद्धि आदि।
खर्ची पूजा
चर्चा में क्यों ?
![Kharchi-Puja](https://www.sanskritiias.com/uploaded_files/images//Kharchi-Puja.jpg)
- हाल ही में प्रधानमंत्री ने त्रिपुरा के लोगों को, खर्ची पूजा के अवसर पर शुभकामनाएं दीं।
- इस वर्ष खर्ची पूजा उत्सव की शुरुआत 14 जुलाई 2024 से हुई है।
खर्ची पूजा
- यह त्रिपुरा के प्रमुख त्योहारों में से एक है।
- यह जुलाई-अगस्त माह में अमावस्या के आठवें दिन मनाया जाता है।
- खर्ची का अर्थ दो त्रिपुरी शब्दों में विभाजित करके समझा जा सकता है: “खर” या खरता जिसका अर्थ है पाप और “ची” या सी जिसका अर्थ है सफाई।
- इसलिए इसका अर्थ है हमारे पापों की सफाई।
- यह सात दिनों तक चलता है और पुराने अगरतला में चौदह देवताओं के मंदिर में आयोजित होता है, जिसे 'चतुर्दशा देवता' मंदिर परिसर के रूप में जाना जाता है।
- इसमें चौदह देवताओं की पूजा शाही पुजारी 'चंताई' द्वारा की जाती है।
- पूजा के दिन, चौदह देवताओं को चन्ताई सदस्यों द्वारा मंदिर से सैद्रा नदी तक ले जाया जाता है और पवित्र नदी के जल से स्नान कराया जाता है, फिर वापस मंदिर में ले जाया जाता है।
प्रश्न - खर्ची पूजा उत्सव किस राज्य का प्रमुख त्योहार है ?
(a) त्रिपुरा
(b) असम
(c) मेघालय
(d) नागालैंड
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