New
IAS Foundation New Batch, Starting From: Delhi : 18 July, 6:30 PM | Prayagraj : 17 July, 8 AM | Call: 9555124124

शॉर्ट न्यूज़ : 19 जुलाई , 2024

शॉर्ट न्यूज़ : 19 जुलाई , 2024


मलायन टाइगर

डेविस जलडमरूमध्य में नए महाद्वीप की खोज

लोक संवर्धन पर्व

पूर्वोत्तर क्षेत्र कृषि वस्तु ई-कनेक्ट वेब पोर्टल

राष्ट्रीय नारकोटिक्स हेल्पलाइन 'मानस’

ऑपरेशन ‘सर्प विनाश’

प्रोजेक्ट अस्मिता

संयुक्त राष्ट्र जल अभिसमय

मॉरीशस में भारत के पहले विदेशी जन औषधि केंद्र का उद्घाटन


मलायन टाइगर

  • एक हालिया सर्वेक्षण के प्रारंभिक परिणामों के अनुसार, वर्ष 1950 के दशक में मलेशिया में लगभग 3,000 मलायन टाइगर (बाघ) थे। इनकी संख्या वर्ष 2022 तक 150 से भी कम हो गई है। 
    • यह मलेशिया का राष्ट्रीय पशु भी है। कई बाघों की मौत के कारण कुछ लोग इस स्थिति को 'राष्ट्रीय आपातकाल' के तौर पर मान रहे हैं।
  • इसके अनुसार, बाघों की अन्य प्रजातियां, जैसे- बाली टाइगर, कैस्पियन टाइगर एवं जावा टाइगर पहले ही विलुप्त हो चुके हैं। 

TIGER

मलायन टाइगर के बारे में 

  • ये मलेशिया के राष्ट्रीय प्रतीक हैं, जिसकी नारंगी रंग और पतली काली धारियों को देश के राज्य-चिह्न पर भी दर्शाया गया है।
  • यह सबसे छोटी बाघ प्रजातियों में से एक है। इसको विगत दो दशकों से बाघ की केवल एक उप-प्रजाति के रूप में मान्यता दी गई है।
    • हालांकि, पहले यह माना जाता था कि यह इंडोचाइनीज बाघ की ही प्रजाति है।
  • इसका वैज्ञानिक नाम ‘पैंथेरा टाइग्रिस जैक्सनि (Panthera tigris jacksoni)/पैंथेरा टाइग्रिस मलेयेन्सिस (Panthera tigris malayensis) है।
  • ये आमतौर पर प्रायद्वीपीय मलेशिया के साथ-साथ सिंगापुर द्वीप के जोहोर जलडमरूमध्य क्षेत्र में पाए जाते हैं।
    • इनकी उपस्थिति को समुद्र तल से 2,000 मीटर ऊपर तक दर्ज किया गया है।
  • ये उत्कृष्ट तैराक होते हैं। कुछ विशेष स्थितियों को छोड़कर ये प्राय: एकांतवासी जानवर होते हैं।

मलायन टाइगर को खतरा 

  • पर्यावास की हानि और अवैध शिकार
  • मानव पशु संघर्ष
  • जलवायु परिवर्तन 
  • आहार की कमी आदि।

संरक्षण स्थिति 

  • IUCN स्थिति : अतिसंकटग्रस्त (Critically Endangered) 
  • वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 2010 के तहत संरक्षित :  यह अधिनियम मलेशिया में वन्यजीवों के विनियमन, सुरक्षा, संरक्षण और प्रबंधन का प्रावधान करता है। 
    • यह अधिनियम प्रायद्वीपीय मलेशिया और संघीय क्षेत्र लाबुआन पर लागू होता है।

डेविस जलडमरूमध्य में नए महाद्वीप की खोज

GREENLAND

चर्चा में क्यों ?

  • हाल ही में कनाडा और ग्रीनलैंड के बीच डेविस जलडमरूमध्य में एक सूक्ष्म महाद्वीप की खोज की गई।
  • इसे डेविस स्ट्रेट प्रोटो-माइक्रोकॉन्टिनेंट नाम दिया गया है क्योंकि इसका निर्माण इस क्षेत्र में स्ट्रेट के टेक्टोनिक विकास के कारण हुआ था।
  • यह सूक्ष्म महाद्वीप 19-24 किमी मोटी पतली महाद्वीपीय परत है 

CANADA

डेविस स्ट्रेट

  • डेविस जलडमरूमध्य अटलांटिक महासागर का एक भाग है।
  • यह ग्रीनलैंड और बाफिन द्वीप के बीच लैब्राडोर सागर के उत्तर में स्थित है।
  • यह बफिन खाड़ी को लैब्राडोर सागर से अलग करता है।
  • डेविस जलडमरूमध्य में जटिल भूवैज्ञानिक संरचनाएं जैसे पानी के नीचे की घाटियां और कटक मौजूद हैं।


लोक संवर्धन पर्व

LOKSAMVARDHAN

चर्चा में क्यों ?

  • हाल ही में केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य और संसदीय कार्य मंत्री श्री किरेन रीजिजू ने नई दिल्ली स्थित दिल्ली हाट में लोक संवर्धन पर्व का उद्घाटन किया। 
  • लोक संवर्धन पर्व का आयोजन अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा अपनी योजनाओं,कार्यक्रमों और उपलब्धियों का प्रचार प्रसार करने के लिए किया जा रहा है 
  • यह सहयोगी संगठनों के साथ अभिसारिता से चलाई जा रही गतिविधियों तथा विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत सफलता की गाथाओं को भी प्रदर्शित करेगा 
  • “लोक संवर्धन पर्व” अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की योजनाओं और उपलब्धियों को पोस्टर प्रदर्शनी द्वारा प्रदर्शित कर रहा है। 
  • इस पर्व के तहत विभिन्न राज्यों के अल्पसंख्यक समुदायों से संबंधित 162 शिल्पकारों द्वारा 70 से अधिक उत्कृष्ट हस्तशिल्प और हथकरघा उत्पादों का प्रदर्शन और उत्सव मनाया जा रहा है। 
  • लोक संवर्धन पर्व अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के समावेशी विकास कार्यक्रम का एक प्रमाण है

पूर्वोत्तर क्षेत्र कृषि वस्तु ई-कनेक्ट वेब पोर्टल

KISAN
चर्चा में क्यों ?

  • हाल ही में केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पूर्वोत्तर क्षेत्र कृषि वस्तु ई-कनेक्ट वेब पोर्टल और मोबाइल एप्लीकेशन लॉन्च किया गया है।
  • इसे  पूर्वोत्तर क्षेत्र में कृषक समुदाय और खरीदारों को लाभ पहुँचाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
  • इसका उद्देश्य कृषि और बागवानी उत्पादों और लघु वन उपज का समर्थन करना है।
  • इसे अंतर्राष्ट्रीय कृषि मूल्य श्रृंखला में उत्तर पूर्व को एक विश्वसनीय भागीदार के रूप में बढ़ावा देने के लिए डिजाइन किया गया है।
  • इससे घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में काले चावल, कीवी, बड़ी इलायची और औषधीय पौधों जैसी स्थानीय विशेषताओं को बढ़ावा मिलेगा।
  • यह परिवहन और कोल्ड स्टोरेज समाधानों सहित उत्पादकों, खरीदारों और सेवा प्रदाताओं को निर्बाध रूप से जोड़कर बाजार कनेक्टिविटी को बढ़ाएगा।
  • यह किसानों को बड़े बाजारों, बेहतर बातचीत के अवसरों आदि तक पहुँच प्रदान करेगा।
  • इसके अतिरिक्त यह खरीदारों को सत्यापित विक्रेताओं, उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों, रसद सहायता और अन्य सुविधाओं तक सीधी पहुँच प्रदान करेगा।
  • यह अंग्रेजी, हिंदी, असमिया, मिज़ो, मणिपुरी, नेपाली और खासी भाषाओं में सहायता प्रदान करेगा।

राष्ट्रीय नारकोटिक्स हेल्पलाइन 'मानस’

MANAS

चर्चा में क्यों ?

  • हाल ही में देश की पहली राष्ट्रीय नारकोटिक्स हेल्पलाइन 'मानस' (मादक पदार्थ निषेध सूचना केंद्र) शुरू हुई।
  • इसकी शुरुआत केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने नार्को कार्डिनेशन सेंटर की 7वीं बैठक में की।
  • MANAS के तहत एक टोल-फ्री नंबर 1933, एक वेब पोर्टल, एक मोबाइल ऐप और उमंग ऐप होगा 
  • इस पर लोग मादक पदार्थों से जुड़े अपराधों की जानकारी साझा कर सकेंगे।
  • इसके माध्यम से नशामुक्ति और पुनर्वास संबंधित सलाह लेने के लिए गुमनाम रूप से 24 घंटे NCB से जुड़ सकेंगे

ऑपरेशन ‘सर्प विनाश’

SARPVINASH

चर्चा में क्यों ?

  • भारतीय सेना ने पीर पंजाल की दक्षिणी पहाड़ियों में ऑपरेशन ‘सर्प विनाश’ शुरू किया 
  • इसका उद्देश्य सीमा पार से घुसपैठ करके जंगलों में छिपे आतंकवादियों पर कार्रवाई करना है
  • पीर पंजाल की पहाड़ियों के घने जंगलों की प्राकृतिक गुफाओं और सुरंगों में छिपकर आतंकी लगातार सेना को निशाना बना रहे हैं।
  • पीर पंजाल की दक्षिणी पहाड़ियों में बड़ी-बड़ी चट्टानों से सुरंग और गुफाएं बनी हैं, जिनका इस्तेमाल 90 के दशक में सीमा पार से घुसपैठ करने वाले आतंकी करते थे। 
  • तब सेना ने बड़ी संख्या में तैनाती करके यहां से आतंकवाद का पूरी तरह सफाया कर दिया था। 
  • उस समय यहां आतंकरोधी ग्रिड बनाई गई थी जिसे आतंक समाप्त होने के बाद हटा लिया गया  
  • इस क्षेत्र में सीमा पार से करीब 50 आतंकियों ने घुसपैठ की है। 
  • इस समय राजौरी, पुंछ में 12 और डोडा, रियासी में 20 आतंकियों के छिपे होने की आशंका है।
  • इस क्षेत्र में आतंकवादियों की तलाश में भारतीय सेना ड्रोन और हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल कर रही है
  • आतंकियों की खोज में स्नीपर डॉग यूनिट को भी लगाया गया है।
  • जम्मू-कश्मीर में पिछले 78 दिनों में हुए 11 आतंकी हमलों की जिम्मेदारी ‘कश्मीर टाइगर्स’ ने ली है, जो मसूद अजहर के संगठन जैश-ए-मोहम्मद का दूसरा नाम है।

प्रोजेक्ट अस्मिता

शिक्षा मंत्रालय एवं विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने प्रोजेक्ट ‘अस्मिता’ (Augmenting Study Materials in Indian Languages through Translation and Academic Writing : ASMITA) की शुरूआत की है।

प्रोजेक्ट अस्मिता के बारे में

  • उद्देश्य : भारतीय भाषाओं में उच्च शिक्षा से संबंधित पुस्तकें विकसित करना।
    • शिक्षा प्रणाली में भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने, एकीकृत करने, अधिक समावेशी शैक्षणिक वातावरण को बढ़ावा देने तथा सीखने के अनुभवों को समृद्ध बनाने का उद्देश्य है।
  • लक्ष्य : अगले पांच वर्षों में 22 अनुसूचित भारतीय भाषाओं में 1,000 पुस्तकें तैयार करना।
    • इसके परिणामस्वरूप भारतीय भाषा में 22,000 पुस्तकें तैयार होंगी।
  • शामिल संस्थाएँ : विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) और शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत भारतीय भाषा समिति।
  • नोडल संस्थान : परियोजना का नेतृत्व करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों के विश्वविद्यालयों को सदस्य के रूप में शामिल करने के साथ-साथ तेरह नोडल विश्वविद्यालयों की पहचान।
  • महत्त्व : शैक्षणिक संसाधनों का एक व्यापक पूल बनाने, भाषाई विभाजन को पाटने, सामाजिक सामंजस्य एवं एकता को बढ़ावा देने और देश के युवाओं को सामाजिक रूप से जिम्मेदार वैश्विक नागरिकों में बदलने में सहायक।

बहुभाषा शब्दकोश

  • अस्मिता प्रोजेक्ट के साथ मिलकर शिक्षा मंत्रालय ने 'बहुभाषा शब्दकोष' भी शुरू किया है जो सभी भारतीय भाषाओं के शब्दों एवं उनके अर्थों के लिए एक व्यापक संदर्भ उपकरण है।
  • इसे केंद्रीय भारतीय भाषा संस्थान (CIIL) द्वारा भारतीय भाषा समिति के सहयोग से विकसित किया गया है।
  • इस शब्दकोश का उद्देश्य आई.टी., उद्योग, अनुसंधान और शिक्षा जैसे विभिन्न आधुनिक डोमेन में भारतीय शब्दों, वाक्यांशों एवं वाक्यों के उपयोग को सुविधाजनक बनाना है।


संयुक्त राष्ट्र जल अभिसमय

हाल ही में, आइवरी कोस्ट 53वें देश के रूप में संयुक्त राष्ट्र जल अभिसमय में शामिल हुआ। आइवरी कोस्ट इस अभिसमय में शामिल होने वाला 10वाँ अफ्रीकी देश है।

संयुक्त राष्ट्र जल अभिसमय 

  • संयुक्त राष्ट्र जल अभिसमय को वर्ष 1992 में अपनाया गया और 1996 में लागू किया गया। इस अभिसमय को सीमापारीय जलधारा एवं अंतर्राष्ट्रीय झील संरक्षण व उपयोग अभिसमय (Convention on the Protection and Use of Transboundary Watercourses and International Lakes) भी कहा जाता है। 
  • यह अभिसमय मूलत: संपूर्ण यूरोपीय क्षेत्र के लिए एक क्षेत्रीय ढांचे के रूप में था। हालाँकि, संशोधन के बाद मार्च 2016 से संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देश इसमें शामिल हो सकते हैं।  
  • यह साझा जल संसाधनों के सतत प्रबंधन एवं सतत विकास लक्ष्यों के कार्यान्वयन को बढ़ावा देने वाला एक कानूनी रूप से बाध्यकारी अभिसमय है। 
  • जल अभिसमय के तहत इसके पक्षकारों को जल की कमी के सीमा पार प्रभाव को रोकने, नियंत्रित करने एवं कम करने के साथ-साथ सीमा पार जल का उचित और न्यायसंगत तरीके से उपयोग करने तथा स्थायी प्रबंधन को सुनिश्चित करने की आवश्यकता होती है। 
  • एक ही जलधारा की सीमा पर स्थित देशों को विशिष्ट समझौते करके एवं संयुक्त निकाय स्थापित करके सहयोग करना होता है। 
  • एक रूपरेखा समझौते के रूप में यह अभिसमय विशिष्ट बेसिन या जलभृतों के लिए द्विपक्षीय व बहुपक्षीय समझौतों का स्थान नहीं लेता है। इसके बजाए यह उनकी स्थापना, कार्यान्वयन एवं आगे के विकास को बढ़ावा देता है।
  • जल सम्मेलन ‘सतत विकास के लिए 2030 एजेंडा’ और इसके एस.डी.जी. उपलब्धि को बढ़ावा देने और संचालित करने के लिए एक प्रभावी उपकरण है। 
    • यह एस.डी.जी. लक्ष्य 6.5 के कार्यान्वयन का समर्थन करता है, जो सभी देशों से उचित रूप से सीमा पार सहयोग सहित एकीकृत जल संसाधन प्रबंधन को लागू करने का अनुरोध करता है। 

सीमापारीय जल (TBW) संसाधन अफ्रीका में विशेष रूप से महत्वपूर्ण हैं। यहाँ की 63 अंतर्राष्ट्रीय सीमापारीय (ट्रांसबाउंड्री) नदी घाटियाँ इस क्षेत्र के लगभग 62% भूमि क्षेत्र को कवर करती हैं और कुल सतही जल में इनका योगदान 90% है।


मॉरीशस में भारत के पहले विदेशी जन औषधि केंद्र का उद्घाटन

MEDICINE-CENTER

चर्चा में क्यों ?

  • हाल ही में भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मॉरीशस में भारत के पहले विदेशी जन औषधि केंद्र का उद्घाटन किया।
  • भारत-मॉरीशस स्वास्थ्य साझेदारी परियोजना लागत प्रभावी, भारत में निर्मित दवाओं की आपूर्ति करेगी।

प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र

  • प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्रों के माध्यम से नागरिकों को जेनेरिक दवाइयाँ कम मूल्य पर उपलब्ध करवाई जाती हैं
  • यह दवाइयाँ ब्रांडेड दवाइयों जितनी ही प्रभावी होती हैं।
  • इनका उद्देश्य सभी के लिए सस्ती कीमतों पर गुणवत्तापूर्ण दवाओं, उपभोग्य सामग्रियों और शल्य चिकित्सा वस्तुओं को उपलब्ध कराना और उपभोक्ताओं / रोगियों के खर्च को कम करना है।  
  • राज्य सरकारें या कोई भी संगठन/प्रतिष्ठित एनजीओ/ट्रस्ट/निजी अस्पताल/धर्मार्थ संस्थान/डॉक्टर/फार्मासिस्ट/व्यक्तिगत उद्यमी नए जन औषधि स्टोर के लिए आवेदन करने के लिए पात्र हैं।
  • प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र खोलने के लिए पात्रता मानदंड के तहत व्यक्तिगत आवेदकों को डी. फार्मा/बी. फार्मा होना चाहिए।

PORTLUIS

मॉरीशस 

  • मॉरीशस हिंद महासागर में एक द्वीपीय देश है
  • यह एक अफ़्रीकी देश है, और अफ्रीका के पूर्वी तट पर स्थित है। 
  • मॉरीशस की लगभग दो-तिहाई आबादी भारतीय मूल( मुख्य रूप से पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार) की है। 
  • यहाँ भोजपुरी व्यापक रूप से बोली जाने वाली भाषा है।
  • मॉरीशस की आधिकारिक भाषा अंग्रेजी है
  • राजधानी - पोर्ट लुइस 
  • मुद्रा - मॉरीशस रुपया
  • प्रधान मंत्री - प्रविंद जगन्नाथ

प्रश्न - हाल ही में किस देश में भारत के पहले विदेशी जन औषधि केंद्र का उद्घाटन किया गया?

(a) मॉरीशस 

(b) केन्या 

(c) अमेरिका 

(d) जापान 


Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR