शॉर्ट न्यूज़ : 04 जून , 2024
बैक्टीरियल विल्ट रोग
चींटियों की नई प्रजाति - पैरापैराट्रेचिना नीला
जेम्स वेब टेलीस्कोप ने सबसे पुरानी ज्ञात आकाशगंगा का पता लगाया
क्रायोनिक्स
बॉन इंटरनेशनल बैडमिंटन टूर्नामेंट
रियल मैड्रिड ने जीता UEFA चैंपियंस लीग खिताब जीता
क्लाउडिया शीनबाम - मेक्सिको की पहली निर्वाचित महिला राष्ट्रपति
फेनोम इंडिया परियोजना
बैंक क्लिनिक
बैक्टीरियल विल्ट रोग
चर्चा में क्यों
हालिया अध्ययनों से पता चला है कि कैल्शियम, आलू के पौधों को बैक्टीरियल विल्ट नामक रोग से लड़ने में मदद करता है। बैक्टीरियल विल्ट रोग के कारण दुनिया भर के आलू किसानों को हर साल लगभग 158,640 करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हो रहा है।
![WILT](https://www.sanskritiias.com/uploaded_files/images//WILT.jpg)
बैक्टीरियल विल्ट रोग के बारे में
- यह रोग ‘राल्स्टोनिया सोलानेसीरम स्पीशीज कॉम्प्लेक्स’ नामक, फाइटोपैथोजेनिक बैक्टीरिया के एक समूह के कारण होता है।
- यह बैक्टीरिया आलू सहित बैंगन, टमाटर जैसी अन्य फसलों में भी बैक्टीरियल विल्ट नामक रोग का कारण बनता है।
- यह ऐसा रोग है जो बेहद कम समय में पौधे को संक्रमित कर सूखने की कगार पर पहुंचा देता है।
- फाइटोपैथोजेनिक बैक्टीरिया प्रकृति में भीतर जीवित चीजों के विशेष समूहों की तरह हैं।
- ये बैक्टीरिया एक परजीवी की तरह व्यवहार करते हैं जो अपने भोजन और आश्रय के लिए अपने मेजबान पर निर्भर रहता है।
- इस मामले में परजीवी, राल्स्टोनिया सोलानेसीरम है जो अपने भोजन और आश्रय के लिए आलू के पौधे पर निर्भर होता है।
चींटियों की नई प्रजाति - पैरापैराट्रेचिना नीला
चर्चा में क्यों
हाल ही में पूर्वोत्तर भारत के अरुणाचल प्रदेश की सियांग घाटी में नीले रंग की चीटिंयों की एक नई प्रजाति की खोज की गयी है। यह नई प्रजाति दुर्लभ जीनस पैरापैराट्रेचिना (Paraparatrechina) से संबंधित है और इसका नाम पैरापैराट्रेचिना नीला (Paraparatrechina neela) रखा गया है।
![TRACHINA](https://www.sanskritiias.com/uploaded_files/images//TRACHINA.jpg)
पैरापैराट्रेचिना नीला चींटी की विशेषताएं
- पैरापैराट्रेचिना नीला को एक छोटी चींटी के रूप में वर्णित किया गया है जिसकी लंबाई 2 मिमी से भी कम है।
- जबड़े और पैरों को छोड़कर इसका शरीर मुख्य रूप से धातुई नीले रंग का है।
- सिर बड़ी आंखों के साथ उप-त्रिकोणीय है और इसमें पाँच दांतों वाला एक त्रिकोणीय मुख भाग (जबड़ा) है।
- शोधकर्ताओं के अनुसार, यद्यपि नीला रंग आमतौर पर तितलियों, भृंगों, मधुमक्खियों और ततैयों जैसे कुछ कीड़ों में देखा जाता है, लेकिन चींटियों में यह अपेक्षाकृत दुर्लभ है।
- दुनिया भर में चींटियों की 16,724 ज्ञात प्रजातियों और उप-प्रजातियों में से केवल कुछ ही आंशिक नीला रंग या इंद्रधनुषी रंग प्रदर्शित करती हैं।
जेम्स वेब टेलीस्कोप ने सबसे पुरानी ज्ञात आकाशगंगा का पता लगाया
चर्चा में क्यों
हाल ही में नासा के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST) ने सबसे पुरानी ज्ञात आकाशगंगा को देखा है, जो आश्चर्यजनक रूप से उज्ज्वल और बड़ी है। इसका निर्माण ब्रह्मांड की प्रारंभिक अवस्था के दौरान हुआ था।
![JWST](https://www.sanskritiias.com/uploaded_files/images//JWST1.jpg)
इस नई आकाशगंगा के बारे में
- JADES-GS-z14-0 नामक यह आकाशगंगा लगभग 1,700 प्रकाश वर्ष चौड़ी है।
- इस आकाशगंगा का द्रव्यमान हमारे सूर्य के आकार के 500 मिलियन तारों के बराबर है और यह तेजी से नए तारों का निर्माण कर रही है।
- यह खोज खगोलविदों की एक अंतरराष्ट्रीय टीम द्वारा की गई थी, जिन्होंने जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST) एडवांस्ड डीप एक्स्ट्रागैलेक्टिक सर्वे (JADES) कार्यक्रम के तहत आकाशगंगाओं का निरीक्षण करने के लिए JWST का उपयोग किया था।
- एक प्रकाश वर्ष वह दूरी है जो प्रकाश एक वर्ष में तय करता है, जो 9.5 ट्रिलियन किमी (5.9 ट्रिलियन मील) है।
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खोजी गई दूसरी सबसे पुरानी आकाशगंगा :
- JADES-GS-z14-0 से पहले JADES टीम द्वारा बिग बैंग के लगभग 303 मिलियन वर्ष बाद की दूसरी सबसे पुरानी ज्ञात आकाशगंगा ‘JADES-GS-z14-1’ की खोज की गई थी।
- यह आकशगंगा JADES-GS-z14-0 से छोटी है, जिसका द्रव्यमान लगभग 100 मिलियन सूर्य के आकार के तारों के बराबर है, जो लगभग 1,000 प्रकाश वर्ष चौड़ा है और प्रति वर्ष लगभग दो नए तारे बनाती है।
जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST) के बारे में
- इसे 2021 में संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोपीय और कनाडाई अंतरिक्ष एजेंसियों के संयुक्त प्रयास के रूप में लॉन्च किया गया था।
- यह लगभग 6.5 मीटर प्राथमिक दर्पण वाला एक बड़ा इन्फ्रारेड टेलीस्कोप है।
- इसे विशेष रूप से ब्रह्मांड के पार और किसी भी पिछले खगोलीय उपकरण की तुलना में समय में पीछे देखने के लिए डिज़ाइन किया गया था और साथ ही इसका एक प्रमुख उद्देश्य नवजात ब्रह्मांड में प्रज्वलित होने वाले पहले सितारों को खोजना है।
- यह हबल स्पेस टेलीस्कोप की तरह पृथ्वी के चारों ओर परिक्रमा नहीं करता है, यह पृथ्वी से 5 मिलियन किलोमीटर दूर सूर्य की परिक्रमा करता है जिसे दूसरा लैग्रेंज बिंदु या L2 कहा जाता है।
- JWST वर्ष 2022 में चालू होने के बाद से प्रारंभिक ब्रह्मांड की समझ में क्रांति ला दी है। इसके तहत नई खोज JWST एडवांस्ड डीप एक्स्ट्रागैलेक्टिक सर्वे (JADES) अनुसंधान टीम द्वारा की गई थी।
क्रायोनिक्स
संदर्भ
- हाल ही में, ऑस्ट्रेलियाई की एक क्रायोनिक्स कंपनी ने भविष्य में व्यक्ति को वापस जीवन में लाने की उम्मीद में अपने पहले ग्राहक ‘पेशेंट वन’ को फ्रीज कर दिया है।
- गौरतलब है कि, 12 मई, 2024 को ही उस व्यक्ति की मृत्यु हो गई थी, जिसके पश्चात इस प्रक्रिया को किया गया।
![KRAYO](https://www.sanskritiias.com/uploaded_files/images//KRAYO.jpg)
क्रायोनिक्स क्या है
- क्रायोनिक्स ग्रीक शब्द ‘क्रियोस’ से लिया गया है, जिसका अर्थ है "बर्फीली ठंड"।
- यह किसी मर चुके व्यक्ति को भविष्य में किसी समय पुनर्जीवित करने के उद्देश्य से फ्रीज करने की पद्धति है।
- यह अत्यधिक ठंडे तापमान का उपयोग करके जीवन बचाने का एक प्रयास है।
- इसमें आज की चिकित्सा से परे किसी व्यक्ति को दशकों या सदियों तक संरक्षित किया जा सकता है, जब तक कि भविष्य की चिकित्सा तकनीक उस व्यक्ति को पूर्ण स्वास्थ्य में बहाल नहीं कर देती।
- क्रायोप्रोटेक्टेंट्स का उपयोग ऊतकों को जमने के बजाय विट्रिफाई करने के लिए किया जाता है, जिससे बर्फ के क्रिस्टल बनने से रोका जा सकता है और कोशिकाओं की स्थिति को संरक्षित किया जा सकता है।
- क्रायोप्रोटेक्टेंट्स पानी में घुलने पर उसका गलनांक कम कर देते हैं और कोशिकाओं की रक्षा करते हैं।
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क्रायोनिक्स की भावी संभावनाएं क्या हैं?
- वर्तमान में क्रायोप्रिजर्वेशन का उपयोग दुनिया भर की प्रयोगशालाओं में पहले से ही पशु कोशिकाओं, मानव भ्रूणों और कुछ व्यवस्थित ऊतकों को तीन दशकों तक की अवधि तक बनाए रखने के लिए किया जाता है।
- जब किसी जैविक नमूने को क्रायोप्रिजर्व किया जाता है, तो उसमें DMSO या प्रोपलीन ग्लाइकॉल जैसे क्रायोप्रोटेक्टिव रसायन मिलाए जाते हैं और ऊतक का तापमान ग्लास ट्रांजिशन तापमान (आमतौर पर -120 डिग्री सेल्सियस) से नीचे कर दिया जाता है।
- इस तापमानों पर, पर, आणविक गतिविधियाँ परिमाण के 13 क्रम से अधिक धीमी हो जाती हैं, जिससे जैविक समय प्रभावी रूप से रुक जाता है।
- छोटे जानवरों, जैसे राउंडवॉर्म और खरगोश के गुर्दे का सफल क्रायोप्रिजर्वेशन और पुनरुद्धार, बड़े अंगों और संभवतः पूरे शरीर को संरक्षित और पुनर्जीवित करने में भविष्य की प्रगति की संभावना का सुझाव देते हैं।
बॉन इंटरनेशनल बैडमिंटन टूर्नामेंट
![BADMINTON](https://www.sanskritiias.com/uploaded_files/images//BADMINTON.png)
चर्चा में क्यों ?
- हाल ही में भारत की बैडमिंटन खिलाड़ी तन्वी शर्मा ने बॉन इंटरनेशनल बैडमिंटन टूर्नामेंट का महिला एकल खिताब जीता।
- पंजाब की रहने वाली 15 वर्षीय तन्वी शर्मा ने ताइवान की वांग पेई यू को 21-19, 22-20 से हराया।
बॉन इंटरनेशनल बैडमिंटन टूर्नामेंट
- यह जर्मनी के बॉन में आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन टूर्नामेंट है।
- यह पहली बार वर्ष 2019 में आयोजित हुआ था।
![GERMAN](https://www.sanskritiias.com/uploaded_files/images//GERMAN.jpg)
जर्मनी
- यह मध्य यूरोप में एक देश है।
- जर्मनी की सीमा डेनमार्क, पोलैंड, चेक गणराज्य, ऑस्ट्रिया, स्विट्जरलैंड, फ्रांस, बेल्जियम, लक्जमबर्ग और नीदरलैंड से लगती है।
- इसकी राजधानी बर्लिन है।
- इसकी मुद्रा यूरो है।
रियल मैड्रिड ने जीता UEFA चैंपियंस लीग खिताब जीता
![REALMD](https://www.sanskritiias.com/uploaded_files/images//REALMD.jpg)
चर्चा में क्यों ?
- हाल ही में रियल मैड्रिड ने चैंपियंस लीग के फाइनल में बोरूसिया डॉर्टमुंड को 2-0 से हराया।
- यह रियल मैड्रिड का 15वां चैंपियंस लीग ख़िताब है।
रियल मैड्रिड
- यह स्पेन का एक पेशेवर फुटबॉल क्लब है।
- वर्ष 1902 में मैड्रिड फुटबॉल क्लब के रूप में इसकी स्थापना हुई थी।
- इसको लोकप्रिय रूप से लॉस ब्लैंकोस भी कहा जाता है।
UEFA चैंपियंस लीग
- चैंपियंस लीग, यूरोपीय पेशेवर क्लब-आधारित टूर्नामेंटों में शीर्ष यूरोपीय टूर्नामेंट है।
- इसकी शुरुआत वर्ष 1955-56 में यूरोपीय चैंपियन क्लब कप के रूप में हुई थी।
क्लाउडिया शीनबाम - मेक्सिको की पहली निर्वाचित महिला राष्ट्रपति
![MEXICO](https://www.sanskritiias.com/uploaded_files/images//MEXICO.jpg)
चर्चा में क्यों ?
- हाल ही में क्लाउडिया शीनबाम को मेक्सिको की पहली निर्वाचित महिला राष्ट्रपति चुना गया
- मेक्सिको में पहली बार एक महिला राष्ट्रपति चुनी गई है।
क्लाउडिया शिएनबाम
- क्लाउडिया शिएनबाम एक जलवायु कार्यकर्ता और मेक्सिको सिटी की पूर्व मेयर हैं।
![MEXICOM](https://www.sanskritiias.com/uploaded_files/images//MEXICOM.jpg)
मेक्सिको
- यह उत्तरी अमेरिका में स्थित एक देश है, लेकिन सांस्कृतिक रूप से इसे लैटिन अमेरिका का हिस्सा माना जाता है।
- इसकी सीमा अमेरिका, ग्वाटेमाला और बेलीज़ से लगती है
- राजधानी - मेक्सिको सिटी
- मुद्रा - मैक्सिकन पेसो
प्रश्न – मेक्सिको की सीमा निम्नलिखित में से किस देश से नहीं लगती है ?
(a) होंडुरास
(b) अमेरिका
(c) ग्वाटेमाला
(d) बेलीज़
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फेनोम इंडिया परियोजना
चर्चा में क्यों ?
- हाल ही में वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद ने स्वास्थ्य निगरानी परियोजना, 'फेनोम इंडिया’ CSIR हेल्थ कोहोर्ट नॉलेजबेस के पहले चरण का समापन किया।
- इसके तहत 10,000 नमूने एकत्र करने का लक्ष्य हासिल किया गया
- इस परियोजना की शुरुआत दिसंबर 2023 में की गई थी।
- इसका उद्देश्य भारतीय आबादी में गैर-संचारी (कार्डियो-मेटाबोलिक) रोगों के जोखिम कारकों का आकलन करना है।
- इस परियोजना के तहत भारत में पहली बार कार्डियो-मेटाबोलिक बीमारी के लिए एक उन्नत पूर्वानुमान मॉडल विकसित करने के लिए अध्ययन किया जा रहा है।
वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद
- यह भारत का सबसे बड़ा अनुसंधान एवं विकास संगठन है।
- इसकी स्थापना वर्ष 1942 में हुई थी।
- इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है।
- यह सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के अंतर्गत एक स्वायत्त निकाय के रूप में पंजीकृत है।
- इसका उद्देश्य वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान करना है।
- इसका वित्तपोषण विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा किया जाता है
- भारत का प्रधानमंत्री इसका पदेन अध्यक्ष होता है
बैंक क्लिनिक
चर्चा में क्यों ?
- हाल ही में अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ ने "बैंक क्लिनिक" पहल शुरू की है।
- इसका उद्देश्य बैंक ग्राहकों को शिकायत निवारण में सहायता करना है।
- यह एक गैर-समाधानकारी सलाहकार मंच है जो ग्राहकों को आरबीआई के दिशानिर्देशों के अनुसार उपलब्ध उपायों के बारे में मार्गदर्शन देता है।
- इस पहल के तहत, ग्राहक बैंक क्लिनिक वेबसाइट पर अपनी शिकायतें दर्ज करा सकते हैं और पांच कार्य दिवसों के भीतर उन्हें उपलब्ध उपायों और उनकी विशिष्ट समस्या के लिए प्रासंगिक आरबीआई दिशानिर्देशों का विवरण देते हुए जवाब प्राप्त होगा।
- इसका लक्ष्य ग्राहकों की समस्याओं का समय पर और प्रभावी निवारण सुनिश्चित करना है।
- यह ग्राहकों को उपलब्ध उपायों के बारे में मार्गदर्शन तो देता है, लेकिन सीधे तौर पर प्रश्नों का समाधान नहीं करता।
अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ
- अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ एक राष्ट्रीय ट्रेड यूनियन है जो पूरे भारत में बैंक कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करता है।
- इसकी स्थापना वर्ष 1946 में हुई थी।
- इसका मुख्यालय चेन्नई में है।
- यह बैंककर्मियों के अधिकारों और हितों के संबंध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।