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शॉर्ट न्यूज़ : 05 जून , 2024

शॉर्ट न्यूज़ : 05 जून , 2024


प्रेस्टन वक्र

QS विश्वविद्यालय रैंकिंग, 2025

फेनोम इंडिया

सीधी बुआई वाला चावल

हेलेन मैरी रॉबर्ट्स - पाकिस्तानी सेना की पहली अल्पसंख्यक महिला ब्रिगेडियर

खरपतवारनाशक सहिष्णु चावल

ताइवान ओपन में भारत ने जीते 7 पदक

हल्ला टॉमसडॉटिर - आइसलैंड की नयीं राष्ट्रपति

विश्व पर्यावरण दिवस 2024


प्रेस्टन वक्र

क्या है प्रेस्टन वक्र

  • प्रेस्टन वक्र (Preston Curve) एक निश्चित प्रायोगिक या मूलानुपाती संबंध (Empirical Relationship) को संदर्भित करता है जो किसी देश में जीवन प्रत्याशा एवं प्रति व्यक्ति आय के बीच का प्रमाण होता है।
  • इस वक्र के अनुसार, शिशु व मातृ मृत्यु दर, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा आदि जैसे अन्य विकास संकेतक भी तब बेहतर होते हैं जब किसी देश की प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि होती है।

किसने और कब प्रतिपादित किया ये वक्र 

इस वक्र को सर्वप्रथम अमेरिकी समाजशास्त्री सैमुअल एच. प्रेस्टन ने अपने शोधपत्र (वर्ष 1975 में) ‘मृत्यु दर एवं आर्थिक विकास के स्तर के बीच बदलते संबंध’ में प्रस्तावित किया था। 

वक्र क्या बताता है?

  • प्रेस्टन के अनुसार, धनी देशों में रहने वाले लोगों का जीवन काल प्राय: निर्धन देशों में रहने वाले लोगों की तुलना में अधिक होता है।
  • ऐसा संभवतः इसलिए है क्योंकि धनी देशों में लोगों के पास स्वास्थ्य सेवा तक बेहतर पहुँच है, वे बेहतर शिक्षित हैं, स्वच्छ परिवेश में रहते हैं और बेहतर पोषण आदि प्राप्त करते हैं। 
    • जब कोई निर्धन देश विकसित होता है, तो उसकी प्रति व्यक्ति आय बढ़ जाती है और जीवन प्रत्याशा में उल्लेखनीय वृद्धि होती है क्योंकि लोग केवल निर्वाह कैलोरी से अधिक उपभोग करने में सक्षम होते हैं तथा बेहतर स्वास्थ्य सेवा आदि प्राप्त करते हैं। 
  • भारतीयों की औसत प्रति व्यक्ति आय वर्ष 1947 में लगभग 9,000 प्रति वर्ष से बढ़कर वर्ष 2011 में लगभग 55,000 प्रति वर्ष हो गई। इस अवधि में भारतीयों की औसत जीवन प्रत्याशा 32 वर्ष से बढ़कर 66 वर्ष से अधिक हो गई है।
  • हालांकि, प्रति व्यक्ति आय एवं जीवन प्रत्याशा के बीच धनात्मक संबंध एक निश्चित बिंदु के बाद समाप्त होने लगता है। दूसरे शब्दों में किसी देश की प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि से उसकी आबादी की जीवन प्रत्याशा में एक बिंदु से ज़्यादा वृद्धि नहीं होती है क्योंकि मानव जीवन काल को अनिश्चित काल तक नहीं बढ़ाया जा सकता है।

वक्र की आलोचना

  • कुछ विशेषज्ञों का तर्क है कि जीवन प्रत्याशा में अधिकांश सुधार प्रेस्टन वक्र में बदलाव के कारण आए हैं न कि वक्र के साथ-साथ चलने के कारण। अर्थात निम्न प्रति व्यक्ति आय स्तरों पर भी देशों ने उच्च जीवन प्रत्याशा प्राप्त की है।
  • इन विशेषज्ञों के अनुसार, निम्न आय स्तरों पर जीवन प्रत्याशा में ऐसा सुधार चिकित्सा प्रौद्योगिकी में सुधार के कारण हो सकता है, जैसे कि जीवन रक्षक टीकों का विकास। 
  • हालाँकि, इस दृष्टिकोण के आलोचक तर्क देते हैं कि तकनीकी उन्नति स्वयं आय के स्तर से जुड़ी हुई है। धनी देशों के पास बेहतर तकनीकें होती हैं।

QS विश्वविद्यालय रैंकिंग, 2025

4 जून, 2024 को Quacquarelli Symonds (QS) ने QS वर्ल्ड रैंकिंग, 2025 जारी की है। 

विश्वविद्यालय रैंकिंग, 2025

  • इस सूची में शीर्ष पर एम.आई.टी. (Massachusetts Institute of Technology : MIT) है। दूसरे स्थान पर इंपीरियल कॉलेज लंदन है। 
  • ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी एवं हार्वर्ड यूनिवर्सिटी क्रमशः तीसरे व चौथे स्थान पर हैं।
  • शीर्ष 150 की सूची में शामिल होने वाले भारतीय संस्थान आई.आई.टी.बॉम्बे और आई.आई.टी. दिल्ली हैं।

भारतीय विश्वविद्यालयों की स्थिति 

  • आई.आई.टी. बॉम्बे ने वर्ष 2024 की रैंकिंग की तुलना में बेहतर प्रदर्शन करते हुए 118वां स्थान प्राप्त किया है, जबकि आई.आई.टी. दिल्ली 150वें स्थान पर है।
  • इस रैंकिंग में आई.आई.एस.सी. (IISc) 211वें स्थान पर और आई.आई.टी. खड़गपुर 222वें स्थान पर है।
  • आई.आई.टी. मद्रास 227वें स्थान पर है जबकि आई.आई.टी. कानपुर ने 263वां स्थान प्राप्त किया है।
  • दिल्ली विश्वविद्यालय ने 328वां स्थान प्राप्त किया है। आई.आई.टी. रुड़की 335वें, आई.आई.टी. गुवाहाटी 344वें एवं अन्ना विश्वविद्यालय 383वें स्थान पर है।

रैंकिंग के लिए पात्रता मानदंड

शैक्षणिक प्रतिष्ठा (Academic Reputation) को 30%, नियोक्ता प्रतिष्ठा (Employer Reputation) को 15%, संकाय-छात्र अनुपात (Faculty-Student Ratio) को 10%, प्रति संकाय पेपर (Citations Per Faculty) को 20%, अंतर्राष्ट्रीय संकाय अनुपात (International Faculty Ratio), अंतर्राष्ट्रीय छात्र अनुपात (International Student Ratio), अंतर्राष्ट्रीय अनुसंधान नेटवर्क (International Research Network), रोजगार परिणाम एवं स्थिरता (Employment Outcomes and Sustainability) प्रत्येक को 5% महत्व दिया जाता है।


फेनोम इंडिया

वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) की अनुदैर्ध्य स्वास्थ्य निगरानी परियोजना- ‘फेनोम इंडिया-सीएसआईआर हेल्थ कोहोर्ट नॉलेजबेस' (PI-CHEK) का पहला चरण समाप्त हो गया है। इसके अंतर्गत कार्डियो-मेटाबोलिक रोगों के लिए 10,000 नमूने एकत्र करने का लक्ष्य पूरा किया गया है।

फिनोम इंडिया-सीएसआईआर हेल्थ कोहॉर्ट नॉलेजबेस (PI-CHEK)  

  • यह सी.एस.आई.आर. (CSIR) की ओर से कार्डियो मेटाबोलिक रोगों के लिए भारत-विशिष्ट जोखिम कारकों की पहचान करने के लिए डिजाइन की गई प्रमुख परियोजना है। 
  • सी.एस.आई.आर. (CSIR) की इस पहल का मुख्य उद्देश्य स्वास्थ्य एवं कल्याण परीक्षण के माध्यम से ‘स्वस्थ भारत, विकासशील भारत’ सुनिश्चित करना है।
  • यह अध्ययन व्यक्तिगत व सटीक चिकित्सा की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रगति को चिह्नित करते हुए मूल्यवान वैज्ञानिक जानकारी प्रदान करता है।
  • यह स्वास्थ्य समूह अध्ययन व्यापक डाटा एकत्र करेगा जिसमें नैदानिकी (क्लिनिकल) प्रश्नावली, जीवनशैली व आहार संबंधी आदतें, शरीर संरचना माप, स्कैनिंग-आधारित मूल्यांकन, रक्त जैव-रसायन और आणविक परख-आधारित आँकड़े शामिल होंगे।
  • सी.एस.आई.आर.-राष्ट्रीय विज्ञान संचार एवं नीति अनुसंधान संस्थान (CSIR-NIScPR) विज्ञान संचार, साक्ष्य-आधारित विज्ञान प्रौद्योगिकी व नवाचार नीति अनुसंधान को आगे बढ़ाने और लोगों के बीच वैज्ञानिक जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है। 
    • सी.एस.आई.आर.-निस्पर (CSIR-NIScPR) अभिनव पहलों व सहयोगात्मक प्रयासों के माध्यम से वैज्ञानिक समुदाय एवं आम जनता के बीच की दूरी को समाप्त करने का प्रयास करता है।

सीधी बुआई वाला चावल

  • भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) ने खरपतवारनाशक-सहिष्णु (Herbicide-tolerant : Ht) बासमती चावल की किस्मों का वाणिज्यीकरण किया है। यह खरपतवारों को नियंत्रित कर सकती हैं और पानी की बचत करने वाले सीधी बुआई वाले चावल (Direct Seeded Rice : DSR) को भी बढ़ावा दे सकते हैं।
  • आई.सी.ए.आर. के अनुसार, ये नई आनुवंशिक रूप से गैर-संशोधित (non-GM) किस्में डी.एस.आर. प्रणाली में खरपतवार को खत्म करने के लिए हर्बिसाइड इमाजेथापायर (Imazethapyr) के सीधे अनुप्रयोग की अनुमति देती हैं क्योंकि उनमें एक उत्परिवर्तित ए.एल.एस. जीन (ALS Gene) होता है। 

सीधी बुआई वाले चावल (DSR) 

  • यह धान की खेती की एक आधुनिक तकनीक है जिसमें नर्सरी से पौध रोपने की पारंपरिक विधि की जगह धान के बीज खेत में सीधे बोए जाते हैं।
  • यह धान की खेती का एक कुशल एवं टिकाऊ तरीका है जो किसानों, पर्यावरण एवं अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण लाभ प्रदान करता है।
  • हालाँकि, डी.एस.आर. फसल प्रणाली पर कार्यरत वैज्ञानिकों का तर्क है कि डी.एस.आर. की सहायता के लिए ऐसी तकनीक की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि बुआई की तारीख को 15 मई से 10 जून तक आगे बढ़ाकर जलवायु कारकों का उपयोग करके पर्यावरण-अनुकूल तरीकों से खरपतवारों को आसानी से प्रबंधित किया जा सकता है।
  • विदित है कि उत्तर-पश्चिमी मैदानी क्षेत्र, जिसमें पंजाब व हरियाणा शामिल हैं, लंबे समय से सुगंधित बासमती चावल उगाने के लिए डी.एस.आर. प्रणाली का उपयोग करते हैं।
    • हालाँकि, चावल की फसलों में खरपतवारों को नियंत्रित करने और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हरित क्रांति के दौरान नीति-निर्माताओं ने भूजल-आधारित सिंचाई का अत्यधिक उपयोग करके पानी की खपत वाले प्रत्यारोपित चावल प्रणाली की शुरुआत की।

चुनौतियाँ

  • इमाज़ेथापायर विशिष्ट चौड़ी पत्ती वाले खरपतवार (BLW) को लक्षित करता है, सभी प्रकार के खरपतवार को नहीं।
  • शाकनाशी-प्रतिरोधी खरपतवार विकसित हो सकते हैं, जिससे चावल उत्पादन एवं खाद्य सुरक्षा को खतरा हो सकता है।
  • इसी तरह की चुनौतियाँ बीटी-कॉटन एवं पिंक बॉलवर्म प्रतिरोध के साथ देखी गईं हैं।

हेलेन मैरी रॉबर्ट्स - पाकिस्तानी सेना की पहली अल्पसंख्यक महिला ब्रिगेडियर

MAHILA

चर्चा में क्यों ?

  • हाल ही में हेलेन मैरी रॉबर्ट्स पाकिस्तानी सेना की पहली अल्पसंख्यक समुदाय की महिला ब्रिगेडियर बनीं। 
  • ये पाकिस्तानी ईसाई समुदाय की सदस्य है। 
  • हेलेन मैरी रॉबर्ट्स एक सीनियर पैथोलॉजिस्ट हैं और पिछले 26 वर्षों से पाकिस्तानी सेना में सेवारत हैं। 

PAKISTANM

पाकिस्तान

  • पाकिस्तान एशिया के दक्षिणी भाग में स्थित एक देश है 
  • इसकी सीमा ईरान, भारत, चीन और अफगानिस्तान से लगती है 
  • राजधानी - इस्लामाबाद 
  • मुद्रा - पाकिस्तानी रुपया

खरपतवारनाशक सहिष्णु चावल

चर्चा में क्यों ?

  • हाल ही में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने खरपतवारनाशक सहिष्णु बासमती चावल की किस्मों का व्यवसायीकरण किया 
  • भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के अनुसार -
    • चावल की यह किस्म खरपतवारों को नियंत्रित कर सकती हैं
    • ये सीधी बुआई वाले चावल के बीजों को बढ़ावा दे सकती हैं।

सीधी बुआई वाले चावल

  • यह कम सिंचाई में बिना नर्सरी में उगाए और बिना रोपाई के सीधे सूखी बुआई द्वारा चावल उगाने की एक प्रणाली है।  
  • यह चावल की खेती की एक कुशल और टिकाऊ विधि है जो किसानों, पर्यावरण और अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण लाभ प्रदान करती है।

खरपतवारनाशक सहिष्णु चावल के संबंध में चिंतायें

  • खरपतवारनाशक सहिष्णु चावल के संबंध में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के दावों को वैज्ञानिक तथ्यों के आधार पर ‘अतिशयोक्तिपूर्ण’ माना जा रहा है।
    • भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के अनुसार, ये नई गैर-आनुवंशिक रूप से संशोधित किस्में में सीधी बुआई वाली प्रणाली में खरपतवारों को खत्म करने के लिए इमेजेथापायर नामक शाकनाशी के प्रयोग की अनुमति देती हैं।
    • कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार इमेजेथापायर केवल कुछ विशेष प्रकार के चौड़ी पत्ती वाले खरपतवारों को ही मारता है और यह चावल की फसलों के लिए उपयुक्त नहीं है।
    •  एक ही प्रकार के खरपतवारनाशक के निरंतर उपयोग से इसके प्रति प्रतिरोधक क्षमता वाले अधिक शक्तिशाली खरपतवारों का विकास हो सकता है
    • यह भारत में चावल उत्पादन और खाद्य सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा होगा।

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद  

  • यह कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग के अंतर्गत एक स्वायत्त संगठन है।
  • स्थापना - 16 जुलाई 1929 
  • मुख्यालय - नई दिल्ली 
  • यह भारत में बागवानी, मत्स्य पालन और पशु विज्ञान सहित कृषि में अनुसंधान और शिक्षा के समन्वय, मार्गदर्शन और प्रबंधन के लिए सर्वोच्च निकाय है।

प्रश्न - भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की स्थापना कब हुई थी ?

(a) वर्ष 1920 

(b) वर्ष 1929 

(c) वर्ष 1930

(d) वर्ष 1939


ताइवान ओपन में भारत ने जीते 7 पदक

TAIWANOP

चर्चा में क्यों ?

  • भारत ने ताइवान एथलेटिक्स ओपन में 7 पदक जीते जिनमे 3 स्वर्ण, 3 रजत और 1 कांस्य पदक शामिल है।
  • इस प्रतियोगिता का आयोजन ताइवान की राजधानी ताइपे में किया गया था।

स्वर्ण पदक विजेता

  • डी.पी. मनु : भाला फेंक में स्वर्ण पदक ।
  • नयना जेम्स : महिलाओं की लंबी कूद में स्वर्ण पदक 
  • अंकेश चौधरी : पुरुषों की 800 मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक 

रजत पदक विजेता

  • सोमनाथ चौहान : पुरुषों की 800 मीटर स्पर्धा में रजत पदक 
  • देव मीना : पुरुषों की पोल वॉल्ट में रजत पदक 
  • नित्या रामराज : महिलाओं की 100 मीटर बाधा दौड़ में रजत पदक 

कांस्य पदक विजेता

  •  वी.के. विस्मया : महिलाओं की 400 मीटर में कांस्य पदक 

हल्ला टॉमसडॉटिर - आइसलैंड की नयीं राष्ट्रपति

ICELAND

चर्चा में क्यों ?

  • हाल ही में हल्ला टॉमसडॉटिर को आइसलैंड की राष्ट्रपति चुना गया 
  • राष्ट्रपति के रूप में ये गुडनी जोहानसन का स्थान लेंगी।

आइसलैंड

  • आइसलैंड, उत्तरी अटलांटिक महासागर में स्थित एक द्वीपीय देश है
  • यह दुनिया का 18 वां सबसे बड़ा द्वीप और यूरोप का दूसरा सबसे बड़ा द्वीप है।
  • यह दक्षिण में अटलांटिक महासागर, उत्तर में ग्रीनलैंड सागर, उत्तर-पश्चिम में डेनमार्क जलडमरूमध्य और पूर्व में नॉर्वेजियन सागर से घिरा है।
  • राजधानी – रेक्जाविक
  • मुद्रा - आइसलैंडिक क्रोनर (ISK)

विश्व पर्यावरण दिवस 2024

चर्चा में क्यों ?

  • संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) द्वारा प्रत्येक वर्ष 5 जून को 'विश्व पर्यावरण दिवस' मनाया जाता है। 
  • इसका मुख्य उद्देश्य विश्व भर में पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाना तथा उसके लिये आवश्यक कदम उठाना है।
  • यह दिन जन जागरण के लिए एक वैश्विक मंच के रूप में कार्य करता है, जो पर्यावरण के ज्वलंत मुद्दों की ओर ध्यान आकर्षित करते हैं और सरकारों, व्यवसायों, गैर-सरकारी संगठनों और व्यक्तियों के बीच सहयोग को बढ़ावा प्रदान करता है। 
  • विश्व पर्यावरण दिवस 2024 की थीम है- भूमि पुनर्स्थापन, मरुस्थलीकरण और सूखे से निपटने की क्षमता (Land restoration, desertification and drought resilience)
  • वर्ष 1972 में स्टॉकहोम कन्वेंशन में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने विश्व पर्यावरण दिवस की नींव रखी थी। 
  • इसके पश्चात, वर्ष 1973 से प्रति वर्ष 5 जून को इसका आयोजन किया जाता है।
  • प्रत्येक वर्ष कोई एक देश विश्व पर्यावरण दिवस का आयोजन करता है। 
  • इस वर्ष सऊदी अरब, विश्व पर्यावरण दिवस की मेज़बानी कर रहा है।

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