शॉर्ट न्यूज़ : 06 जून , 2024
माउंट कैनलाओं
आइसलैंड में ज्वालामुखीय गतिविधि
पैरेंग्योडोन्टियम एल्बम कवक
कवि सिद्धलिंग पट्टानाशेट्टी को गुडलेप्पा हल्लीकेरी पुरस्कार
अरुण-3 जलविद्युत परियोजना
C-DOT को संयुक्त राष्ट्र का WSIS 2024 “चैंपियन” पुरस्कार
स्वदेशी वायु गुणवत्ता निगरानी प्रणाली
माउंट कैनलाओं
फिलीपींस के माउंट कैनलाओं (Mount Canlaon) में भीषण ज्वालमुखी उद्गार हुआ। इससे पूर्व दिसंबर 2017 में इसमें विस्फोट हुआ था।
माउंट कैनलाओं के बारे में
- क्या है : फिलीपींस का तीसरा सबसे सक्रिय ज्वालामुखी
- अवस्थिति : फिलिपींस द्वीपसमूह के नीग्रोस (Negros) द्वीप पर स्थित
- नीग्रोस द्वीप प्रशांत महासागर के ‘रिंग ऑफ़ फायर’ पर स्थित है और जहां 127 से भी अधिक सक्रिय ज्वालामुखी हैं।
- नीग्रोस द्वीप फिलिपींस का चौथा सबसे बड़ा और तीसरा सर्वाधिक आबादी वाला द्वीप है।
- नीग्रोस के दक्षिणी भाग के तटीय क्षेत्र को कोरल त्रिभुज में उच्चतम समुद्री जैव विविधता महत्व के स्थल के रूप में पहचाना जाता है।
फिलीपींस के बारे में
- पश्चिमी प्रशांत महासागर में स्थित दक्षिण-पूर्व एशिया का द्वीपीय देश है। यह 7,000 से अधिक द्वीपों एवं टापुओं का द्वीपसमूह है।
- फिलीपींस की राजधानी मनीला यहाँ के सबसे बड़े द्वीप लूज़ोन पर स्थित है। फिलीपींस का दूसरा सबसे बड़ा द्वीप मिंडानाओ है।
- फिलीपीन द्वीपसमूह के पूर्व में फिलीपीन सागर, दक्षिण में सेलेब्स सागर, दक्षिण-पश्चिम में सुलु सागर तथा पश्चिमोत्तर में दक्षिण चीन सागर स्थित है।
आइसलैंड में ज्वालामुखीय गतिविधि
आइसलैंड के रेक्जाविक के दक्षिण में स्थित सुंध्नुक्सगिगर ज्वालामुखी (Sundhnuksgigar Volcano) में दिसंबर 2023 से पांचवीं बार विस्फोट हुआ है। इसकी सक्रियता बढ़ती जा रही है।
आइसलैंड में ज्वालामुखीय गतिविधि
- पृथ्वी पर ज्वालामुखीय रूप से सर्वाधिक सक्रिय क्षेत्रों में से एक आइसलैंड है, जहाँ प्राय: हर चार से पाँच वर्ष में एक विस्फोट होता है।
- हालाँकि, वर्ष 2021 से विस्फोटों की आवृत्ति बढ़कर लगभग एक वर्ष हो गई है। यह वृद्धि आइसलैंड के भूवैज्ञानिक परिदृश्य की गतिशील प्रकृति को उजागर करती है।
ज्वालामुखीय गतिविधि में वृद्धि के प्रमुख कारण
- आइसलैंड में ज्वालामुखीय गतिविधि में वृद्धि का कारण उत्तरी अटलांटिक महासागर में स्थित दुनिया की सबसे लंबी पर्वत श्रृंखला मिड-अटलांटिक रिज (मध्य- अटलांटिक कटक) पर इसकी अवस्थिति है।
- यहाँ यूरेशियन एवं उत्तरी अमेरिकी टेक्टोनिक प्लेटें प्रतिवर्ष कुछ सेंटीमीटर की दर से दूर हो रही हैं।
- इसके अलावा आइसलैंड एक हॉटस्पॉट पर स्थित है, जो ज्वालामुखी गतिविधि को अधिक तीव्र बनाता है।
- दक्षिण-पश्चिम आइसलैंड के रेक्जेनेस प्रायद्वीप पर स्थित फग्रादाल्सफजाल ज्वालामुखी इस क्षेत्र की ज्वालामुखी गतिविधि का एक अन्य उल्लेखनीय उदाहरण है।
पैरेंग्योडोन्टियम एल्बम कवक
चर्चा में क्यों ?
- हाल ही में पैरेंग्योडोन्टियम एल्बम नामक एक कवक की खोज की गई
- इसकी खोज रॉयल नीदरलैंड इंस्टीट्यूट फॉर सी रिसर्च के समुद्री सूक्ष्म जीवविज्ञानियों द्वारा की गई
- यह एक समुद्री कवक है जो पॉलीइथिलीन प्लास्टिक को विघटित कर सकता है, जो समुद्र में सबसे आम प्लास्टिक है।
- पॉलीइथिलीन का प्रयोग पैकेजिंग फिल्म, किराने की थैलियों, बोतलों, खिलौनों इत्यादि में होता है।
- यह कवक समुद्र में प्लास्टिक के कूड़े पर पतली परतों में अन्य समुद्री सूक्ष्मजीवों के साथ रहता है।
- यह केवल उस प्लास्टिक को विघटित कर सकता है जो पहले पराबैंगनी विकिरण के संपर्क में आया हो
- यह कवक पॉलीइथिलीन प्लास्टिक को विघटित कर बायोमास में परिवर्तित करके इसका ऊर्जा स्रोत के रूप में उपयोग करता है।
- यह पॉलीइथिलीन में मौजूद कार्बन को कार्बन डाइऑक्साइड में बदल देता है
- कवक प्लास्टिक के विघटन के लिए पाचन एंजाइमों का उपयोग करते हैं
- मनुष्य प्रतिवर्ष 400 अरब किलोग्राम से अधिक प्लास्टिक का उत्पादन करता है, जिसमें से अधिकांश समुद्र में चला जाता है।
कवि सिद्धलिंग पट्टानाशेट्टी को गुडलेप्पा हल्लीकेरी पुरस्कार
चर्चा में क्यों ?
- हाल ही में कवि और नाटककार सिद्धलिंग पट्टानाशेट्टी को वर्ष 2024 के लिए प्रतिष्ठित गुडलेप्पा हल्लीकेरी पुरस्कार के लिए चुना गया
गुडलेप्पा हल्लीकेरी पुरस्कार
- यह गुडलेप्पा हल्लीकेरी मेमोरियल फाउंडेशन द्वारा दिया जाता है
- इस पुरस्कार में 25,000 रुपये की राशि और एक स्मृति चिन्ह दिया जाता है
- यह पुरस्कार उन लोगों को दिया जाता है जिन्होंने साहित्य, समाज या सामाजिक सेवा में उल्लेखनीय उपलब्धियाँ हासिल की हैं।
अरुण-3 जलविद्युत परियोजना
चर्चा में क्यों ?
- हाल ही में नेपाल के प्रधानमंत्री श्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने नेपाल के संखुवासभा जिले में अरुण-3 जलविद्युत परियोजना की हेड रेस टनल का उद्घाटन किया।
अरुण-3 जलविद्युत परियोजना
- इसका निर्माण अरुण नदी पर सतलुज जल विद्युत निगम अरुण-3 पावर डेवलपमेंट कंपनी प्राइवेट लिमिटेड (SAPDC) द्वारा किया जा रहा है,
- SAPDC, सतलुज जल विद्युत निगम की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है।
अरुण नदी
- इसका उद्गम तिब्बत से होता है
- यह नेपाल में कोसी या सप्त कोशी नदी प्रणाली का हिस्सा है।
- नेपाल में यह कोसी नदी में मिल जाती है
- यह नेपाल से होकर गुजरने वाली सबसे बड़ी ट्रांस-हिमालयी नदी है।
सतलुज जल विद्युत निगम (SJVN)
- यह विद्युत मंत्रालय के नियंत्रण में मिनी रत्न श्रेणी-। सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम है।
- स्थापना - 24 मई, 1988 को भारत सरकार तथा हिमाचल प्रदेश सरकार के संयुक्त उपक्रम के रूप में
- यह हिमाचल प्रदेश में भारत के सबसे बड़े 1500 मेगावाट नाथपा झाकड़ी हाइड्रो पावर स्टेशन (NJHPS) को संचालित कर रहा है।
C-DOT को संयुक्त राष्ट्र का WSIS 2024 “चैंपियन” पुरस्कार
चर्चा में क्यों ?
- हाल ही में सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स (C-DOT) को संयुक्त राष्ट्र के WSIS 2024 “चैंपियन” पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
- C-DOT को यह पुरस्कार सेल ब्रॉडकास्ट इमरजेंसी अलर्टिंग के जरिये मोबाइल-सक्षम आपदा लचीलापन" परियोजना के लिए दिया गया है।
सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स (C-DOT)
- यह विज्ञान और प्रौधोगिकी मंत्रालय भारत सरकार के साथ एक पंजीकृत सार्वजनिक वित्त पोषित शोध संस्थान है।
- स्थापना - वर्ष 1984
- मुख्यालय - नई दिल्ली
प्रश्न – सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स (C-DOT) का मुख्यालय कहाँ स्थित है ?
(a) नई दिल्ली
(b) हैदराबाद
(c) लखनऊ
(d) चंडीगढ़
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स्वदेशी वायु गुणवत्ता निगरानी प्रणाली
चर्चा में क्यों ?
- हाल ही में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने स्वदेशी वायु गुणवत्ता निगरानी प्रणाली का उद्घाटन किया
स्वदेशी वायु गुणवत्ता निगरानी प्रणाली
- इसे सी-डैक ने टेक्समिन और जे एम एनवायरोलैब प्राइवेट लिमिटेड के सहयोग से विकसित किया है।
- इसे ‘कृषि और पर्यावरण में इलेक्ट्रॉनिक्स और आईसीटी अनुप्रयोगों पर राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत विकसित किया गया है।
- यह पीएम 1.0, पीएम 2.5, पीएम 10, सल्फरडाइऑक्साइड, नाइट्रोजनडाइऑक्साइड, ओजोन, कार्बनमोनोऑक्साइड, कार्बनडाइऑक्साइड, तापमान और आर्द्रता जैसे तत्वों की निगरानी कर सकती है।
- इस प्रणाली का वायु के विभिन्न मापदंडों के लिए गहन परीक्षण और सत्यापन किया गया है।
- यह पर्यावरण से संबंधित विभिन्न अनुमोदन प्रदान करने में सहायक होगी।
- रियल टाइम वायु गुणवत्ता सूचकांक निगरानी के लिए यह प्रणाली "एयर-प्रवाह" नामक मोबाइल एप्लिकेशन के साथ काम करती है।
- वर्तमान समय में ज्यादातर वायु गुणवत्ता निगरानी सेंसर आयात किए जाते हैं।
- स्वदेशी रूप से विकसित यह वायु गुणवत्ता निगरानी प्रणाली आयातित इकाइयों की तुलना में लगभग एक तिहाई सस्ती है।