शॉर्ट न्यूज़ : 18 जून , 2024
‘पैंटानल आर्द्रभूमि’
वैश्विक आर्थिक संभावना रिपोर्ट 2024
रेल दुर्घटना में कवच सुरक्षा प्रणाली की सार्थकता
‘पैंटानल आर्द्रभूमि’
चर्चा में क्यों?
हाल ही में ब्राज़ील केमाटो ग्रोसो डो सुल राज्य के कोरुम्बा में स्थितविश्व की सबसे बड़ी आर्द्रभूमि पैंटानल में 'नियंत्रण से बाहर' आग ने वन्यजीवों को ख़तरे में डाल दिया है
![ARDRA](https://www.sanskritiias.com/uploaded_files/images//ARDRA.jpg)
पैंटानल आर्द्रभूमिके बारे में
- यह एक प्राकृतिक क्षेत्र है जिसे दुनिया के सबसे बड़े उष्णकटिबंधीय आर्द्रभूमि क्षेत्र के रूप में जाना जाता है
- पैंटानल में संपूर्ण विश्व की लगभग 3% आर्द्रभूमि शामिल है।
- इसका अधिकांश भाग ब्राज़ील में स्थित है, लेकिन यह बोलीविया और पैराग्वे के कुछ हिस्सों में भी फैला हुआ है।
- पैंटानल की वनस्पतियों जिन्हें प्राय: पैंटानल कॉम्पलेक्स भी कहा जाता है आस पास के पारिस्थितिकियों व क्षेत्रों के पेड़-पौधों का मिश्रण है।
- पैंटानल का पारिस्थितिकी तंत्र लगभग 3500 प्रजाति के पौधों का घर है जिनमें मुख्य रूप से शामिल हैं :
- आर्द्र उष्णकटिबंधीय अमेजन के वर्षावनों व अर्द्ध-शुष्क जंगलों के पौधे जो मुख्यत: पूर्वोत्तर ब्राज़ील में पाये जाते हैं।
- ब्राज़ील के केराडो सवाना के हरे मैदानों के पेड़-पौधे और बोलीविया एवं पराग्वे के चाको सवाना की वनस्पतियाँ।
- इस क्षेत्र में जंगल अधिकतर ऊंचे क्षेत्रों में पाए जाते हैं जबकि घास के हरे मैदानों में मौसमी जलाप्लवन (जल जमाव) होता है।
- पैंटानल में दुनिया में मगरमच्छों की सबसे बड़ी संख्या है, जिसमें लगभग 10 मिलियन कैमन हैं।
- पैंटानल ग्रह पर सबसे बड़े तोते हाइसिंथ मैकॉ का भी घर है।
- वर्ष 2000 में, इस पारिस्थितिकी क्षेत्र का हिस्सा, 'पैंटानल संरक्षण क्षेत्र' को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया था।
![JHIL](https://www.sanskritiias.com/uploaded_files/images//JHIL.jpg)
वैश्विक आर्थिक संभावना रिपोर्ट 2024
संदर्भ
हाल ही में विश्व बैंक द्वारा जून 2024 के अर्ध-वार्षिक वैश्विक आर्थिक संभावना रिपोर्ट जारी की गई है। रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2025 के लिए 6.6% की अनुमानित GDP वृद्धि दर के साथ भारत विश्व स्तर पर सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में बना रहेगा।
रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष
वैश्विक दृष्टिकोण
- वृद्धि दर में स्थिरता : वर्ष 2024 में वैश्विक वृद्धि 2.6 %पर स्थिर रहने का अनुमान है, जो भू-राजनीतिक तनाव और उच्च ब्याज दरों के बावजूद तीन वर्षों में पहली बार स्थिर है।
- निवेश में वृद्धि : व्यापार और निवेश में मामूली वृद्धि के बीच वर्ष 2025-26 में इसके 2.7 % तक बढ़ने की उम्मीद है।
- मुद्रास्फीति में नरमी: वैश्विक मुद्रास्फीति में कमी आने का अनुमान है, जो वर्ष 2024 में औसतन 3.5% हो सकती है।
- वर्ष 2024-25 में, लगभग 60% अर्थव्यवस्थाओं में वृद्धि 2010 के औसत से कम रहने वाली है, जो वैश्विक जनसंख्या और विश्व उत्पादन का 80 % से अधिक का प्रतिनिधित्व करती है।
भारत के प्रति दृष्टिकोण
- भारत में, वित्तीय वर्ष 2023/24 (अप्रैल 2023 से मार्च 2024) में वृद्धि दर बढ़कर 8.2 % होने का अनुमान है।
- वृद्धि के पीछे के कारक : विनिर्माण और निर्माण सहित औद्योगिक गतिविधि में वृद्धि उम्मीद से अधिक मजबूत रही, साथ ही सेवा क्षेत्र ने कृषि उत्पादन में आई मंदी की भरपाई करने में मदद की।
- घरेलू मांग में वृद्धि मजबूत रही जिससे बुनियादी ढांचे सहित निवेश में उछाल आया।
- इसने महामारी के बाद उत्पन्न हुई मांग में कमी आने के कारण खपत वृद्धि में आई कमी को पूरा किया।
सुझाव
- वैश्विक स्तर पर प्राथमिकताओं में व्यापार की सुरक्षा, हरित व डिजिटल संक्रमण का समर्थन, ऋण राहत प्रदान करना और खाद्य सुरक्षा में सुधार करना शामिल है।
- राष्ट्रीय स्तर पर लगातार मुद्रास्फीति के जोखिम, उभरते बाजारों और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं की मौद्रिक नीतियों को मूल्य स्थिरता पर केंद्रित रहने की आवश्यकता को रेखांकित करते हैं।
- राजकोषीय स्थिरता सुनिश्चित करते हुए निवेश को स्थायी रूप से बढ़ावा देने के तरीकों पर बल देना आवश्यक है।
- विकास लक्ष्यों को पूरा करने और दीर्घकालिक विकास को बढ़ावा देने के लिए उत्पादकता वृद्धि को बढ़ाने, सार्वजनिक निवेश की दक्षता में सुधार करने, मानव पूंजी का निर्माण करने और श्रम बाजार में लिंग अंतराल को कम करने के लिए संरचनात्मक नीतियों की आवश्यकता है।
विश्व बैंक
- स्थापना: वर्ष 1944 में ब्रेटन वुड्स सम्मेलन के दौरान।
- विश्व बैंक की शुरुआत अंतर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण और विकास बैंक (IBRD) के रूप में हुई थी।
- गौरतलब है कि ब्रेटन वुड्स सम्मेलन के दौरान ही अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की भी स्थापना की गई थी।
- मुख्यालय: वाशिंगटन, डी.सी., संयुक्त राज्य अमेरिका।
- उद्देश्य: विकासशील देशों में गरीबी को कम करना और साझा समृद्धि को बढ़ावा देना
- सदस्य: भारत सहित 189 सदस्य देश।
- प्रमुख रिपोर्ट: व्यापार सुगमता सूचकांक, मानव पूंजी सूचकांक, विश्व विकास रिपोर्ट, प्रवासन एवं विकास और वैश्विक आर्थिक संभावना।
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रेल दुर्घटना में कवच सुरक्षा प्रणाली की सार्थकता
चर्चा में क्यों?
- हाल ही में कंचनजंगा एक्सप्रेस में टक्कर रोधी प्रणाली 'कवच' नहीं होने के कारण यह एक मालगाड़ी से टकरा गई, जिसके परिणामस्वरूप कम से कम 9 लोगों की मौत हो गई और 46 से ज़्यादा लोग घायल हो गए थे।
कवच सुरक्षा प्रणाली के बारे में
- 'कवच' एक स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली है जो ट्रेन के चालक द्वारा ब्रेक लगाने में विफल होने पर स्वचालित रूप से ब्रेक लगाकर ट्रेन की गति को नियंत्रित करती है।
- इसे भारतीय उद्योग के साथ साझेदारी में अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन (RDSO) द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है।
- भारतीय रेलवे ने इस प्रणाली पर वर्ष 2012 में काम करना शुरू किया था।
- शुरुआत में इस प्रोजेक्ट का नाम Train Collision Avoidance System (TCAS) था, लेकिन बाद में इसे कवच नाम दे दिया गया।
![KAWACH](https://www.sanskritiias.com/uploaded_files/images//KAWACH.jpg)
कवच सुरक्षा प्रणाली की विशेषताएँ
- खतरे में सिग्नल पासिंग (SPAD) को रोकता है।
- ड्राइवर मशीन इंटरफेस (DMI), लोको पायलट ऑपरेशन सह इंडिकेशन पैनल (LPOCIP) में सिग्नल प्रदर्शन।
- हाई स्पीड से ट्रेन चलाने से रोकने के लिए स्वचालित ब्रेक।
- लेवल क्रॉसिंग गेट के पास पहुंचते समय स्वचालित रूप से सीटी बजाना
- दो ट्रेनों को आपस में टकराने से बचाना।
- आपातकालीन स्थितियों के दौरान SoS संदेश जारी करना।
- नेटवर्क मॉनिटर सिस्टम के माध्यम से ट्रेनों की आवाजाही की केंद्रीकृत लाइव मॉनिटरिंग
रेल दुर्घटना रोकने में कवच की सार्थकता
- भारतीय रेलवे के अनुसार, कवच के पास सेफ्टी इंटीग्रिटी लेवल 4 (SIL-4) प्रमाणन है, जो इसे 10,000 वर्षों में एक बार होने वाली कम त्रुटि संभावना देता है।
- यह चालक द्वारा सिग्नल की अनदेखी करने या गति सीमा से अधिक गति करने पर ट्रेन को सचेत करके या रोककर दुर्घटनाओं को रोकने में सक्षम है।
- कवच घने कोहरे जैसे प्रतिकूल मौसम में ट्रेन संचालन का समर्थन करता है और उसी ट्रैक पर पास में किसी अन्य ट्रेन का पता लगने पर ट्रेन को स्वचालित रूप से रोक सकता है।
- इस प्रणाली में रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन डिवाइस (RFID) भी होता है, जो रेलवे ट्रैक, रेलवे सिग्नल और प्रत्येक स्टेशन पर एक किलोमीटर की दूरी पर इंस्टॉल किया जाता है।
- वर्तमान में, भारतीय रेलवे के मात्र 1-2 % क्षेत्र में ही यह प्रणाली लागू की गई है।
- रेल मंत्रालय के अनुसार, कवच को अब तक 1500 किलोमीटर के मार्ग पर स्थापित किया जा चुका है। इस वर्ष इसे और 3000 किलोमीटर मार्गों पर स्थापित किया जाएगा।