शॉर्ट न्यूज़ : 29 जून , 2024
बन्नेरघट्टा जैविक उद्यान में देश की सबसे बड़ी तेंदुआ सफारी
अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन
बंधक न्याय एवं मानवाधिकार हनन
राइज़ोटोप परियोजना
भुवन पंचायत(4.0) और NDEM(5.0) जियोपोर्टल लॉन्च
मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स को "नवरत्न" का दर्जा
विक्रम मिसरी अगले विदेश सचिव नियुक्त
'मुख्यमंत्री माझी लड़की बहिन' योजना
राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस
बन्नेरघट्टा जैविक उद्यान में देश की सबसे बड़ी तेंदुआ सफारी
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- दक्षिण भारत की पहली और देश की सबसे बड़ी तेंदुआ सफारी का उद्घाटन बन्नेरघट्टा जैविक उद्यान में किया गया।
- केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण के दिशा-निर्देशों के अनुसार, बन्नेरघट्टा जैविक उद्यान के अंदर सफारी के लिए 20 हेक्टेयर क्षेत्र का सीमांकन और बाड़बंदी की गई है।
- सफारी के अंदर खुले वन क्षेत्र में आठ तेंदुए छोड़े गए हैं।
- बन्नेरघट्टा जैविक उद्यान को 2004 में बन्नेरघट्टा राष्ट्रीय उद्यान से अलग करके कर्नाटक चिड़ियाघर प्राधिकरण के प्रशासन के अधीन लाया गया था।
- इसमें चिड़ियाघर, सफारी और तितली पार्क जैसी कई इकाइयाँ शामिल हैं।
अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन
चर्चा में क्यों
हाल ही में पराग्वे पूर्ण सदस्य के रूप में अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) में शामिल होने वाला 100वां देश बन गया है।
अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन
- इसे पेरिस में 2015 संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (COP21) के दौरान भारत और फ्रांस द्वारा सह-स्थापित किया गया था।
- इसे फ्रेमवर्क समझौते के लागू होने पर 6 दिसंबर 2017 को आधिकारिक तौर पर लॉन्च किया गया था।
- आई.एस.ए. का प्राथमिक लक्ष्य सौर ऊर्जा प्रौद्योगिकियों की तीव्र और व्यापक तैनाती के माध्यम से पेरिस जलवायु समझौते के कार्यान्वयन में योगदान देना है।
- जलवायु परिवर्तन के खिलाफ वैश्विक लड़ाई और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों की ओर बढ़ने में इस सहयोगात्मक प्रयास को महत्वपूर्ण माना जाता है।
- इस गठबंधन में सम्मिलित अधिकांश देश या तो पूरी तरह से या आंशिक रूप से कर्क और मकर रेखा के बीच स्थित हैं।
- इस गठबंधन ने अपनी स्थापना के बाद से ही महत्वपूर्ण प्रगति की है, अब तक 119 देश ISA फ्रेमवर्क समझौते पर हस्ताक्षर कर चुके हैं।
- इनमें से 100 ने पूर्ण सदस्य बनने के लिए अनुसमर्थन प्रक्रिया भी पूरी कर ली है।
- स्पेन ने मई 2024 में 99वें सदस्य के रूप में सदस्यता ग्रहण थी।
बंधक न्याय एवं मानवाधिकार हनन
चर्चा में क्यों?
टोक्यो ओलंपिक से जुड़े रिश्वतखोरी के आरोपों में दोषी ठहराए गए एक प्रमुख जापानी प्रकाशन गृह के पूर्व अध्यक्ष ने 28 जून को तथाकथित "बंधक न्याय" प्रणाली को लेकर जापान सरकार पर मुकदमा दायर किया है।
क्या है जापान की बंधक न्याय प्रणाली
- ‘बंधक न्याय’ (Hostage Justice) या जापानी भाषा में ‘हितोजीची शिहो’ एक जापानी भाषा का मुहावरा है जिसका इस्तेमाल जापानी न्यायपालिका की आलोचना में किया जाता है।
- यह उस अवधि को संदर्भित करता है जिसके दौरान एक प्रतिवादी को आरोप से इंकार करने पर अधिक समय तक हिरासत में रखा जाता है।
- यह जापानी आपराधिक प्रक्रिया में उन मामलों की तुलना में अधिक लंबा है जिनमें प्रतिवादी आरोप से इंकार नहीं करता है।
- इसमें संदिग्धों को बिना किसी आरोप के पूछताछ के लिए 23 दिनों तक हिरासत में रखा जा सकता है और इसे अनिश्चित काल तक बढ़ाया जा सकता है।
- जापान की ‘बंधक न्याय’ प्रणाली के अंतर्गत आरोप की स्वीकारोक्ति प्राप्त करने के लिए अपमानजनक पूछताछ, परिवार और अन्य लोगों के साथ संचार पर प्रतिबंध, गैर-ज़िम्मेदार वकील और पर्याप्त स्वास्थ्य देखभाल की कमी आदि मानवाधिकारों का हनन शामिल होता है।
राइज़ोटोप परियोजना
चर्चा में क्यों ?
- हाल ही में, दक्षिण अफ़्रीकी वैज्ञानिकों ने राइज़ोटोप परियोजना के अंतर्गत अवैध शिकार पर अंकुश लगाने के लिए जीवित गैंडे के सींगों में रेडियोधर्मी पदार्थ इंजेक्ट किया।
राइज़ोटोप परियोजना
- इस परियोजना की शुरुआत वर्ष 2021 में दक्षिण अफ्रीका में हुई थी
- इसका उद्देश्य सीमा चौकियों पर गैंडे के सींगों का पता लगाना आसान बनाना तथा उन्हें मानव उपभोग के लिए अनुपयोगी बनाना है।
- इस परियोजना मेंगैंडों के सींगों में दो छोटे रेडियोधर्मी चिप्स डाले जाएंगे।
- इस कम मात्रा वाले रेडियोधर्मी पदार्थ को इस प्रकार डिजाइन किया गया है कि वह पशुओं या पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं पर विकिरण सेंसरों द्वारा पता लगाया जा सके
भुवन पंचायत(4.0) और NDEM(5.0) जियोपोर्टल लॉन्च
![GIOPORTAL](https://www.sanskritiias.com/uploaded_files/images//GIOPORTAL.jpg)
चर्चा में क्यों ?
- हाल ही में केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह द्वारा ग्रामीण भूमि रिकॉर्ड के लिए ‘भुवन पंचायत (संस्करण 4.0)’ पोर्टल और “आपातकालीन प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय डेटाबेस (NDEM संस्करण 5.0)” नाम से दो जियोपोर्टल लॉन्च किए गए
- यह जियोपोर्टल भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा विकसित किए गए हैं
भुवन पंचायत (संस्करण 4.0) पोर्टल
- यह एक ऑनलाइन भू-स्थानिक डेटा और सेवा प्रसार मंच है
- यह ग्राम पंचायत स्तर तक स्थानिक नियोजन से संबंधित शासन और अनुसंधान पहलों में अंतरिक्ष-आधारित सूचना के एकीकरण और उपयोग का समर्थन करता है
National Database for Emergency Management(5.0) पोर्टल
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- यह प्राकृतिक आपदाओं पर अंतरिक्ष-आधारित इनपुट प्रदान करेगा और भारत के साथ-साथ पड़ोसी देशों में आपदा जोखिम को कम करने में सहायता करेगा।
- इसके माध्यम से नागरिकों को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने और एक प्रभावी पूर्व चेतावनी प्रणाली स्थापित करने में मदद मिलेगी
- यह आपदाओं/आपातकालीन स्थितियों के दौरान स्थितिजन्य आकलन और प्रभावी निर्णय लेने हेतु पूरे देश के लिए एक व्यापक, समान, संरचित, बहु-स्तरीय भू-स्थानिक डेटाबेस प्रदान करता है।
- यह गृह मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा स्थापित किए जा रहे Integrated Control Room for Emergency Response (ICR-ER) के लिए आपदा रिकवरी और डेटा प्रदाता नोड के रूप में भी कार्य करेगा।
मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स को "नवरत्न" का दर्जा
चर्चा में क्यों ?
- हाल ही में सार्वजनिक उद्यम विभाग ने मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स को "नवरत्न" का दर्जा दिया।
- मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स यह दर्जा पाने वाला देश का 18वां सार्वजनिक उपक्रम बन गया है।
महारत्न, नवरत्न तथा मिनीरत्न
- केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम (CPSE) को उन्हें होने वाले लाभ और नेट वर्थ के आधार पर तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाता है –
- महारत्न
- नवरत्न
- मिनीरत्न
- मिनीरत्न को मिनीरत्न श्रेणी-I तथा मिनीरत्न श्रेणी-II में वर्गीकृत किया गया है।
नवरत्न दर्जा प्राप्त करने के मानदंड
- पहले से मिनीरत्न श्रेणी-I का दर्जा प्राप्त हो।
- विगत पाँच वर्षों में से तीन में समझौता ज्ञापन प्रणाली के तहत बहुत अच्छी या उत्कृष्ट रेटिंग प्राप्त की हो।
- निम्नलिखित छह प्रदर्शन मापदंडों में 60 अंक या उससे अधिक का स्कोर प्राप्त किया हो –
- प्रति शेयर कमाई-10 अंक
- शुद्ध पूंजी और शुद्ध लाभ- 25 अंक
- उत्पादन की कुल लागत के सापेक्ष जनशक्ति(Manpower) पर आने वाली लागत-15 अंक
- कारोबार पर ब्याज और करों से पहले अर्जित लाभ - 15 अंक
- नियोजित पूंजी के लिए मूल्यह्रास, ब्याज और करों से पहले अर्जित लाभ - 15 अंक
- अंतर-क्षेत्रीय प्रदर्शन- 20 अंक
नवरत्न दर्जा प्राप्त होने के लाभ
- केंद्रीय प्राधिकरण से अनुमोदन की आवश्यकता के बिना ₹1,000 करोड़ तक के महत्त्वपूर्ण निवेश निष्पादित करने का अधिकार
- प्रतिवर्ष अपनी नेटवर्थ का 30% तक आवंटित करने की अनुमति, लेकिन यह 1,000 करोड़ से कम रहे।
- संयुक्त उद्यमों में भाग लेने, साझेदारी बनाने एवं विदेशी सहायक कंपनियाँ स्थापित करने का विकल्प
- इसके निदेशक मंडल को भारत एवं विदेशों में विलय तथा अधिग्रहण की अनुमति देने की शक्ति
- इसे विदेश में निवेश करने के लिए आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति से मंजूरी की आवश्यकता होगी
मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड
- यह मुंबई के मझगांव में स्थित एक शिपयार्ड है
- यह देश का सबसे बड़ा शिपयार्ड है
- इसकी स्थापना 14 मई 1774 को हुई थी
- वर्ष 1934 में इसे को पब्लिक कंपनी के तौर पर रजिस्टर्ड कराया गया. और वर्ष 1960 में यह कंपनी केंद्र सरकार के नियंत्रण में आ गई
- वर्तमान में इसे रक्षा मंत्रालय द्वारा प्रबंधित किया जाता है
- यह मिनीरत्न श्रेणी I का सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम है
- यह भारतीय नौसेना के लिए युद्धपोतों और पनडुब्बियों तथा अपतटीय प्लेटफार्मों और अपतटीय तेल ड्रिलिंग के लिए संबंधित सहायक जहाजों का निर्माण करती है।
- यह कार्गो शिप और पैसेंजर शिप का निर्माण भी करती है
- इसके द्वारा निर्मित पहला युद्धपोत आईएनएस नीलगिरि था, इसे वर्ष 1966 में लॉन्च किया गया और वर्ष 1972 में कमीशन किया गया।
- वर्ष 1992 भारत की पहली स्वदेश निर्मित पनडुब्बी आईएनएस शल्की का निर्माण भी मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड ने किया था
प्रश्न - मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड की स्थापना किस वर्ष हुई थी ?
(a) 1774
(b) 1874
(c) 1947
(d) 1974
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विक्रम मिसरी अगले विदेश सचिव नियुक्त
![SACHIV](https://www.sanskritiias.com/uploaded_files/images//SACHIV.jpg)
चर्चा में क्यों ?
- हाल ही में विक्रम मिसरी को अगला विदेश सचिव नियुक्त किया गया है।
- ये वर्ष 1989 बैच के भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी है।
- विदेश सचिव के रूप में ये विनय मोहन क्वात्रा का स्थान लेंगे।
- विक्रम मिसरी वर्तमान में उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूप में कार्यरत हैं।
- ये चीन, म्यांमार और स्पेन में भारतीय राजदूत के रूप में कार्य कर चुके हैं।
- ये तीन प्रधानमंत्रियों के निजी सचिव रह चुके है-
- वर्ष 1997 में इंद्र कुमार गुजराल
- वर्ष 2012 में मनमोहन सिंह
- वर्ष 2014 में नरेंद्र मोदी
'मुख्यमंत्री माझी लड़की बहिन' योजना
चर्चा में क्यों ?
- हाल ही में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने महिलाओं के लिए 'मुख्यमंत्री माझी लड़की बहिन' योजना की घोषणा की।
- यह योजना जुलाई 2024 से लागू होगी।
- राज्य सरकार ने इस योजना के लिए 46,000 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।
- इस योजना के तहत 21 से 60 वर्ष की आयु की सभी महिलाओं को 1500 रुपये प्रति माह की वित्तीय सहायता मिलेगी।
- इसके अलावा लाभार्थी महिलाओं को हर साल तीन एलपीजी गैस सिलेंडर भी निशुल्क प्रदान किए जाएंगे।
राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस
चर्चा में क्यों ?
- देश में प्रतिवर्ष 29 जून को राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस मनाया जाता है
- इसे भारतीय सांख्यिकी के जनक प्रशांत चंद्र महालनोबिस की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।
- यह दिन महालनोबिस की उपलब्धियों और योगदानों के प्रति श्रद्धांजलि के रूप में कार्य करता है
- इस दिन का उद्देश्य रणनीतिक योजना, आर्थिक विकास और नीति-निर्माण में सांख्यिकी के महत्व के बारे में जन जागरूकता बढ़ाना भी है
- वर्ष 2007 में, भारत सरकार ने महालनोबिस की जयंती का सम्मान करने और सांख्यिकी और आर्थिक नियोजन में उनके व्यापक कार्य को मान्यता देने के लिए 29 जून को राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस के रूप में घोषित किया ।
- पहला राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस समारोह वर्ष 2007 में मनाया गया
- राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस, 2024 की थीम “ निर्णय लेने के लिए डेटा का उपयोग ” है
प्रशांत चंद्र महालनोबिस
- जन्म - 29 जून 1893
- मृत्यु - 28 जून 1972
- भारतीय वैज्ञानिक और सांख्यिकीविद् महालनोबिस दूरी और सांख्यिकीय माप के लिए प्रसिद्ध थे।
- उन्होंने भारत में सांख्यिकी और आर्थिक नियोजन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
- भारत के प्रथम योजना आयोग के सदस्यों में से एक, महालनोबिस ने वर्ष 1931 में भारतीय सांख्यिकी संस्थान की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।