शॉर्ट न्यूज़ : 14 मई , 2024
थलप्पोली महोत्सवम्
जमानत के विभिन्न प्रकार
कावासाकी रोग
सोनाई रूपई वन्यजीव अभयारण्य
इदाशिशा नोंगरांग - मेघालय की पहली महिला पुलिस महानिदेशक (डीजीपी)
जापान ने जीती सुल्तान अजलान शाह हॉकी ट्रॉफी
पर्वतारोही कामी रीता
मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर
थलप्पोली महोत्सवम्
- थलप्पोली महोत्सव (Thalappoli Mahotsavam) केरल का प्रसिद्ध मंदिर उत्सव है। यह भगवती मंदिर या नयारामबलम मंदिर का मुख्य त्योहार है।
- इसे क्षेत्रीय त्योहार माना जाता है जो मकरम (जनवरी-फरवरी) महीने में छह दिनों तक मनाया जाता है।
- नयारामबलम नायर करायोगम द्वारा शासित किया जाता है। इस मंदिर की स्थापना 15वीं सदी में हुई थी।
- थलप्पोली उन महिलाओं द्वारा की जाने वाली एक रस्म है जो अपने हाथों में तेल के दीपक लेकर चलती हैं।
- ताल संगीत के साथ हाथियों की परेड कराई जाती है। हाथियों को सोने की परत चढ़े कैपेरिसन (नेट्टीपट्टम), घंटियाँ (मणि) एवं हार से सजाया जाता है।
- हाथियों पर सवार लोग टिनसेलयुक्त रेशम छत्र (मुत्तुकुडा) को ऊंचे स्थान पर रखते हैं, जो पंचारी मेलम (पंचारी) की लय पर सफेद गुच्छों (वेंचामारम) और मोर पंख पंखे (अलावट्टम) को लहराते हैं।
जमानत के विभिन्न प्रकार
किसे कहते हैं जमानत
'जमानत' (Bail) शब्द की उत्पत्ति फ्रांसीसी शब्द ‘बेलर' (Bailer) से हुई है। इसका तात्पर्य किसी आपराधिक मामले में अभियुक्त की अस्थायी रिहाई से है जिसमें न्यायालय का निर्णय अभी लंबित है।
भारत में जमानत के प्रकार
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नियमित जमानत (Regular Bail)
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- नियमित जमानत प्राय: उस व्यक्ति को दी जाती है जिसे गिरफ्तार किया गया है या जो पुलिस हिरासत में है।
- दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 437 एवं धारा 439 के तहत आरोपी को ऐसे कारावास से मुक्त होने का अधिकार है।
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अग्रिम जमानत (Anticipatory or Advance Bail)
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- अग्रिम जमानत CrPC की धारा 438 के तहत सत्र न्यायालय या उच्च न्यायालय द्वारा दी जाती है।
- अग्रिम जमानत के लिए आवेदन उस व्यक्ति द्वारा किया जा सकता है जिसे पता है कि उसे गैर-जमानती अपराध के लिए पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया जा सकता है।
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डिफ़ॉल्ट जमानत (Default Bail)
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- पुलिस या जांच एजेंसी द्वारा निर्धारित अवधि के भीतर न्यायालय के समक्ष आरोप पत्र/चार्जशीट दाखिल करने या जाँच रिपोर्ट पूरी करने में विफल होने पर डिफॉल्ट जमानत दी जाती है।
- इसे व्यतिक्रम ज़मानत या वैधानिक ज़मानत (Statutory Bail) या बाध्यकारी जमानत भी कहते हैं।
- ऐसे अपराध के लिए जहां बिना वारंट के गिरफ्तारी की जा सकती है, पुलिस अधिकारी आरोपी को 24 घंटे से अधिक हिरासत में नहीं रखेगा और इन 24 घंटों के भीतर आरोप पत्र दायर नहीं किया जाता है, तो धारा 167 आरोपी को वैधानिक या डिफ़ॉल्ट जमानत का अधिकार देती है।
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मेडिकल जमानत (Medical Bail)
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- यदि कोई आरोपी किसी चिकित्सीय स्थिति से पीड़ित है और हिरासत में रहते हुए उसे चिकित्सा उपचार की आवश्यकता है, तो वह जमानत के लिए आवेदन कर सकता है।
- CrPC में मेडिकल जमानत शब्द का स्पष्ट उल्लेख नहीं है। इसके बजाय, आरोपी परिस्थितियों के आधार पर धारा 437 के तहत नियमित जमानत या धारा 438 के तहत अग्रिम जमानत की मांग कर सकता है।
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अंतरिम जमानत (Interim Bail)
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- इस जमानत छोटी अवधि के लिए दी जाती है।
- जमानत अवधि समाप्त होने पर बिना वारंट के आरोपी को हिरासत में ले लिया जाता है।
- अंतरिम जमानत रद्द करने के लिए किसी विशेष प्रक्रिया की आवश्यकता नहीं होती है।
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जमानत की शर्तें
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जमानती अपराधों में जमानत
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गैर-जमानती अपराधों में जमानत
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- CrPC की धारा 436 के अनुसार, भारतीय दंड संहिता (IPC) के तहत जमानती अपराध के आरोपी व्यक्ति को जमानत दी जा सकती है।
शर्तें :
- यह मानने के पर्याप्त कारण हो कि अभियुक्त ने अपराध नहीं किया है।
- मामले में आगे की जांच करने के पर्याप्त कारण हो।
- वह व्यक्ति मृत्युदंड, आजीवन कारावास या 10 वर्ष तक के कारावास से दंडनीय किसी अपराध का आरोपी नहीं हो।
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- CrPC की धारा 437 के अनुसार, आरोपी को गैर-जमानती अपराधों में जमानत के लिए आवेदन करने का अधिकार नहीं है।
- गैर-जमानती अपराध के मामले में जमानत देना न्यायालय का विवेकाधिकार है।
शर्तें :
- अगर आरोपी महिला या बच्चा है।
- अगर सबूतों का अभाव है।
- यदि शिकायतकर्ता द्वारा FIR दर्ज करने में देरी की जाती है।
- यदि अभियुक्त गंभीर रूप से बीमार है।
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जमानत रद्द करना
- CrPC की धारा 437(5) और 439(2) के तहत न्यायालय को जमानत रद्द करने की शक्ति है।
- न्यायालय अपने द्वारा दी गई जमानत को रद्द कर सकती है और पुलिस अधिकारी को उस व्यक्ति को गिरफ्तार करने और पुलिस हिरासत में रखने का निर्देश दे सकती है।
कावासाकी रोग
कोयंबटूर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (CMCH) में कावासाकी बीमारी से पीड़ित दो बच्चियों का सफलतापूर्वक उपचार किया गया।
कावासाकी रोग के बारे में
- क्या है : तेज बुखार एवं हृदय रक्त वाहिकाओं व मांसपेशियों में सूजन का कारण बनने वाली एक दुर्लभ हृदय स्थिति।
- अन्य नाम : म्यूकोक्यूटेनियस लिम्फ नोड सिंड्रोम
- इसमें लिम्फ नोड्स व मुंह, नाक, आंख व गले के अंदर श्लेष्म झिल्ली में सूजन हो सकती है।
- कारण:
- रोग का कारण अस्पष्ट
- किंतु कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह रोग बैक्टीरिया या वायरल संक्रमण के बाद होता है या यह पर्यावरण के कारकों से जुड़ा है।
- कुछ जीनों के कारण बच्चों में यह रोग होने की संभावना अधिक हो सकती है।
- जोखिम :
- प्रभावित वर्ग : 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों पर सर्वाधिक प्रभाव
- एशियाई या प्रशांत द्वीपवासी मूल के बच्चों में इस रोग की दर अधिक
- लिंग : पुरुष शिशुओं में इसकी संभावना अधिक
- लक्षण : तेज़ बुखार, हाथ-पैरों में सूजन, त्वचा का छिलना (Skin Peeling या Desquamation) तथा आँखें व जिह्वा पर लालिमा आदि।
- उपचार : अधिकांश मामलों में प्रारंभिक उपचार संभव से
- हालाँकि, उपचार लंबे समय तक प्रभावी नहीं रहता है।
इसे भी जानिए!
- कावासाकी रोग की जानकारी पहली बार वर्ष 1967 में जापान के टोमिसाकु कावासाकी ने दी थी।
- जापान के बाहर इस रोग का पहला मामला वर्ष 1976 में हवाई द्वीप में दर्ज किया गया था।
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सोनाई रूपई वन्यजीव अभयारण्य
राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (NGT) ने सोनाई रूपई वन्यजीव अभयारण्य एवं आरक्षित वन क्षेत्र में वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 का उल्लंघन करते हुए मतदान केंद्र, स्कूल एवं अन्य निर्माण गतिविधियों की अनुमति देने पर असम सरकार से ऐसे अधिकारियों का विवरण माँगा है।
सोनाई रूपई वन्यजीव अभयारण्य के बारे में
- अवस्थिति : असम के सोनितपुर जिले के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में स्थित एक संरक्षित क्षेत्र
- प्राकृतिक क्षेत्र : बृहत् हिमालय पर्वत श्रृंखला की तलहटी में स्थित
- अन्य नाम : असम का गहना
- वन्यजीव अभयारण्य घोषित किया जाने वाला वर्ष : 1998
- जलवायु : ऊष्ण एवं आर्द्र ग्रीष्मकाल के साथ उपोष्णकटिबंधीय प्रकार की जलवायु और ग्रीष्मकाल में अत्यधिक वर्षा के कारण प्राय: बाढ़ की स्थति
- अपवाह तंत्र : अभयारण्य से होकर प्रवाहित होने वाली चार बारहमासी नदियाँ : डोलसिरी, गभरू, गेलगेली एवं बेल्सिरी।
- वर्षाकाल के दौरान कई आर्द्रभूमियाँ तैयार हो जाती हैं जिन्हें ‘भील’ के नाम से जाना जाता है।
- वनस्पति प्रकार : उष्णकटिबंधीय सदाबहार, अर्ध-सदाबहार एवं आर्द्र पर्णपाती वन
- नदियों के किनारे एक संकीर्ण पट्टी में बांस युक्त घास के मैदान हैं।
- जीव-जंतु : तेंदुए, जंगली कुत्ते और कभी-कभी रॉयल बंगाल टाइगर
- एशियाई हाथी एवं भारतीय गौर जैसे बड़े शाकाहारी जानवरों के साथ-साथ यहां सांभर हिरण, बार्किंग डियर, हॉग हिरण, हिमालयन क्रेस्टलेस साही, भारतीय सिवेट, काले भालू एवं स्लॉथ भालू भी पाए जाते हैं।
- पक्षियों में व्हाइट विंग्ड वुड बत्तख जैसी लुप्तप्राय प्रजातियाँ शामिल हैं।
इदाशिशा नोंगरांग - मेघालय की पहली महिला पुलिस महानिदेशक (डीजीपी)
- हाल ही में इदाशिशा नोंगरांग को मेघालय की पहली महिला पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) नियुक्त किया गया
- ये लज्जा राम बिश्नोई का स्थान लेंगी।
- कंचन चौधरी भट्टाचार्य भारत की पहली महिला डीजीपी थीं
- इन्हें वर्ष 2004 में उत्तराखंड की डीजीपी नियुक्त किया गया था
- डीजीपी भारत के किसी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश में सर्वोच्च रैंकिंग वाला पुलिस अधिकारी होता है
- यह उस राज्य या केंद्र शासित प्रदेश में पुलिस बल का प्रमुख होता है।
जापान ने जीती सुल्तान अजलान शाह हॉकी ट्रॉफी
- जापान ने पेनल्टी शूटआउट में पाकिस्तान को 4-1 से हराकर सुल्तान अजलान शाह हॉकी ट्रॉफी जीती।
- फाइनल मैच मलेशिया के इपोह शहर में स्थित अजलान शाह स्टेडियम में खेला गया।
- जापानी पुरुष हॉकी टीम ने पहली बार यह ट्रॉफी जीती है।
- यह सुल्तान अजलान शाह ट्रॉफी का 30वां संस्करण था
- इसमें 6 टीम शामिल हुईं थीं - जापान, पाकिस्तान, कनाडा, दक्षिण कोरिया, न्यूजीलैंड और मलेशिया
सुल्तान अजलान शाह ट्रॉफी
- यह एशिया का प्रतिष्ठित हॉकी टूर्नामेंट है।
- इसका आयोजन मलेशिया हॉकी परिसंघ द्वारा किया जाता है।
- इसकी शुरुआत वर्ष 1983 में द्विवार्षिक प्रतियोगिता के रूप में हुई थी।
- वर्ष1999 में इसे वार्षिक प्रतियोगिता में बदल दिया गया।
- इसका नाम मलेशिया के पूर्व सुल्तान, सुल्तान अजलान शाह के नाम पर इसका नाम रखा गया है।
- पाकिस्तान अब तक तीन बार यह ट्रॉफी जीत चुका है।
- भारत ने 5 बार(वर्ष 1985, 1991, 1995, 2009, 2010) यह ट्रॉफी जीती है।
पर्वतारोही कामी रीता
- हाल ही में नेपाली पर्वतारोही और गाइड कामी रीता शेरपा ने 29वीं बार माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई की।
- कामी रीता माउंट एवरेस्ट पर सबसे अधिक बार चढ़ाई करने वाले व्यक्ति हैं
- इन्हें एवरेस्ट मैन के नाम से जाना जाता है।
माउंट एवरेस्ट
- यह दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी है।
- इसकी ऊंचाई 8,848.86 मीटर या 29,031.69 फीट है।
- यह नेपाल और तिब्बत(चीन) की सीमा पर स्थित है।
- तिब्बत में, इसे चोमोलुंगमा और नेपाल में सागरमाथा के नाम से जाना जाता है।
मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर
- हाल ही में राम चरित मानस, पंचतंत्र और सहृदयलोक-लोकन को 'यूनेस्को के मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड एशिया-पैसिफिक रीजनल रजिस्टर' में शामिल किया गया।
- यह निर्णय एशिया-पैसिफिक के लिए विश्व समिति की स्मृति की 10वीं बैठक में लिया गया।
- यह बैठक मंगोलिया की राजधानी उलानबटार में आयोजित हुई थी।
- रामचरितमान गोस्वामी तुलसीदास द्वारा 16वीं सदी में रचित प्रसिद्ध महाकाव्य है।
- इसके नायक मर्यादा पुरुषोत्तम राम है और इसकी भाषा अवधी है।
- पंचतंत्र एक कथा ग्रन्थ है इसकी रचना आचार्य विष्णु शर्मा ने की है
- इसमें जानवरों को पात्र बनाकर शिक्षाप्रद बातें लिखी गई हैं
- सहृदयालोक-लोकन की रचना आचार्य आनंदवर्धन ने की है
मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड एशिया-पैसिफिक रीजनल रजिस्टर
- इसकी स्थापना वर्ष 1998 में की गई थी।
- यह यूनेस्को के वैश्विक कार्यक्रम की एक क्षेत्रीय समिति है।
- इसका उद्देश्य है -
- दस्तावेजी विरासत का संरक्षण करना
- उस तक सार्वभौमिक पहुंच में सहायता करना
- विरासत के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना