शॉर्ट न्यूज़ : 16 मई , 2024
विश्व वन्यजीव अपराध रिपोर्ट, 2024
निसार उपग्रह
वैश्विक आंतरिक विस्थापन रिपोर्ट, 2024
SBI बना इंडिया इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज का सदस्य
भारत ने केन्या को दिए 1 मिलियन डॉलर
भीष्म पोर्टेबल अस्पताल
विश्व वन्यजीव अपराध रिपोर्ट, 2024
हाल ही में, विश्व वन्यजीव अपराध रिपोर्ट का तीसरा संस्करण जारी किया गया। इसमें जंगली जीवों एवं वनस्पतियों की संरक्षित प्रजातियों की अवैध तस्करी की हालिया प्रवृति का उल्लेख है।
विश्व वन्यजीव अपराध रिपोर्ट संबंधी प्रमुख बिंदु
- यह रिपोर्ट वैश्विक स्तर पर संबंधित अपराध के कारणों व प्रभावों के बारे में व्यापक अंतर्दृष्टि भी प्रदान करता है।
- इस रिपोर्ट को प्रत्येक चार वर्ष में अंतर्राष्ट्रीय वन्यजीव अपराध प्रतिरोध कंसोर्टियम (ICCWC) के समर्थन से संयुक्त राष्ट्र ड्रग्स एवं अपराध कार्यालय (UNODC) द्वारा जारी किया जाता है।
विश्व वन्यजीव अपराध रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष
- प्रभावित प्रजातियां : वर्ष 2015-2021 के दौरान 162 देशों व क्षेत्रों में लगभग 4,000 पौधे एवं जानवर प्रजातियों को प्रभावित करने वाले अवैध व्यापार का दस्तावेजीकरण किया गया है।
- इनमें से लगभग 3,250 प्रजातियाँ साइट्स (CITES) की परिशिष्ट में सूचीबद्ध हैं।
- प्रभावित जानवर प्रजातियां : गैंडा एवं पैंगोलिन सर्वाधिक प्रभावित होने वाली पशु प्रजातियाँ रहीं। बाजारों में देखे गए अवैध वन्यजीव व्यापार में शामिल मुख्य जानवर हैं :
- कुल अवैध बाजार हिस्सेदारी में राइनो हॉर्न की हिस्सेदारी 29% के साथ सर्वाधिक है।
- पैंगोलिन स्केल्स 28% के साथ दूसरा और हाथी आइवरी 15% के साथ तीसरा सबसे बड़ा अवैध बाज़ार रहा।
- अन्य प्रभावित प्रजातियों में ईल, मगरमच्छ, तोते, कॉकटू, मांसाहारी जीव, कछुए, सांप, समुद्री घोड़े आदि शामिल हैं।
- प्रभावित पादप प्राजातियां : देवदार एवं अन्य सैपिंडेल्स सर्वधिक प्रभावित पादप प्रजातियाँ रहीं। बाजारों में देखे गए अवैध वन्यजीव व्यापार में शामिल मुख्य पादप प्राजातियां हैं-
- कुल अवैध बाजार हिस्सेदारी में देवदार एवं सैपिंडेल्स की हिस्सेदारी 47% के साथ सर्वाधिक है।
- रोज़वुड्स 35% के साथ दूसरे और एगरवुड तथा अन्य मायर्टेल्स 13% के साथ तीसरा सबसे बड़ा अवैध बाजार रहा।
- अन्य प्रभावित पादप प्रजातियों में गोल्डन चिकन फ़र्न, ऑर्किड एवं कई अन्य शामिल हैं।
- सर्वाधिक जब्त किए गए प्रजाति समूह में शामिल हैं : मूंगा (16%) > मगरमच्छ (9%) > हाथी तथा बिवाल्व मोलस्क।
वन्यजीव अपराध रोकथाम सुझाव
- मजबूत सुसंगतता एवं सहयोग : व्यापार शृंखला में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एवं संरेखण पर जोर देने की आवश्यकता
- आंकड़ों पर बल : जंगली जीवों एवं वनस्पतियों की संरक्षित प्रजातियों की अवैध तस्करी से संबंधित आंकड़ों को वैश्विक सहयोग के माध्यम से जुटाया जाना और उसका उचित मूल्यांकन करने की जरूरत।
- निवेश में वृद्धि : डाटा एवं विश्लेषणात्मक क्षमताओं को बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रकार के तकनीकों की आवश्यकता होती है जिसके लिए निवेश बढ़ाने की आवश्यकता है।
- भ्रष्टाचार से निपटने के प्रयास : भ्रष्टाचार से निपटने की व्यवस्था के साथ-साथ आपराधिक न्याय प्रतिक्रियाओं को आधुनिक बनाया जाना अत्यधिक महत्वपूर्ण है।
- रणनीतिक हस्तक्षेप : वन्यजीव तस्करी को कम करने के लिए प्राथमिकता वाले नीति-निर्माण एवं रणनीतिक उपायों की आवश्यकता है।
निसार उपग्रह
- क्या है : निम्न भू-कक्षीय (LEO) वेधशाला के रूप में कार्य करने वाला नासा एवं इसरो के बीच एक सहयोगी उपग्रह मिशन
- पूर्ण नाम : नासा-इसरो सिंथेटिक एपर्चर रडार (NASA-ISRO Synthetic Aperture Radar : NISAR)
- कार्य : पृथ्वी के भू-परिदृश्यों की निगरानी करने और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का अध्ययन करने के लिए डिज़ाइन
- संभावित लॉन्च : वर्ष 2024 के अंत तक लॉन्च करने की योजना
- प्रयुक्त बैंड : दो बैंड वाला उपग्रह : S-बैंड और L-बैंड
- S-बैंड पेलोड इसरो ने एवं L-बैंड पेलोड अमेरिका ने बनाया है।
- मिशन अवधि : 3 वर्षीय मिशन
- यह प्रत्येक 12 दिनों में पृथ्वी की सभी भूमि एवं बर्फ की सतहों को स्कैन करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
- डाटा उपयोग : भारत व अमेरिका दोनों द्वारा
निसार उपग्रह की क्षमता
- टेक्टॉनिक (विवर्तनकी) गतिविधियों की सेंटीमीटर सटीकता तक निगरानी करने की क्षमता
- जल निकायों की सटीकता से माप करने में सक्षम
- पृथ्वी पर पानी के दबाव का आकलन करने की योग्यता
- वनस्पति एवं हिमावरण की निगरानी में सक्षम
महत्व
- जलवायु विज्ञान : स्थलीय पारिस्थितिकी प्रणालियों, विशेषकर वनों से कार्बन स्रोतों एवं सिंक के बारे में समझ को बढ़ाएगा। जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने के लिए रणनीति विकसित करने के लिए यह डाटा महत्वपूर्ण है।
- भारत-अमेरिका सहयोग : पहली बार अमेरिका एवं भारत ने पृथ्वी-अवलोकन मिशन के लिए हार्डवेयर विकसित करने में सहयोग किया है, जो अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष सहयोग के लिए महत्वपूर्ण है।
वैश्विक आंतरिक विस्थापन रिपोर्ट, 2024
आंतरिक विस्थापन निगरानी केंद्र ने वैश्विक आंतरिक विस्थापन रिपोर्ट (GRID) के नौवे संस्करण को जारी किया। यह रिपोर्ट वर्ष 2023 के अंत तक दुनिया भर में आंतरिक विस्थापन की अवस्था में रहने वाले लोगों के डाटा पर अंतर्दृष्टि प्रदान करती है।
रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष
- वर्ष 2023 में आंतरिक विस्थापन के नए रिकार्ड : वर्ष 2023 के अंत तक वैश्विक स्तर पर 75.9 मिलियन लोग आंतरिक विस्थापन में रह रहे थे, जो वर्ष 2022 के 71.1 मिलियन से अधिक है।
- वर्तमान समय में यह आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है क्योंकि आपदाओं, संघर्ष या हिंसा प्रभावित लोग भी दशकों से विस्थापन में रह रहे लोगों में शामिल हो गए हैं।
- संघर्ष के कारण विस्थापन : वर्ष 2023 के अंत में संघर्ष एवं हिंसा के परिणामस्वरूप 68.3 मिलियन लोग आंतरिक विस्थापन में रह रहे थे, जो अभी तक की सबसे अधिक संख्या है।
- सूडान, सीरिया, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (DRC), कोलंबिया एवं यमन दुनिया के लगभग आधे आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों के लिए ज़िम्मेदार हैं।
- वर्ष 2008 में इस रिकॉर्ड के शुरू होने के बाद से संघर्ष की वजह से सूडान में किसी एक देश में आंतरिक विस्थापन की सर्वाधिक संख्या दर्ज की गई है, जो अनुमानित 9.1 मिलियन है।
- संघर्ष एवं हिंसा के कारण वर्ष 2023 के दौरान 45 देशों और क्षेत्रों में 20.5 मिलियन नए आंतरिक विस्थापन हुए।
- आपदाओं का प्रभाव : वर्ष 2023 के अंत में आपदाओं के परिणामस्वरूप वैश्विक स्तर पर 7.7 मिलियन लोग आंतरिक विस्थापन में रह रहे थे।
- गंभीर मौसम की घटनाओं और उच्च तीव्रता वाले भूकंपों के परिणामस्वरूप चीन एवं तुर्किये में एक-तिहाई विस्थापन हुआ।
- मौसम संबंधी आपदा का प्रभाव : मौसम संबंधी आपदाओं से जुड़े विस्थापन में वर्ष 2022 की तुलना में एक-तिहाई की कमी आई है, जो आंशिक रूप से वर्ष के दौरान ला नीना से अल नीनो में परिवर्तन का परिणाम है।
- तूफान एवं बाढ़ के कारण अधिकांश एशिया में विस्थापन घटा है, हालाँकि, अन्य क्षेत्रों में बाढ़ से रिकॉर्ड संख्या में विस्थापन हुआ है। विशेषकर हॉर्न ऑफ अफ्रीका इससे सर्वाधिक प्रभावित हुआ है।
भारत के बारे में
- आपदा के कारण विस्थापन : वर्ष 2023 में भारत में बाढ़, चक्रवात, भूकंप एवं अन्य आपदाओं के कारण पांच लाख से अधिक आंतरिक विस्थापन हुए।
- हालाँकि, वर्ष 2022 में प्राकृतिक आपदाओं से 2.5 मिलियन आंतरिक विस्थापन हुआ।
- संघर्ष एवं हिंसा के कारण : वर्ष 2023 में पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में संघर्ष एवं हिंसा के कारण 67000 लोग विस्थापित हुए।
- हालाँकि, वर्ष 2022 में यह संख्या 1000 थी।
आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों में वे व्यक्ति शामिल होते हैं जिन्हें संघर्ष, हिंसा या आपदाओं के परिणामस्वरूप अपने घरों को छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ता है किंतु जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त राज्य की सीमा को पार नहीं किया होता है।
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SBI बना इंडिया इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज का सदस्य
- हाल ही में भारतीय स्टेट बैंक (SBI) इंडिया इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज (IIBX) में ट्रेडिंग कम क्लियरिंग (TCM) सदस्य बन गया है।
- SBI पहला बैंक है जो इसका सदस्य बना है।
इंडिया इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज (IIBX)
- यह भारत का पहला अंतर्राष्ट्रीय बुलियन एक्सचेंज है।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 29 जुलाई 2022 को इसका शुभारंभ किया था।
- यह GIFT सिटी (गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक सिटी) गांधीनगर, गुजरात में स्थित है।
- इसे अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (IFSCA) द्वारा विनियमित किया जाता है।
बुलियन
- बुलियन उच्च शुद्धता के भौतिक सोने और चांदी को संदर्भित करता है
- इसे बार, सिल्लियां या सिक्कों के रूप में रखा जाता है।
- बुलियन को केंद्रीय बैंकों द्वारा भंडार के रूप में रखा जाता है
भारत ने केन्या को दिए 1 मिलियन डॉलर
- हाल ही में केन्या में आई बाढ़ से निपटने के लिए भारत सरकार ने एक मिलियन डॉलर की मानवीय सहायता देने की घोषणा की।
- भारतीय मानवीय सहायता में शामिल है-
- अनाज, तैयार भोजन और शिशु आहार
- आपदा राहत सामग्री
- बुनियादी स्वच्छता सुविधाएं
- स्वच्छता किट
- टेंट, स्लीपिंग बैग/चटाई, कंबल; आदि
केन्या
- यह पूर्वी अफ़्रीका में स्थित एक देश है
- इसकी सीमा इथियोपिया, सोमालिया, तंजानिया, दक्षिणी सूडान और युगांडा से लगती है
- इससे होकर भूमध्य रेखा गुजरती है
- राजधानी - नैरोबी
- मुद्रा - केन्याई शिलिंग
प्रश्न – निम्नलिखित में से किस देश की सीमा केन्या से नहीं लगती है ?
(a) इथियोपिया
(b) सोमालिया
(c) ज़िम्बाब्वे
(d) तंजानिया
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भीष्म पोर्टेबल अस्पताल
- हाल ही में भारतीय वायु सेना ने विमान से पहली बार भीष्म पोर्टेबल अस्पताल का परीक्षण किया
- इस परीक्षण का उद्देश्य आपात स्थितियों से निपटने के लिए इस पोर्टेबल अस्पताल की विश्वसनीयता की जांच करना था।
भीष्म पोर्टेबल अस्पताल
- यह विश्व का पहला पोर्टेबल अस्पताल है।
- इसे कहीं भी 72 क्यूब्स को जोड़कर तैयार किया जा सकता है।
- इसे एक जगह से दूसरी जगह ले जाना बहुत आसान है।
- इसमें एक साथ 200 से अधिक घायलों का इलाज संभव है।
- इसमें कुशल प्रबंधन, वास्तविक समय की निगरानी के लिए डेटा एनालिटिक्स और कृत्रिम बुद्धिमत्ता आदि का प्रयोग किया गया है।
- इसे प्रोजेक्ट ‘भीष्म’ के तहत भारत में स्वदेशी रूप से तैयार किया गया है
- इसे हिंदुस्तान लाइफ केयर लिमिटेड ने डिजाइन किया है।
- हिंदुस्तान लाइफ केयर लिमिटेड एक मिनी रत्न श्रेणी का सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम है
- इसकी स्थापना वर्ष 1966 में राष्ट्रीय परिवार नियोजन कार्यक्रम के अंतर्गत की गई थी