शॉर्ट न्यूज़ : 18 मई , 2024
बाओबाब वृक्ष प्रजाति
कादर आदिवासी
लॉरेंस वोंग- सिंगापुर के नये प्रधानमंत्री
संयुक्त अरब अमीरात का ब्लू रेजीडेंसी वीज़ा
दुनिया का सबसे अधिक ऊंचाई पर स्थित प्रतियोगी स्विमिंग पूल
'झिल्ली की सतह संशोधन तकनीक'
बाओबाब वृक्ष प्रजाति
अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) की लाल सूची के अनुसार, बाओबाब वृक्षों (Baobab Trees) की तीन मेडागास्कर प्रजातियों पर विलुप्ति का खतरा मंडरा रहा है।
बाओबाब के वृक्ष के बारे में
- क्या हैं : ऊंचे एवं विशिष्ट आकार के पर्णपाती वृक्ष
- स्थानिक प्रजाति : मेडागास्कर द्वीप
- इन्हे ‘जंगल की माँ’ के रूप में भी जाना जाता है।
- वंश : एडानसोनिया (Adansonia) वंश से संबंधित
- प्रजाति : आठ अलग-अलग प्रजातियों में शामिल हैं :
- महाद्वीपीय अफ्रीका में पाए जाने वाले ‘एडानसोनिया डिजिटाटा (Adansonia digitata)’
- उत्तर-पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में ‘एडनसोनिया ग्रेगोरी (Adansonia gregorii)’ और
- मेडागास्कर में पाई जाने वाली छह अन्य प्रजातियां।
- भारत में उपस्थिति : कुछ बाओबाब वृक्ष मौजूद
- इसमें आंध्र प्रदेश के गोलकुंडा किले के पास स्थित 400 वर्ष से अधिक पुराना वृक्ष भी शामिल है।
विशेषताएं
- अत्यधिक ऊंचाई : 50 मीटर तक की लंबाई
- दीर्घ जीवनकाल : लगभग 2000 वर्षों तक संभव
- विशेष आकृति : तने बड़े घेरे वाले और शाखाएँ पतली व धुरीदार
- उल्टे वृक्ष की संज्ञा : इनका शीर्ष उखाड़े हुए वृक्ष जैसा दिखाई देने के कारण ‘उल्टा पेड़’ की संज्ञा
- एक अरबी किंवदंती है कि शैतान ने इस वृक्ष को उखाड़ दिया और शाखाओं को मिट्टी में दबा दिया तथा जड़ों को हवा में छोड़ दिया।
उपयोगिता
- भोजन : फल एवं बीज खाने योग्य
- बीज से प्राप्त तेल का प्रयोग खाना पकाने के लिए किया जाता है।
- वस्त्र निर्माण : इन वृक्षों के छाल के रेशे कपड़ा निर्माण के लिए उपयोगी
- सांस्कृतिक महत्व : इनके हिस्सों के विभिन्न प्रयोगों के कारण स्थानीय संस्कृतियों में पूजनीय
कादर आदिवासी
हाल ही में, तमिलनाडु के अन्नामलाई टाइगर रिजर्व में हाथी के हमले में एक कादर आदिवासी की मौत से स्थानीय समुदाय एवं संरक्षणवादी अत्यधिक चिंतित है क्योंकि कादर समुदाय सदियों से जंगली हाथियों के साथ सह-अस्तित्व में रहने के लिए जाने जाते हैं।
कादर आदिवासी समुदाय
- कादर दक्षिण भारत में एक छोटा स्थानीय आदिवासी समुदाय हैं। ये केरल में कोचीन एवं तमिलनाडु में कोयंबटूर के बीच पहाड़ी क्षेत्रों में निवास करते हैं।
- कादर आदिवासी समुदाय केरल के पांच आदिम जनजातीय समूहों में से एक हैं, जहां वे राज्य की कुल जनजातीय आबादी का लगभग 5% हैं।
- केरल में कादर जनजाति को विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (PVTG) के रूप में सूचीबद्ध किया गया है, लेकिन तमिलनाडु में नहीं।
- इनके द्वारा द्रविड़ परिवार की तमिल एवं कन्नड़ भाषाएँ बोली जाती हैं।
कादर समुदाय का आर्थिक स्वरुप
- ये पारंपरिक वन निवासी हैं जो जीविका के लिए वन उपज पर निर्भर हैं। ये स्थायी कृषि नहीं करते हैं।
- इनके आश्रय स्थल पत्तों से बने होते हैं।
- ये रोजगार की जरूरतों के आधार पर स्थान बदलते रहते हैं।
- कादर एकत्रित भोजन पर निर्वाह करने के बजाय व्यापार या मजदूरी के माध्यम से प्राप्त अन्न (मुख्यतः चावल) पसंद करते हैं।
- ये व्यापार के लिए शहद, मोम, साबूदाना, इलायची एवं अदरक जैसी वस्तुएं इकट्ठा करते हैं और मैदानी व्यापारियों के साथ इनका व्यापार करते हैं।
कादर समुदाय का प्रकृति के साथ संबंध
- कादर समुदाय का प्रकृति के साथ सहजीवी संबंध है। ये कादर एवं कादु (जंगल) के सह-अस्तित्व में विश्वास करते हैं।
- ये वन संसाधनों के स्थायी उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए पारंपरिक सतत प्रथाओं का पालन करते हैं, जिससे शहद, जलाऊ लकड़ी, राल एवं जड़ी-बूटियों जैसे संसाधनों के पुनर्जनन के लिए समय मिलता है।
लॉरेंस वोंग- सिंगापुर के नये प्रधानमंत्री
- हाल ही में लॉरेंस वोंग ने सिंगापुर के प्रधान मंत्री पद की शपथ ली
- इन्होने सिंगापुर के प्रधानमंत्री के रूप में ली सीन लूंग का स्थान लिया
- सिंगापुर के पहले प्रधान मंत्री ली कुआन यू थे।
सिंगापुर
- यह मलय प्रायद्वीप के दक्षिणी छोर पर स्थित है।
- इसे वर्ष 1963 में ब्रिटेन से स्वतंत्रता मिली
- अवस्थिति -
- पश्चिम में मलक्का जलसन्धि
- दक्षिण में सिंगपुर जलसन्धि
- पूर्व में दक्षिण चीन सागर
- उत्तर में जोहोर जलसन्धि
- राष्ट्रपति - थर्मन शनमुगरत्नम
- राजधानी - सिंगापुर
- मुद्रा - सिंगापुर डॉलर
संयुक्त अरब अमीरात का ब्लू रेजीडेंसी वीज़ा
चर्चा में क्यों
- हाल ही में संयुक्त अरब अमीरात ने ब्लू रेजीडेंसी वीज़ा लॉन्च किया
- ब्लू रेजीडेंसी वीज़ा
- इसका उद्देश्य वैश्विक पर्यावरणीय बुद्धिजीवियों को आकर्षित करना है।
- यह वीज़ा पर्यावरण संरक्षण से जुड़े व्यक्तियों को दीर्घकालिक निवास प्रदान करेगा।
- इस वीज़ा की अवधि 10 वर्ष होगी
- इसके लिए निम्नलिखित व्यक्ति आवेदन कर सकते हैं-
- अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण संगठनों के सदस्य
- पर्यावरण पुरस्कार विजेता
- पर्यावरणीय शोधकर्ता
- प्रतिष्ठित पर्यावरण कार्यकर्ता; आदि
संयुक्त अरब अमीरात
- यह पश्चिमी एशिया में अरब प्रायद्वीप पर स्थित देश है
- इसकी सीमा ओमान और सऊदी अरब से लगती है
- राजधानी - अबू धाबी
- मुद्रा - यूएई दिरहम (AED)
प्रश्न - हाल ही में किस देश ने ब्लू रेजीडेंसी वीज़ा लॉन्च किया ?
(a) सऊदी अरब
(b) क़तर
(c) सिंगापुर
(d) संयुक्त अरब अमीरात
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दुनिया का सबसे अधिक ऊंचाई पर स्थित प्रतियोगी स्विमिंग पूल
- हाल ही में विश्व का सबसे अधिक ऊंचाई पर स्थित प्रतियोगी स्विमिंग पूल का निर्माण भूटान में किया गया
- यह समुद्र तल से 8200 फीट की ऊंचाई पर स्थित है।
- इसे वर्ल्ड एक्वेटिक्स द्वारा बनाया गया है।
- इसके निर्माण का उद्देश्य इस क्षेत्र में जलीय खेलों को बढ़ावा देना है
- यह पूल्स फॉर ऑल कार्यक्रम का हिस्सा है।
पूल्स फॉर ऑल कार्यक्रम
- पूल्स फॉर ऑल कार्यक्रम की शुरुआत वर्ष 2019 में की गई थी।
- इसका उद्देश्य वर्ल्ड एक्वेटिक्स फेडरेशन के प्रत्येक सदस्य को जलीय खेलों को बढ़ावा देने के लिए सुविधाओं तक पहुंच प्रदान करना था
वर्ल्ड एक्वेटिक्स
- वर्ल्ड एक्वेटिक्स की स्थापना 19 जुलाई 1908 को हुई थी
- इसका मुख्यालय लॉज़ेन, स्विट्ज़रलैंड में है
- यह जलीय खेलों की अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के संचालन के लिए अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति द्वारा मान्यता प्राप्त अंतरराष्ट्रीय महासंघ है
'झिल्ली की सतह संशोधन तकनीक'
चर्चा में क्यों ?
- हाल ही में भारतीय पेट्रोलियम एवं ऊर्जा संस्थान ने नदी के गंदे जल के संशोधन की एक विधि की खोज की।
- इसका नाम 'झिल्ली की सतह संशोधन तकनीक' रखा गया है।
'झिल्ली की सतह संशोधन तकनीक'
- इस विधि में जल निकाय की सतह को संशोधित किया जाता है, ताकि जल में ऑक्सीजन का स्तर बढ़ाया जा सके।
- गंदे जल में सूर्य का प्रकाश नहीं पहुँच पाता है और ऐसे जल में ऑक्सीजन की भी कमी हो जाती है
- यह विधि जल के संशोधन की प्रक्रिया में गैर-विषाक्त गैसों का उपयोग करती है और रसायनों की आवश्यकता को कम करती है।
- यह दूषित जल के उपचार के लिए एक पर्यावरण अनुकूल समाधान है।
- इस तकनीकी से विभिन्न क्षेत्रों में जल के उपचार में मदद मिलेगी-
- फार्मास्यूटिकल्स
- खाद्य प्रसंस्करण
- कपड़ा और जैव प्रौद्योगिकी उद्योग; आदि
भारतीय पेट्रोलियम और ऊर्जा संस्थान
- भारतीय पेट्रोलियम और ऊर्जा संस्थान एक 'राष्ट्रीय महत्व का संस्थान है
- इसकी स्थापना वर्ष 2016 में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के अंतर्गत की गई थी
- यह विशाखापत्तनम , आंध्र प्रदेश में स्थित है