शॉर्ट न्यूज़ : 20 मई , 2024
माइटोजीनोम
साहुल
विश्व मधुमक्खी दिवस
सिक्किम में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से संचालित यातायात प्रबंधन प्रणाली
आपराधिक न्याय प्रशासन पर सम्मेलन
कैल्शियम कार्बाइड
वेनेजुएला के सभी ग्लेशियर समाप्त
माइटोजीनोम
दक्षिण अफ्रीका के म्पुमलांगा प्रांत में पाए जाने वाले तेंदुओं पर किए गए ‘माइटोजीनोम’ आनुवंशिक शोध के अनुसार, इनकी उत्पत्ति लगभग 1 मिलियन वर्ष पूर्व हिमयुग के दौरान मध्य एवं दक्षिणी अफ्रीका के तेंदुओं से हुई है।
क्या है माइटोजीनोम (Mitogenome)
- डी.एन.ए. कोशिकाओं के केंद्रक के अलावा माइटोकॉन्ड्रियल जीनोम (Mitochondrial Genome) या माइटो जीनोम में भी पाया जाता है।
- माइटोजीनोम डी.एन.ए. अणु होते हैं जो कोशिका के केंद्रक के बाहर चारों ओर तैरते रहते हैं।
- इनमें विशिष्ट आनुवंशिक जानकारी का संग्रह होता है जो मातृ रूप से विरासत में मिलती है, अर्थात इसमें केवल मां से संतानों में आने वाली आनुवंशिक जानकारी ही होती है।
- ये कोशिकाओं में इतनी प्रचुर मात्रा में होते हैं कि इन्हें निकालना बहुत आसान होता है।
- माइटोजीनोम का अध्ययन किसी प्रजाति की वंशावली को ट्रैक करने का एक विश्वसनीय तरीका है क्योंकि जीन समय के साथ नियमित दर पर उत्परिवर्तन (परिवर्तन) करते हैं।
शोध अध्ययन के निष्कर्ष
- दक्षिण अफ़्रीकी तेंदुओं की उत्पत्ति दो अद्वितीय समूहों (या उप-परिवारों) से हुई है जो लगभग 0.8 मिलियन वर्ष पूर्व दक्षिणी एवं मध्य अफ़्रीका में पाए जाते थे।
- इन समूहों की उत्पत्ति संभवतः 1.6 मिलियन से 0.52 मिलियन वर्ष पहले मध्य-प्लीस्टोसीन (हिम युग) के दौरान हुई थी, जब दुनिया एक अस्थिर जलवायु की स्थिति में थी।
- प्लेइस्टोसिन युग (जिसे हिमयुग भी कहा जाता है) को गर्म एवं आर्द्र जलवायु के साथ बारी-बारी से ठंडे व शुष्क चक्रों के लिए चिह्नित किया गया है।
- इसने पूरे अफ्रीकी महाद्वीप के परिदृश्य में काफी बदलाव किए जिससे सवाना घास के मैदानों का बार-बार विस्तार एवं संकुचन हुआ।
- शुष्क अवधि के दौरान जानवरों की आबादी में भी बिखराव हुआ क्योंकि घास के मैदान रेगिस्तान में परिवर्तित हो गए।
निष्कर्षों का महत्व
- इन तेंदुओं को उचित रूप से वर्गीकृत करने में सहायता
- तेंदुए के विकास के बारे में आगे के शोध में सहायक
- वर्तमान आबादी का प्राचीन आबादी से संबंध और वर्तमान भौगोलिक उपस्थिति तक आने के उसके इतिहास की समझ से पशु संरक्षण प्रयासों को बेहतर करने में मदद
साहुल
हाल ही में, पुरातत्त्ववेत्ताओं ने अटलांटिस जैसे एक प्राचीन महाद्वीप (स्थल खंड) के साक्ष्य की खोज की है।
खोज के संबंध में प्रमुख बिंदु
- इस स्थल खंड को साहुल (Sahul) नाम दिया गया है। लगभग 7,000 दशक पहले यह स्थल खंड समुद्र की सतह से ऊपर था।
- इसने 70,000 वर्ष से भी अधिक समय पहले प्राचीन मनुष्यों को एशियाई महाद्वीप से ऑस्ट्रेलिया तक पहुंचने में मदद किया था।
साहुल का विकास
- साहुल को एक सुपरकॉन्टिनेंट या महाद्वीप कहा जा सकता है। पृथ्वी की सतह पर महाद्वीप के रूप में इसका विकास अंतिम हिमयुग (Ice Age) के मध्य काल में हुआ।
- चूँकि हिमयुग के कारण पृथ्वी पर जल स्तर के हिमनदीकरण (Glaciation) की प्रक्रिया शुरू हुई, जिससे साहुल जैसे कुछ स्थल खण्डों की भूमि हिमाच्छादित हो गई।
- यह वर्तमान ऑस्ट्रेलिया को उत्तर में पापुआ न्यू गिनी एवं दक्षिण में तस्मानिया से जोड़ता था।
- उपलब्ध आंकड़ों एवं भू-वैज्ञानिक व पर्यावरणीय परिस्थितियों की रिवर्स इंजीनियरिंग के आधार पर शोधकर्ता ने साहुल के प्राकृतिक स्थिति का सिमुलेशन (Simulation) किया।
- इन सिमुलेशन के उपयोग से यह समझने में भी मदद मिली कि मनुष्य प्रतिकूल समय में भोजन एवं आश्रय की तलाश में अपरिचित परिस्थितियों में भी दुनिया भर में बहुत तेज़ी से आगे बढ़ते रहे हैं।
विश्व मधुमक्खी दिवस
- विश्व मधुमक्खी दिवस 20 मई को मनाया जाता है ।
- इसका उद्देश्य पारिस्थितिकी तंत्र के लिए मधुमक्खियों और अन्य परागणकों की भूमिका को स्वीकार करना है।
- विश्व मधुमक्खी दिवस 2024 की थीम Bee Engaged with Youth है
- संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों ने दिसंबर 2017 में 20 मई को विश्व मधुमक्खी दिवस के रूप में घोषित करने के स्लोवेनिया के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।
- विश्व मधुमक्खी दिवस पहली बार 20 मई 2018 को मनाया गया था
- 20 मई 1734 को मधुमक्खी पालन के प्रणेता एंटोन जानसा का जन्म हुआ था।
सिक्किम में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से संचालित यातायात प्रबंधन प्रणाली
चर्चा में क्यों ?
सिक्किम परिवहन विभाग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से संचालित यातायात प्रबंधन प्रणाली शुरू करेगा।
- इसका मुख्य उद्देश्य यातायात प्रबंधन प्रणाली का आधुनिकीकरण करना और विनियामक दक्षता में सुधार करना है।
- आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पर आधारित यह प्रणाली सड़क पर चलने वाले वाहनों के कागज जैसे इंश्योरेंस, पीयूसी, फिटनेस आदि को स्वचालित तरीके से चेक करेगा और अगर किसी के कागजातों में कमी पाई जाती है, तो उस वाहन का ई-चालान जनरेट किया जाएगा।
- इसके माध्यम से रेड लाइट जंप करने, स्पीड लिमिट का उल्लंघन और अपनी लेन में नहीं चलने वाले वाहनों पर भी नजर रखी जा सकेगी।
- पहले फेज में सिक्किम में 16 जगहों पर इस सिस्टम को लगाया जाएगा। जिसके बाद पुलिस की ओर से फीडबैक लिया जाएगा और उसी आधार पर दूसरे फेज को शुरू किया जाएगा।
आपराधिक न्याय प्रशासन पर सम्मेलन
चर्चा में क्यों ?
- केंद्रीय कानून और न्याय मंत्रालय ने असम सरकार के सहयोग से गुवाहाटी में 'आपराधिक न्याय प्रणाली के प्रशासन में भारत का प्रगतिशील पथ' का आयोजन किया
- इसका उद्देश्य ब्रिटिश काल के आपराधिक कानून को निरस्त करने और देश में आपराधिक न्याय प्रणाली से संबंधित नए कानून के बारे में जागरूकता पैदा करना था।
- असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा सम्मेलन के मुख्य अतिथि थे।
- इस सम्मेलन में विभिन्न न्यायालयों के न्यायाधीशों, अधिवक्ताओं, शिक्षाविदों, कानून प्रवर्तन एजेंसियों के प्रतिनिधियों, पुलिस अधिकारियों, लोक अभियोजकों, जिला प्रशासन के अधिकारियों और उत्तर पूर्वी राज्यों के कानून के छात्रों ने भी भाग लिया।
आपराधिक न्याय प्रणाली से जुड़े नए कानून
- भारतीय न्याय संहिता, 2023 जो भारतीय दंड संहिता 1860 का स्थान लेगी
- भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 जो दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 का स्थान लेगी
- भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 2023 जो भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 का स्थान लेगा।
- ये तीन नए कानून 1 जुलाई 2024 से लागू किए जाएंगे।
कैल्शियम कार्बाइड
चर्चा में क्यों ?
- भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण ने फलों को कृत्रिम रूप से पकाने के लिए कैल्शियम कार्बाइड पर प्रतिबंध का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए व्यापारियों को सचेत किया है।
कैल्शियम कार्बाइड
- कैल्शियम कार्बाइड एक अत्यधिक प्रतिक्रियाशील यौगिक है
- इसका उपयोग आमतौर पर आम जैसे फलों को पकाने के लिए किया जाता है
- इससे एसिटिलीन गैस निकलती है जिसमें आर्सेनिक और फास्फोरस के हानिकारक अंश होते हैं।
- इसका निर्माण इलेक्ट्रिक आर्क भट्टी में चूने और कार्बन के मिश्रण को 2000 से 2100°C तक गर्म करके किया जाता है।
- इससे चक्कर आना, बार-बार प्यास लगना, जलन, कमजोरी, उल्टी और त्वचा पर अल्सर आदि गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
- इसका उपयोग खनन और धातु उद्योगों के साथ-साथ एसिटिलीन गैस के उत्पादन में भी किया जाता है।
- खाद्य सुरक्षा और मानक (बिक्री पर निषेध और प्रतिबंध) विनियम, 2011 के तहत फलों को पकाने के लिए कैल्शियम कार्बाइड के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
- भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण ने भारत में फलों को पकाने के लिए एक सुरक्षित विकल्प के रूप में एथिलीन गैस के उपयोग की अनुमति दी है।
वेनेजुएला के सभी ग्लेशियर समाप्त
चर्चा में क्यों ?
- वेनेजुएला अपने सभी ग्लेशियर को पूरी तरह गवाने वाला दुनिया का पहला देश बन गया।
- वर्ष 1910 में वेनेजुएला में 6 ग्लेशियर थे, जो 1,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले हुए थे।
- इन 6 में से 5 ग्लेशियर वर्ष 2011 तक गायब हो गए थे।
- अंतिम बचा हम्बोल्ट ग्लेशियर अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहा था।
- वैज्ञानिकों को उम्मीद थी कि हम्बोल्ट ग्लेशियर एक और दशक तक चलेगा। लेकिन यह अपेक्षा से अधिक तेज गति से पिघल गया और 2 हेक्टेयर से भी कम क्षेत्र में सिमट गया
- इसके कारण यह ग्लेशियर से बर्फ के मैदान में बदल गया।
- ग्लेशियर मूल रूप से बर्फ के बड़े और मोटे समूह हैं जो सदियों से बर्फ जमा होने के कारण भूमि पर बनते हैं।
वेनेजुएला
- वेनेज़ुएला दक्षिणी अमरीका महाद्वीप में स्थित एक देश है।
- इसकी सीमा गुयाना, ब्राजील और कोलम्बिया से लगती है।
- इसकी राजधानी काराकास है।
- वेनेज़ुएला बोलिवर, वेनेजुएला की मुद्रा है
- वेनेजुएला के पास दुनिया का सबसे बड़ा ज्ञात तेल भंडार है
प्रश्न - वेनेज़ुएला की सीमा निम्नलिखित में से किस देश से नहीं लगती है ?
(a) गुयाना
(b) ब्राजील
(c) कोलम्बिया
(d) पेरू
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