शॉर्ट न्यूज़ : 21 मई , 2024
थाईलैंड ओपन में भारत को पुरुष युगल खिताब
एलोर्डा कप-2024
भारतीय उद्योग परिसंघ के नए अध्यक्ष
मोहम्मद मोख़बर ईरान के नए राष्ट्रपति
गोपी थोटाकुरा बने पहले भारतीय अंतरिक्ष पर्यटक
कैल्शियम कार्बाइड
सिन्यूक्लिन अल्फा (Synuclein alpha)
लायन-टेल्ड मकाक
क्रिप्टोस्पोरिडिओसिस
थाईलैंड ओपन में भारत को पुरुष युगल खिताब
चर्चा में क्यों ?
- हाल ही में भारत के सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी ने थाईलैंड ओपन का पुरुष युगल खिताब जीता।
-
- इन्होने फ़ाइनल मुकाबले में चीन के चेन बो यांग और लियू यी को हराया।
थाईलैंड ओपन
- इस बैडमिंटन टूर्नामेंट का आयोजन बैंकॉक, थाईलैंड में 14 से 19 मई के बीच हुआ।
एलोर्डा कप-2024
चर्चा में क्यों ?
- हाल ही में एलोर्डा कप-2024 अस्ताना, कजाकिस्तान में आयोजित हुआ।
- यह एलोर्डा कप का तीसरा संस्करण था
- इस टूर्नामेंट में भारत ने कुल 12 पदक जीते
- इसमें निकहत ज़रीन और मीनाक्षी ने स्वर्ण पदक जीते
- भारत के 2 खिलाड़ियों ने रजत पदक और 8 खिलाड़ियों ने कांस्य पदक जीते।
एलोर्डा कप
- यह अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी टूर्नामेंट है।
- इसका आयोजन कजाकिस्तान मुक्केबाजी महासंघ द्वारा किया जाता है।
- इसका पहला संस्करण वर्ष 2022 में आयोजित हुआ था।
- इसके तीसरे संस्करण में भाग लेने वाले देशों में शामिल हैं-
- कजाकिस्तान, चीन, भारत, जापान, उज्बेकिस्तान, ईरान और ताजिकिस्तान
भारतीय उद्योग परिसंघ के नए अध्यक्ष
चर्चा में क्यों ?
- हाल ही में संजीव पुरी को वर्ष 2024-25 के लिए भारतीय उद्योग परिसंघ का अध्यक्ष चुना गया
- भारतीय उद्योग परिसंघ के अध्यक्ष के रूप में इन्होंने आर दिनेश का स्थान लिया
भारतीय उद्योग परिसंघ
- भारतीय उद्योग परिसंघ एक गैर-सरकारी, गैर-लाभकारी, उद्योग-आधारित संगठन है।
- इसकी स्थापना वर्ष 1895 में हुई थी।
- इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है।
- यह नीतिगत मुद्दों पर सरकार के साथ काम करता है
- यह सलाहकारी और परामर्शी प्रक्रियाओं के माध्यम से उद्योग, सरकार और नागरिक समाज के साथ साझेदारी करके भारत के विकास के लिए अनुकूल माहौल बनाने के लिए काम करता है।
- इसमें सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग और बहुराष्ट्रीय कंपनियों सहित निजी और सार्वजनिक क्षेत्रों से 9,000 से अधिक सदस्य हैं
- यह भारतीय उद्योग और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार समुदाय के लिए एक संदर्भ बिंदु के रूप में कार्य करता है
मोहम्मद मोख़बर ईरान के नए राष्ट्रपति
चर्चा में क्यों ?
- राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मौत के बाद उप राष्ट्रपति मोहम्मद मोख़बर देज़फुली को ईरान का अंतरिम राष्ट्रपति चुना गया है.
- ईरान में उप राष्ट्रपति पद के लिए सीधा चुनाव नहीं होता है.
- राष्ट्रपति ही उप राष्ट्रपति को चुनता है.
- ईरान के संविधान के अनुच्छेद 131 के अनुसार, राष्ट्रपति की मृत्यु की स्थिति में, उपराष्ट्रपति राष्ट्रपति की शक्तियों और जिम्मेदारियों को ग्रहण करते हैं."
- संविधान के अनुसार उपराष्ट्रपति अधिकतम पचास दिनों की अवधि के भीतर एक नए राष्ट्रपति के चुनाव की व्यवस्था करने के लिए बाध्य हैं.
ईरान
- ईरान पश्चिमी एशिया में स्थित एक देश है।
- इसकी सीमा इराक़, तुर्की, अज़रबैजान, आर्मीनिया, तुर्कमेनिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान और पाकिस्तान से लगती है
- यह उत्तर में कैस्पियन सागर और दक्षिण में फारस की खाड़ी और ओमान की खाड़ी से घिरा है।
- इसकी राजधानी तेहरान है
- ईरान की सबसे ऊँची चोटी माउंट दमावंद है।
प्रश्न - ईरान की सीमा निम्नलिखित में से किस देश के साथ नहीं लगती है ?
(a) अज़रबैजान
(b) आर्मीनिया
(c) तुर्कमेनिस्तान
(d) सीरिया
|
गोपी थोटाकुरा बने पहले भारतीय अंतरिक्ष पर्यटक
चर्चा में क्यों ?
- गोपी थोटाकुरा भारत के पहले भारतीय अंतरिक्ष पर्यटक बन गए हैं
- ये 19 मई को ब्लू ओरिजिन के न्यू शेपर्ड-25 मिशन के दल में शामिल होकर अंतरिक्ष में गए
- ये राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय हैं
- राकेश शर्मा अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय थे ये वर्ष 1984 में अंतरिक्ष में गए थे।
न्यू शेपर्ड-25 मिशन
- इस मिशन में कुल छह अंतरिक्ष पर्यटक शामिल हैं
- ये अंतरिक्ष पर्यटक लगभग 10 मिनट तक अंतरिक्ष में रहे।
- इसके बाद अंतरिक्षयान की धरती पर सुरक्षित वापसी हुई।
- यह मिशन न्यू शेपर्ड प्रोग्राम के लिए सातवीं और इसके इतिहास की 25वीं मानव उड़ान थी।
- अब तक इस प्रोग्राम के तहत 31 लोगों को कर्मन रेखा के ऊपर ले जाया चुका है।
- कर्मन रेखा समुद्र तल से 100 किमी ऊपर स्थित, यह एक काल्पनिक रेखा है
- यह पृथ्वी के वायुमंडल और बाहरी अंतरिक्ष के बीच पारंपरिक सीमा है।
कैल्शियम कार्बाइड
भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने कैल्शियम कार्बाइड पर प्रतिबंध का सख्त अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए सभी हितधारकों को सचेत किया है।
कैल्शियम कार्बाइड के बारे में
- रासायनिक सूत्र : CaC2
- उपयोग : प्राय: फलों (जैसे- आम) को कृत्रिम रूप से पकाने में।
- उत्सर्जन : एसिटिलीन गैस का उत्सर्जन
- इसमें आर्सेनिक एवं फास्फोरस के हानिकारक अंश होते हैं। इन्हें ‘मसाला’ (Masala) भी कहते हैं।
- उत्पादन प्रक्रिया : औद्योगिक रूप से लगभग 2000 डिग्री सेल्सियस पर कैल्शियम कार्बोनेट (CaCO3) एवं कोक (कार्बन) के मिश्रण से इलेक्ट्रिक-आर्क भट्टी में।
- औद्योगिक उपयोग : एसिटिलीन एवं कैल्शियम साइनामाइड (CaCN2) के उत्पादन में।
- रंग : शुद्ध कैल्शियम कार्बाइड रंगहीन
- हालाँकि, ग्रेड के आधार पर अधिकांश नमूनों का रंग काले से लेकर भूरा-सफ़ेद तक होता है।
- विनियमन : खाद्य संरक्षा एवं मानक (बिक्री पर निषेध व प्रतिबंध) विनियम, 2011 के तहत फलों को पकाने के लिए इसके उपयोग पर प्रतिबंध
- कैल्शियम कार्बाइड के सीधे संपर्क में आने पर फलों पर आर्सेनिक एवं फास्फोरस के अवशेष संभव।
- दुष्प्रभाव : चक्कर आना, बार-बार प्यास लगना, जलन, कमजोरी, निगलने में कठिनाई, उल्टी एवं त्वचा पर अल्सर जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याएँ।
एथिलीन गैस : कैल्शियम कार्बाइड का विकल्प
- FSSAI ने भारत में फलों को पकाने के लिए एक सुरक्षित विकल्प के रूप में ‘एथिलीन गैस’ के उपयोग की अनुमति दी है।
- एथिलीन फलों में प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला एक हार्मोन है, जो रासायनिक एवं जैव-रासायनिक गतिविधियों से फल पकने की प्रक्रिया को नियंत्रित करता है।
- कच्चे फलों को एथिलीन गैस से उपचारित करने से पकने की प्राकृतिक प्रक्रिया शुरू हो जाती है।
- एथिलीन गैस का उपयोग फसल, किस्म एवं परिपक्वता के आधार पर 100 ppm (100 μl/L) तक की सांद्रता में किया जा सकता है।
- अन्य विकल्प के रूप में केंद्रीय कीटनाशक बोर्ड एवं पंजीकरण समिति (CIB & RC) ने आम व अन्य फलों को पकाने के लिए एथेफॉन 39% SL को मंजूरी दी है।
सिन्यूक्लिन अल्फा (Synuclein alpha)
संदर्भ
- एक हालिया अध्ययन में पाया गया है कि सिन्यूक्लिन अल्फा (SNCA) प्रोटीन के दो रूपों को संतुलित करने से पार्किंसंस को प्रबंधित करने में मदद मिल सकती है।
- परिणामस्वरूप, कई पार्किंसंस रोग शोधकर्ता चिकित्सीय उपाय के रूप में न्यूरॉन्स में SNCA प्रोटीन के प्रसार को कम करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
सिन्यूक्लिन अल्फा (SNCA) के बारे में
- SNCA एक रहस्यमय प्रोटीन है, जो न्यूरॉन्स कोशिकाओं के नाभिक के पास और दो न्यूरॉन्स के बीच जंक्शन पर पाया जाता है।
- विशेषकर, डोपामिनर्जिक न्यूरॉन्स में यह प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।
- यह उम्र से संबंधित ‘न्यूरोडीजेनेरेटिव’ (neurodegenerative) बीमारियों का एक प्रमुख कारक है, लेकिन इसकी उपस्थिति पार्किंसंस वाले मस्तिष्क में सबसे प्रमुख है।
विशेषताएं
- SNCA मुड़ने के साथ-साथ फिलामेंटस संरचनाएं (धागे जैसी संरचना) बनाने में सक्षम होता है।
- अधिकांश अन्य प्रोटीनों के विपरीत, जो पूर्वानुमानित त्रि-आयामी संरचना बनाते हैं, SNCA कई तरीकों से मुड़ सकता है।
- इस प्रोटीन की संरचना में विसंगति इसकी कार्यात्मकता को प्रभावित करती है।
- कोशिकाओं में अपनी संरचना के आधार पर SNCA दो रूपों में विद्यमान होता है :
- पहला जो कोशिकाओं के नाभिक की संरचनात्मक अखंडता में हस्तक्षेप करता है। यह रोगग्रस्त अवस्था से संबंधित है।
- दूसरा जो कोशिका को गलत तरीके से मुड़े हुए प्रोटीन को ख़राब करने की अनुमति देता है। यह स्वस्थ कोशिका के लिए महत्वपूर्ण है।
- इस प्रकार, इन दो SNCA के रूपों के बीच संतुलन बनाकर पार्किंसंस रोग के प्रबंधन की दिशा में सफलता प्राप्त की जा सकती है।
लायन-टेल्ड मकाक
लायन-टेल्ड मकाक (Lion-tailed Macaques)
- लायन-टेल्ड मकाक, जिसे सिंह-पूंछ मकाक या वांडरू (Wanderoo) के नाम से भी जाना जाता है, दक्षिण भारत के पश्चिमी घाटों का स्थानीय प्राइमेट (primate) बंदर है।
- इन बंदरों को नीलगिरि संरक्षित जैवमंडल में विशेष रूप से देखा जा सकता है।
- लायन-टेल्ड मकाक काले फर से ढके होते हैं और उनके चेहरे के चारों ओर एक आकर्षक ग्रे या सिल्वर अयाल होता है जो नर-मादा दोनों में पाया जा सकता है।
- वैज्ञानिक नाम : मकाका सिलीनस (Macaca silenus)
- संरक्षण स्थिति
- IUCN : लुप्तप्राय (Endangered : EN)
- CITES : परिशिष्ट-I
- वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 : अनुसूची-I
- खतरा : निवास स्थान का क्षरण, वाहनों की बढ़ती आवाजाही, पर्यटकों द्वारा दिए जाने वाले भोजन और अनुचित अपशिष्ट प्रबंधन ने इस प्रजाति के संकट को बढ़ाने का कार्य किया है।
- प्राकृतिक वास : जंगल में, शेर की पूंछ वाले मकाक केवल भारत के मूल निवासी हैं। ये पश्चिमी घाट की पहाड़ियों और दक्षिण-पश्चिमी भारत के पहाड़ों में रहते हैं।
- आबादी : जीव विज्ञानियों के अनुसार, जंगल में इनकी वर्तमान संख्या 3,000 से 3,500 के बीच हो सकती है।
क्रिप्टोस्पोरिडिओसिस
यूनाइटेड किंगडम के कुछ हिस्सों में क्रिप्टोस्पोरिडिओसिस (Cryptosporidiosis) एक स्वास्थ्य चिंता के रूप में उभरा है।
क्या है क्रिप्टोस्पोरिडिओसिस
- यह परजीवी क्रिप्टोस्पोरिडियम (Cryptosporidium) के कारण होने वाला एक संक्रमण है। क्रिप्टोस्पोरिडिओसिस को ‘क्रिप्टो’ के रूप में भी जाना जाता है।
- यह परजीवी अपने अपने कठोर बाह्य आवरण के कारण क्लोरीनयुक्त पानी में भी जीवित रहने में सक्षम है।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, क्रिप्टोस्पोरिडियम एक जलजनित आंत्र परजीवी (Intestinal Parasites) है जो दुनिया भर के निम्न एवं मध्यम आय वाले देशों में दस्त का कारण है।
- भूमध्यसागरीय देशों की रिपोर्टों ने विभिन्न आयु वर्ग के बच्चों, कैंसर रोगियों, क्रॉनिक किडनी रोग, हेमोडायलिसिस एवं अंग प्रत्यारोपण के मामलों में क्रिप्टोस्पोरिडिओसिस की व्यापकता का दस्तावेजीकरण किया है।
- क्रिप्टोस्पोरिडियम परजीवी के प्रकार हैं : सी. पार्वम (मुख्य मेजबान- मवेशी) और सी. होमिनिस (मुख्य मेजबान- मनुष्य)।
- परजीवी क्रिप्टोस्पोरिडियम आंतों को संक्रमित कर मल के माध्यम से उत्सर्जित होता है। इसका संचरण मुख्यत: दूषित भोजन या पानी के आकस्मिक अंतर्ग्रहण से होता है।
क्रिप्टोस्पोरिडिओसिस के लिए उत्तरदायी कारण
- जल संदूषण
- खाद्य संदूषण
- सतह संपर्क (संक्रमित मल से दूषित सतहों का स्पर्श)
- व्यक्ति-से-व्यक्ति संपर्क
क्रिप्टोस्पोरिडिओसिस के लक्षण
- सामान्यत: लक्षण संक्रमण के 2 से 10 दिनों के भीतर दिखाई देते हैं और लगभग दो सप्ताह या उससे अधिक समय तक रह सकते हैं।
- निम्न स्वच्छता वाले क्षेत्रों के निवासी और निम्न-प्रतिरक्षा वाले या प्रतिरक्षा को हानि पहुँचाने वाले व्यक्ति इससे अधिक प्रभावित होते हैं। इसके सामान्य लक्षणों में शामिल हैं :
- दस्त एवं उल्टी
- वजन में कमी आना
- पेट में ऐंठन एवं बुखार
उपचार
- स्वस्थ प्रतिरक्षा प्रणाली वाले व्यक्तियों में संक्रमण प्राय: चिकित्सा हस्तक्षेप के बिना ठीक हो जाता है। हालाँकि, विशिष्ट उपचार में मुख्य रूप से शामिल हैं :
- नाइटाज़ोक्सानाइड : संक्रमण के उपचार के लिए प्रयुक्त एक एंटीपैरासिटिक दवा
- डायरिया रोधी दवाएं : लोपरामाइड (लक्षणों को प्रबंधित करने के लिए)।
- जलयोजन : निर्जलीकरण को रोकने के लिए पर्याप्त तरल पदार्थ का सेवन करना।