शॉर्ट न्यूज़ : 22 मई , 2024
न्यू कैलेडोनिया
विलियम लाई चिंग ते - ताइवान के नए राष्ट्रपति
दीप्ति जीवनजी ने विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में जीता स्वर्ण पदक
एयरबस और SIDBI का समझौता
स्कारबोरो शोल
एस्ट्रोसैट वेधशाला
अंटार्कटिक संधि परामर्शदात्री बैठक
न्यू कैलेडोनिया
हाल ही में, दक्षिणी प्रशांत महासागर में स्थित फ्रांसीसी विदेशी क्षेत्र न्यू कैलेडोनिया में हिंसा भड़क गई।
हिंसा का कारण : नौमिया समझौते की शर्तें
- वर्ष 1998 के नौमिया समझौते की शर्तों के तहत प्रांतीय चुनावों में मतदान केवल उन लोगों और उनके बच्चों तक सीमित था, जो वर्ष 1998 से पहले न्यू कैलेडोनिया में रहते थे।
- इस समझौते का उद्देश्य स्थानीय कनक लोगों को अधिक प्रतिनिधित्व देना था, जो अल्पसंख्यक आबादी बन गए थे।
- स्थानीय कनक लोगों के पूर्वज हजारों वर्षों से इस द्वीप पर रहते रहे हैं।
- फ्रांसीसी संसद ने इस व्यवस्था को अलोकतांत्रिक माना है और कानून निर्माताओं ने कम-से-कम 10 वर्षों से न्यू कैलेडोनिया में रहने वाले लोगों को मतदाता के रूप में शामिल करने के लिए एक संवैधानिक संशोधन को मंजूरी दे दी है।
- इसके मंजूरी के बाद से ही स्थानीय समूहों द्वारा इसका हिंसक विरोध किया जा रहा है।
न्यू कैलेडोनिया के बारे में
- यह ऑस्ट्रेलिया से लगभग 1,500 किमी. पूर्व में दक्षिण पश्चिमी प्रशांत महासागर में स्थित है। यहाँ 41% मेलानेशियन कनक और 24% यूरोपीय मूल के लोग (ज्यादातर फ्रांसीसी) शामिल हैं।
- इस द्वीपसमूह का नाम वर्ष 1774 में ब्रिटिश खोजकर्ता कैप्टन जेम्स कुक द्वारा दिया गया था।
- वर्ष 1853 में फ्रांस के उपनिवेशीकरण के बाद वर्ष 1946 में न्यू कैलेडोनिया आधिकारिक तौर पर एक फ्रांसीसी विदेशी क्षेत्र बन गया था।
- इसके बाद से इस द्वीप में यूरोपीय लोगों की जनसँख्या बढ़ी और स्थानीय समुदायों को अपने अधिकारों एवं संसाधनों से समझौता करना पड़ा।
महत्व
- न्यू कैलेडोनिया, फ्रांस के कब्जे वाले इंडो-पैसिफिक में फैले पांच द्वीपीय क्षेत्रों में से एक है।
- यह प्रशांत महासागर क्षेत्र में फ्रांसीसी प्रभाव बढ़ाने की योजना का प्रमुख केंद्र है।
- यह दुनिया का तीसरा निकेल उत्पादक क्षेत्र भी है।
- न्यू कैलेडोनिया भू-राजनीतिक रूप से जटिल समुद्री क्षेत्र के केंद्र में स्थित है, जहां चीन एवं संयुक्त राज्य अमेरिका सुरक्षा और व्यापार में शक्ति व प्रभाव के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं।
विलियम लाई चिंग ते - ताइवान के नए राष्ट्रपति
चर्चा में क्यों ?
- हाल ही में विलियम लाई चिंग ते ने ताइवान के नए राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली।
- ये डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी के सदस्य हैं
ताइवान
- ताइवान, चीन के दक्षिण-पूर्वी तट से लगभग 100 मील दूर स्थित एक द्वीप है
- वर्ष 1683 से 1895 तक ताइवान पर चीन के चिंग राजवंश का शासन था
- चीनी कम्युनिस्ट सेना से हार के बाद चैंग काई शेक और उनके सहयोगी चीन से भागकर ताइवान चले आए
- उसके बाद से ताइवान अपने आप को चीनी गणराज्य (Republic of China) मानता है
- ताइवान ख़ुद को एक स्वतंत्र देश मानता है
- अपना संविधान और अपने चुने हुए नेताओं की सरकार है
- वर्ष 1979 में अमेरिका ने वर्तमान चीन के साथ राजनयिक संबंध स्थापित किए और इसे चीन की एकमात्र वैध सरकार के रूप में मान्यता दी।
- वर्ष 1979 से पहले अमेरिका ने ताइवान को ही चीन के रूप में मान्यता दी थी
- चीन ने ताइवान को हमेशा से ऐसे प्रांत के रूप में देखा है जो उससे अलग हो गया है
- चीन मानता है कि भविष्य में ताइवान चीन का हिस्सा बन जाएगा
- चीन जब भी किसी देश के साथ कूटनीतिक संबंध स्थापित करता है तो उसकी सबसे अहम शर्त होती है 'वन चाइना पॉलिसी'
- इसके तहत जो देश चीन के साथ कूटनीतिक संबंध स्थापित करेंगे वो ताइवान को एक अलग देश के रूप में मान्यता नहीं दे सकते बल्कि उसे चीन का हिस्सा मानेंगे
दीप्ति जीवनजी ने विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में जीता स्वर्ण पदक
चर्चा में क्यों ?
- भारतीय पैरा एथलीट दीप्ति जीवनजी ने विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में विश्व रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीता।
- दीप्ति ने टी-20 कैटेगरी की 400 मीटर दौड़ को 55.07 सेकंड में पूरा कर नया रिकॉर्ड बनाया।
- इन्होने वर्ष 2023 में अमेरिकी एथलीट ब्रेना क्लार्क द्वारा बनाए गए रिकॉर्ड को तोड़ा।
- ब्रेना क्लार्क ने 400 मीटर की दौड़ 55.12 सेकेंड में पूरी की थी
टी-20 कैटेगिरी
- इस कैटेगिरी में उन एथलीटों को शामिल किया जाता है, जो मानसिक रूप से कमजोर होते हैं।
पैरा एथलेटिक्स विश्व चैंपियनशिप 2024
- इसका आयोजन 17 से 25 मई 2024 तक कोबे (जापान) में हो रहा है
- यह पैरा एथलेटिक्स विश्व चैंपियनशिप का 11वां संस्करण है।
- यह पहली बार है जब पूर्वी एशिया में पैरा एथलेटिक्स विश्व चैंपियनशिप का आयोजन हो रहा है।
- पैरा एथलेटिक्स में ऐसे खिलाडी भाग लेते हैं जिनमें शारीरिक भिन्नताएं और विभिन्न प्रकार की विकलांगताएं होती हैं
एयरबस और SIDBI का समझौता
चर्चा में क्यों ?
- हाल ही में एयरबस हेलीकॉप्टर और भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (SIDBI) ने एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए।
- इसके तहत एयरबस हेलीकॉप्टर और SIDBI भारत में संभावित नागरिक हेलीकॉप्टर ऑपरेटरों की पहचान करेंगे जो हेलीकॉप्टर खरीदने के लिए वित्तपोषण समाधान में रुचि रखते हैं।
- एयरबस तकनीकी और हेलीकॉप्टर उद्योग का ज्ञान उपलब्ध कराएगा तथा SIDBI वित्तपोषण करने के लिए जिम्मेदार होगा।
भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (SIDBI)
- यह भारत की एक प्रमुख विकास वित्तीय संस्था है।
- इसकी स्थापना वर्ष 1990 में हुई थी।
- इसका मुख्यालय लखनऊ, उत्तर प्रदेश में है।
- यह सूक्ष्म और लघु क्षेत्रों में उद्योगों को बढ़ावा देने, वित्तपोषण और विकास करने के लिए देश की प्राथमिक संस्था है।
- यह लघु उद्योग इकाइयों को प्राथमिक ऋण संस्थानों द्वारा दिए गए ऋणों का पुनर्वित्त करता है तथा उन्हें संसाधन भी उपलब्ध कराता है।
प्रश्न - भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (SIDBI) का मुख्यालय कहाँ स्थित है ?
(a) लखनऊ
(b) दिल्ली
(c) हैदराबाद
(d) कानपुर
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स्कारबोरो शोल
चर्चा में क्यों ?
- फिलीपींस ने चीन को स्कारबोरो शोल की अंतरराष्ट्रीय जांच कराने के लिए कहा है
- फिलीपींस ने चीन पर इस शोल के समुद्री पर्यावरण को नष्ट करने का आरोप लगाया है।
स्कारबोरो शोल
- स्कारबोरो शोल फिलीपींस से लगभग 220 किलोमीटर दूर स्थित दक्षिण चीन सागर में छोटी चट्टानों और द्वीपों की एक श्रृंखला है
- यह चीन और फिलीपींस के बीच विवाद का प्रमुख बिंदु है , दोनों ही देशों का दावा है कि यह शोल उनके क्षेत्र के भीतर है
- वर्ष 2012 से यह चीन के नियंत्रण में है
- चीन इस तटवर्ती क्षेत्र को हुआंगयान द्वीप कहता है , और इस क्षेत्र पर ऐतिहासिक आधार पर दावा करता है, उसके अनुसार इस क्षेत्र पर उसका स्वामित्व युआन राजवंश से जुड़ा है।
- फिलीपींस भूगोल के आधार पर इस क्षेत्र पर दावा करता है , क्योंकि यह फिलीपींस के मुख्य द्वीप लूजोन के काफी करीब है और उसके विशेष आर्थिक क्षेत्र में स्थित है
एस्ट्रोसैट वेधशाला
चर्चा में क्यों ?
- भारतीय खगोलविदों ने एस्ट्रोसैट वेधशाला के माध्यम से ब्लैक होल के आसपास गैस अभिवृद्धि और सापेक्ष जेट निर्माण की भौतिकी पर एक महत्वपूर्ण खोज की है।
- इस खोज में एक असामान्य विस्फोट चरण के दौरान ब्लैक होल बाइनरी सिस्टम से उत्सर्जित उच्च-ऊर्जा एक्स-रे फोटॉनों के 'अनियमित मॉड्यूलेशन' का अवलोकन शामिल है।
एस्ट्रोसैट वेधशाला
- यह पहला समर्पित भारतीय खगोल विज्ञान मिशन है जिसका उद्देश्य एक्स-रे, ऑप्टिकल और यूवी स्पेक्ट्रल बैंड में एक साथ आकाशीय स्रोतों का अध्ययन करना है।
- यह भारत की पहली समर्पित बहु-तरंगदैर्ध्य अंतरिक्ष वेधशाला है
- इसे वर्ष 2015 में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपण यान पीएसएलवी द्वारा भूमध्य रेखा से 6 डिग्री के कोण पर झुकी हुई 650 किमी की कक्षा में प्रक्षेपित किया गया था
- इसका न्यूनतम उपयोगी जीवन लगभग 5 वर्ष है।
- इसके प्रमुख उद्देश्य हैं -
- न्यूट्रॉन सितारों और ब्लैक होल वाले बाइनरी स्टार सिस्टम में उच्च ऊर्जा प्रक्रियाओं को समझना
- न्यूट्रॉन सितारों के चुंबकीय क्षेत्र का अनुमान लगाना
- हमारी आकाशगंगा से परे स्थित तारा प्रणालियों में तारा जन्म क्षेत्रों और उच्च ऊर्जा प्रक्रियाओं का अध्ययन करना।
अंटार्कटिक संधि परामर्शदात्री बैठक
चर्चा में क्यों ?
- अंटार्कटिक संधि परामर्शदात्री की 46वीं बैठक का आयोजन 20 से 30 मई तक कोच्चि में किया जा रहा है।
- इसकी मेजबानी अंटार्कटिक संधि सचिवालय और राष्ट्रीय ध्रुवीय और महासागर अनुसंधान केंद्र द्वारा की जा रही है।
- अंटार्कटिक संधि परामर्शदात्री बैठक के प्रमुख उद्देश्य हैं -
- वर्ष 1961 में लागू हुई अंटार्कटिक संधि के सिद्धांतों और उद्देश्यों पर चर्चा करना।
- अंटार्कटिका में वैज्ञानिक अनुसंधान और टिकाऊ संसाधन प्रबंधन पर अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना।
अंटार्कटिक संधि
- यह एक बहुपक्षीय समझौता है।
- इसका उद्देश्य सभी के हितों में यह सुनिश्चित करना है कि अंटार्कटिका का हमेशा शांतिपूर्ण उद्देश्यों हेतु उपयोग किया जाता रहेगा और अंतर्राष्ट्रीय विवाद की वस्तु नहीं बनेगा।
- इस संधि द्वारा किसी भी देश द्वारा अंटार्कटिक महाद्वीप पर दावेदारी संबंधी विवाद पर रोक लगा दी गई।
- भारत वर्ष 1983 से अंटार्कटिक संधि का सदस्य है।
राष्ट्रीय ध्रुवीय एवं महासागर अनुसंधान केंद्र
- यह एक स्वायत्त अनुसंधान एवं विकास संस्थान है।
- इसकी स्थापना 25 मई 1998 को पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के तहत की गई।
- पहले इसे राष्ट्रीय अंटार्कटिक और महासागर अनुसंधान केंद्र के रूप में जाना जाता था।
- यह ध्रुवीय और दक्षिणी महासागर क्षेत्रों में देश की अनुसंधान गतिविधियों के लिए जिम्मेदार है।