शॉर्ट न्यूज़ : 27 मई , 2024
IMD द्वारा वर्षा के लिए जारी चेतावनी
कुक्करहल्ली झील
चक्रवात रेमल
IMD द्वारा वर्षा के लिए जारी चेतावनी
संदर्भ
- केरल में मानसून पूर्व हो रही बारिश के बीच भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने राज्य के दो जिलों में रेड अलर्ट जारी किया है। केरल में समय से पूर्व ही 30 मई 2024 तक मानसून पहुँचने का अनुमान व्यक्त किया गया है।
IMD द्वारा जारी अलर्ट
- लोगों को मौसम की घटनाओं और उनकी गंभीरता के बारे में सूचित रखने के लिए IMD चार रंग-कोडित चेतावनी (हरा, पीला, नारंगी और लाल) जारी करता है।
- ये चेतावनी खराब मौसम की स्थिति जैसे बारिश, बर्फबारी, आंधी, तूफान, ओलावृष्टि, धूल भरी आंधी, गर्म हवाएं और ठंडी हवाएं चलने की स्थिति में जारी की जाती है।
- यह चेतावनी किसी घटना के घटित होने की संभावना और प्रभाव-आधारित मूल्यांकन से संबंधित होती है, जो अधिकतम पाँच दिनों के लिए वैध होती है।
वर्षा के लिए जारी चेतावनी
ग्रीन अलर्ट (Green Alert)
- ग्रीन अलर्ट यह दर्शाता है कि यद्यपि मौसम संबंधी घटना संभव है, किन्तु किसी विशेष सलाह की आवश्यकता नहीं है।
- इस अलर्ट में 5 सेमी तक की वर्षा होने की सम्भावना रहती है।
- इस अलर्ट बाढ़ का खतरा बहुत कम रहता है।
येलो अलर्ट (Yellow Alert)
- मौसम विभाग की ओर से खराब मौसम के बारे में बताने के लिए येलो अलर्ट जारी किया जाता है।
- येलो अलर्ट का मतलब होता है कि मौजूदा स्थिति में खतरा नहीं है, लेकिन कभी भी मौसम की खतरनाक स्थिति आ सकती है, इसके लिए तैयार रहें।
- येलो अलर्ट जारी करने का उद्देश्य वास्तव में लोगों को सतर्क करना होता है।
- इस प्रकार की चेतवानी में 7.5 से 11 मिमी. की भारी बारिश होती है जो कि अगले 1 या 2 घंटे तक जारी रहने की संभावना होती है जिसके कारण बाढ़ आने की संभावना रहती है।
ऑरेंज अलर्ट (Orange Alert)
- ऑरेंज अलर्ट का अर्थ होता है कि मौसम खराब हो चुका है।
- मौसम विभाग के अनुसार, ऐसे में बाहर जाने से बचना चाहिए और अगर जाना जरूरी हो तो अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए।
- इस प्रकार के अलर्ट जारी किए जाने पर चक्रवात में हवा की स्पीड लगभग 65 से 75 किमी. प्रति घंटा होती है और 11 से.मी. से 20 से.मी. तक की बारिश होने की संभावना रहती है।
- इस अलर्ट में प्रभावित क्षेत्र में खतरनाक बाढ़ आने की भी आशंका होती है।
रेड अलर्ट (Red Alert)
- यह अलर्ट मौसम की खतरनाक स्थिति का संकेत होता है। मौसम विभाग द्वारा बहुत ज्यादा खराब मौसम होने की आशंका पर ही रेड अलर्ट जारी किया जाता है।
- रेड अलर्ट लोगों को सचेत करने के लिए जारी किया जाता है कि अब आपको अपनी सुरक्षा का ध्यान रखते हुए नियमों का पालन करना चाहिए।
- 'रेड अलर्ट' के तहत 24 घंटे में 20 सेमी से अधिक की भारी से अत्यधिक भारी बारिश का अनुमान रहता है।
- प्रभावित क्षेत्र में भयंकर बाढ़ आने की आशंका पर भी यह अलर्ट जारी किया जाता है।
कुक्करहल्ली झील
र्चा में क्यों
मैसूर जिला प्रशासन ने शहर के मध्य में स्थित प्रतिष्ठित कुक्करहल्ली झील के पुनरोद्धार के लिए एक व्यापक परियोजना बनाने का कार्य भारतीय राष्ट्रीय कला और सांस्कृतिक विरासत ट्रस्ट (INTACH) को सौंपा।
कुक्करहल्ली झील (Kukkarahalli Lake) के बारे में
- कुक्करहल्ली झील का निर्माण 1864 में मैसूर के कुछ हिस्सों में पीने योग्य पानी की आपूर्ति के उद्देश्य से किया गया था।
- 58 हेक्टेयर भूमि फैली कुक्करहल्ली झील, अक्षर J के आकार की है और इसकी तटरेखा लगभग 5 किलोमीटर तक फैली हुई है।
- यह झील एक महत्वपूर्ण जैव विविधता हॉटस्पॉट है और इसे एक महत्वपूर्ण पक्षी क्षेत्र (IBA) के रूप में मान्यता प्राप्त है।
- लगभग 120 से अधिक पक्षियों की प्रजातियाँ इस झील में आश्रय प्राप्त करती हैं साथ यह झील पौधों की विविधता और स्पॉट-बिल्ड पेलिकन, डार्टर, पेन्ड स्टॉर्क आदि के लिए प्रजनन क्षेत्र लिए भी जानी जाती है।
भारतीय राष्ट्रीय कला एवं सांस्कृतिक विरासत ट्रस्ट (INTACH)
- नई दिल्ली स्थित भारतीय राष्ट्रीय कला एवं सांस्कृतिक विरासत ट्रस्ट (INTACH) की स्थापना 1984 में भारत में विरासत जागरूकता और संरक्षण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की गई थी।
- यह एक गैर-लाभकारी संगठन है जो सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के तहत पंजीकृत है।
- पिछले 40 वर्षों में, INTACH ने न केवल हमारी प्राकृतिक और निर्मित विरासत बल्कि अमूर्त विरासत के संरक्षण और परिरक्षण में भी अग्रणी भूमिका निभाई है।
- यह ट्रस्ट वास्तुकला विरासत, प्राकृतिक विरासत, कला और भौतिक विरासत, अमूर्त सांस्कृतिक विरासत जैसे विभिन्न प्रभागों के माध्यम से काम करता है।
- 2007 में संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक परिषद ने INTACH को विशेष परामर्शदात्री दर्जा प्रदान किया है।
- 2007 में, INTACH ने दक्षिण एशियाई और दक्षिण-पूर्व एशियाई क्षेत्रीय पहलों पर सहयोग करने के लिए ऑस्ट्रेलिया के प्रसिद्ध विरासत नेटवर्क, ऑसहेरिटेज (AusHeritage) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।
|
चक्रवात रेमल
प्रारंभिक परीक्षा : चक्रवात रेमल
(IMD द्वारा जारी चक्रवात रेमल का मार्ग प्रक्रम)
चर्चा में क्यों?
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने बंगाल के तटीय जिलों, उत्तरी ओडिशा, मिजोरम, त्रिपुरा और दक्षिण मणिपुर में 26-27 मई को चक्रवात 'रेमल' के साथ भारी बारिश की चेतावनी जारी की।
चक्रवात रेमल के बारे में
- वर्ष 2024 में मानसून से पहले का बंगाल की खाड़ी में यह पहला चक्रवात है।
- हिंद-महासागर क्षेत्र में उष्णकटिबंधीय चक्रवातों के नामकरण की मानक परंपरा के अनुसार चक्रवात रेमल का नाम ओमान द्वारा रखा गया था।
- अरबी में रेमल का अर्थ 'रेत' होता है।
मानसून और वर्षा पर प्रभाव
- चक्रवात का मार्ग भारत में मानसून के आगमन को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकता है।
- रेमल के भारतीय तट को लक्षित करने से, मानसून के आगमन में सहायता हो सकती है।
- इसके विपरीत, म्यांमार के उत्तर की ओर बढ़ने से मानसून के आगमन में देरी हो सकती है।
- अभी तक, आईएमडी ने 31 मई के आसपास केरल में मानसून की शुरुआत का अनुमान लगाया है।