Current Affairs 08-Feb-2021
भारत, यूरोपीय संघ (ई.यू.) के साथ निवेश और व्यापार समझौते पर पुन: बातचीत शुरू करने की योजना बना रहा है। ऐसे में यूरोप की वर्तमान राजनीतिक व रणनीतिक स्थिति और बढ़ते विभाजन पर ध्यान देना आवश्यक है।
Current Affairs 05-Feb-2021
भारत की लगभग 60% आबादी कृषि पर निर्भर है, जबकि जी.डी.पी में उनका योगदान महज 13-14% तक ही सीमित है। अधिकतर छोटी जोत वाले कृषक गरीबी रेखा के नीचे हैं।
Current Affairs 01-Feb-2021
कोविड महामारी के बाद से देश में लगातार सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली को मज़बूत करने की माँग की जा रही है। हाल ही में, प्रस्तुत किये गए वर्ष 2021 के बजट में सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं के लिये लगभग 2 लाख करोड़ रुपए की व्यवस्था की है।
Current Affairs 22-Dec-2020
कोविड-19 महामारी के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है। वर्ष 2009 में आई आर्थिक मंदी के बाद यह विश्व का सबसे बड़ा आर्थिक संकट है। ऐसे में, यह पड़ताल करना आवश्यक है कि वर्ष 2020-21 में भारतीय अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन कैसा रहा और वर्ष 2021-22 में इसके लिये क्या संभावनाएँ हैं?
Current Affairs 20-Nov-2020
वर्तमान में विश्व की लगभग सभी अर्थव्यवस्थाएँ महामारी और तालाबंदी की दोहरी मार का सामना कर रही हैं। भारत में बेरोज़गारी में निरंतर वृद्धि हो रही है तथा नौकरियों का वादा और बेरोज़गारी की राजनीति का मुद्दा यहाँ लम्बे समय से बना हुआ है।
Current Affairs 20-Oct-2020
हाल ही में, आई.एम.एफ. द्वारा जारी ‘वैश्विक आर्थिक दृष्टिकोण’ के नवीनतम आँकड़ों के अनुसार बांग्लादेश प्रति व्यक्ति जी.डी.पी. में भारत से आगे निकल गया है।
Current Affairs 07-Sep-2020
हाल ही में, राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय(एन.एस.ओ.) ने जी.डी.पी. के नए तिमाही आँकड़े जारी किये हैं।नवीन आँकड़ों के अनुसार 2019 में इसी अवधि (अप्रैल-जून) की तुलना में 2020 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में भारत के सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि के बजाए 23.9% का संकुचन देखा गया।
Current Affairs 07-Jun-2020
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ‘जी-11’ (G-11) नाम से एक नए समूह का प्रस्ताव दिया है। G-11समूह एक प्रकार से G-7समूह का विस्तार होगा। G-7 या ‘ग्रुप ऑफ सेवन’ एक अंतरसरकारी आर्थिक संगठन है।
Current Affairs 26-May-2020
वर्तमान में, विश्व में सामरिक व भू-राजनीति परिदृश्य में तेज़ी से बदलाव देखे जा रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय सम्बंधों में नए सिद्धांतों का उद्भव हो रहा है। इसकी शरुआत सोवियत विघटन के समय से देखी जा सकती है।
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